________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भरणपोषण करने वाला आदि,-र: 1. बोझा, भार, / रगमंच पर अभिनय करने वाला पात्र-तत्किमित्यवजन---खरत्रये भरं कृत्वा पंच०१, "अपने तीन दासते भरता:---मा० 15 5. भाड़े का सैनिक, केवल खुरों पर ही अपने आपको सहारा देने वाला", फल- धन के लिए काम करने वाला नौकर 6. जंगली, भरपरिणामश्यामजम्बु-आदि--उत्तर० 2 / 20, भर- पहाड़ी 7. अग्नि का विशेषण / सम-अग्रजः 'भरत व्यथा---मुद्रा० 2 / 18 2. बड़ी संख्या, बड़ा परिमाण, का ज्येष्ठ भ्राता', राम का विशेषण-रघु०१४।७३, संग्रह, समुच्चय----धत्ते भरं कुसुमपत्रफलावलीनाम् -----खण्डम् भारत के एक भाग का नामान्तर,- —भामि० 1394,54, शि० 9 / 47 3. प्रकाय, राशि (वि०) भरतशास्त्र या नाट्यशास्त्र का ज्ञाता, 4. आधिक्य-नियंढसौहृदभरेति गुणोज्ज्वलेति–मा० -पुत्रक: अभिनेता-वर्षः भरत का देश अर्थात भारत, ६।१७,शोभाभरैः संभता:-भामि० 11103, कोपभरेण --वाक्यम् नाटक के अन्त में दिया गया श्लोक, एक —गीत० 3 / 7 तोल की एक विशेष माप / प्रकार की नान्दी (नाट्यशास्त्र के प्रवर्तक भरत मुनि भरटः [ भृ+अटन् ] 1. कुम्हार 2. सेवक / के सम्मानार्थ कहा गया)-तथापीदमस्तु भरतवाक्यम् भरण (वि.) (स्त्री०-णी) [भ-ल्यूट] धारण करने (प्रत्येक नाटक में उपलब्ध)। वाला, निर्वाह करने वाला, सहारा देने वाला, पालन | भरथः [ भू+अथ ] 1. प्रभुसत्ता प्राप्त राजा 2. अग्नि पोषण करने वाला, णम् 1. पालन-पोषण, निर्वाह 3. संसार के किसी एक प्रदेश की अधिष्ठात्री देवी, करना, सहारा देना--रघु० 121, श० 7 / 33 लोकपाल। 2. वहन करने या ढोने की क्रिया 3. लाना, प्राप्त | भरद्वाजः [भ्रियते मरुद्भिः भू+अप =भर, द्वाभ्यां जायते करना 4. पुष्टिकारक भोजन 5. भाड़ा, मजदूरी, .. णः द्वि+जन ड-द्वाज, भरश्चासो द्वाजश्च -- कर्म० भरणी नामक नक्षत्र। स०] 1. सात ऋषियों में से एक का नाम 2. चातक भरणी [भरण- डोष ] तीन तारों का पुंज जो दूसरा पक्षी। नक्षत्र है, सम० -भः राहु का विशेषण / भरित (वि.) [ भर+इतच ] 1. परवरिश किया गया, भरण्डः [भू+कण्डन् ] 1. स्वामी, प्रभु 2. राजा, शासक पाला-पोसा गया 2. भरा हुआ, भरपूर--जगज्जालं 3. बैल, सांड़ 4. कीड़ा। कर्ता कुसुमभरसौरभ्यभरितम्-भामि० 1154, 33 / भरण्यम् [ भरण+ यत् ] 1. लालन-पालन करने वाला, | भरुः [भू+उन् ] 1. पति 2. प्रभु 3. शिव का नामान्तर सहारा देने वाला, पालन-पोषण करने वाला 2. मज- 4. विष्णु का नाम 5. सोना 6. समुद्र / दुरी, भाड़ा 3. भरणी नक्षत्र,-ण्या मजदूरी, भाड़ा। भरुजः-जा, जी ( स्त्री०) [भ इति शब्देन रुजति सम० -भुज (पुं०) भति-सेवक, भाड़े का नौकर। --भ+रुज्--क] गीदड़। भरण्युः [ भरण्य (कंडवा०)+उ] 1. स्वामी 2. प्ररक्षक भरुटकम् [ भृ+उट+कन् ] तला हुआ मांस / 3. मित्र 4. अग्नि 5. चन्द्रमा 6. सूर्य / भर्गः [भृज-+-घन ] 1. शिव का नाम 2. ब्रह्मा का भरतः [भरं तनोति-तन्-ड] 1. शकुन्तला और दुष्यन्त नाम / का पुत्र जो चक्रवर्ती राजा था। इसीके नाम पर इस | भग्यः [ भूज्+ण्यत् ] शिब का विशेषण / देश का नाम भारतवर्ष है। यह कौरव और पांडवों | भर्जन (वि.) [ भज+ ल्युट ] 1. भूनने वाला तलने का दूरवर्ती पूर्वपुरुष था 2. दशरथ की सबसे छोटी वाला, पकाने लाला 2. नष्ट करने वाला,-नम् पत्नी कैकेयी का बेटा, राम का एक भाई, यह बड़ा | 1. भूनने या तलने की क्रिया 2. कड़ाही / धर्मात्मा और पुण्यशील व्यक्ति था, राम के प्रति भर्त (पुं०) [भ-+तृच्] 1. पति-यद्भतुरेव हितमिच्छति इसकी इतनी अगाध भक्ति थो कि जब कैकेयी की तत्कलत्रम्-भर्तृ० 218, स्त्रीणां भर्ता धर्मदाराश्च गहित मांग के अनुसार राम वन में जाने को तैयार पुंसाम मा० 6 / 18 2. प्रभ, स्वामी, महत्तर--- भर्तुः हुए तो भरत को यह जानकर अत्यन्त दुःख हुआ कि शापेन- मेघ० 1, गण, भूत आदि 5. नेता, सेनाउसकी अपनी माता ने ही राम को निर्वासित किया पति, मुख्य- रघु० 7 / 41 4. भरणपोषण कर्ता, फलतः उसने अपनी प्रभुसत्ता को अस्वीकार कर भारवहनकर्ता, प्ररक्षक / सम-घ्नी अपने पति का राम के नाम (राम की खड़ाउओं को लाकर उनको वध करने वाली स्त्री,-दारकः युवराज, राजकुमार, राज्यप्रतिनिधि के रूप में सिंहासन पर रखकर) से तब उत्तराधिकारी, कुमार (नाटक में बहुधा प्रयक्त तक राज्य प्रशासन किया जबतक कि चौदहवर्ष का संबोधन),-दारिका युवराज्ञी (नाटकों में प्रयुक्त निर्वासन समाप्त करके राम वापिस अयोध्या नहीं संबोधन शब्द),-प्रतम पातिव्रत, पतिभक्ति (ता) आये 3. एक प्राचीन मनि का नाम जो नाट्यकला साध्वी पतिव्रता पत्नी-तु० पतिव्रता,-शोकः पति तथा संगीतविद्या के प्रवर्तक माने जाते हैं 4. अभिनेता की मृत्यु पर शोक,-हरिः एक प्रसिद्ध राजा जो तीन For Private and Personal Use Only