________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 822 ) म्लिष्ट (वि०) [म्लेच्छ+वत नि० साधु:] 1. अस्फुट बोला | (बर्बर) रहते हों, विदेश या असभ्य देश मनु० 2 / 23, हुआ (मानों बर्बर लोगों ने बोला हो) 2. अस्पष्ट | -भाषा विदेशी भाषा,-भोजन: गेहूँ.(--नम्) जौ, असभ्य (बर्बर), असंस्कृत 3. कुम्हलाया हुआ, मुझाया -वाच् (वि०) बर्बर जाति की या विदेशी भाषा हुआ,-ष्टम् अस्फुट या असंस्कृत भाषण / बोलने वाला। म्लच, म्लुञ्च, दे० ग्रुच्, मुञ्च् / म्लेच्छित (भू० क० कृ०) [म्लच्छ+क्त] अस्फुट रूप से म्लेच्छ या म्लेछ (भ्वा० पर०, चुरा० उभ० म्लेच्छति, | या बर्बरतापूर्वक बोला हआ,-तम विदेशी भाषा म्लेच्छयति, म्लिष्ट, म्लेच्छित) अव्यवस्थित रूप से 2. व्याकरण विरुद्ध शब्द या भाषण। बोलना, अस्फुट स्वर से बोलना, या बर्बरतापूर्वक म्लेट, म्लेड (म्लेट ड - ति) पागल होना / बोलना। म्लेव (भ्वा० आ० म्लेवते) पूजा करना, सेवा करना। म्लेच्छः (म्लेच्छ-घाः] 1. असभ्य, अनार्य (जो संस्कृत | म्ल (भ्वा० पर० म्लायति, म्लान) मुर्माना, कुम्हलाना भाषा न बोलता हो, जो हिन्दू या आर्य पद्धतियों का -म्लायतां भुरुहाणां---भामि० 1136, शि० 5 / 43 पालन न करता हो), विदेशी,-ग्राह्या म्लेच्छप्रसिद्धिस्तु 2. थक जाना, निढाल होना, श्रान्त या क्लांत होना; विरोधादर्शने सति-जै० न्या०, म्लेच्छान मर्छयते पथि..... मम्लतुर्न मणिकुट्टिमोचितौ - रघु० 11 / 9; - या म्लेच्छनिवहनिधन कलयसि करवालम् भट्टि० 1416 3. उदास या खिन्न होना; उत्साहहीन --गीत० 1 2. जाति से बहिष्कृत, नीच मनुष्य, या हतोत्साह होना मम्लौ साथ विषादेन काव्य बौधायन 'म्लेच्छ' शब्द की परिभाषा देता ह 10, म्लायते मे मनो हीदम्-महा० 4. पतला, या -गोमांसखादको यस्तु विरुद्धं बहु भाषते, सर्वाचार- कृशकाय होना 5. ओझल होना, नष्ट होना परि , विहीनश्च म्लेच्छ इत्यभिधीयते 3. पापी, दुष्ट पुरुष, 1. मुझाना, कुम्हलाना, परिम्लान मुखश्रियम्- कु० -च्छम् तांबा। सम० -- आख्यम् तांवा,---आशः गेहूँ 2 / 2 रघु० 14150 2. खिन्न या निरुत्साहित होना, ---आस्यम,--मुखम् तांबा---कन्दः लहसून,-जातिः प्रमुभानमा प्र-, 1. मुनिा , कुम्हलाना 2. उदास या खिन्न होना (स्त्री०) असभ्य, जंगली (बर्बर) जाति, पहाड़ी, 3. निढाल होना 4. मलिन या गन्दा होना, मैला डोनामला बर्बर,--देशः,-मण्डलम् वह देश जहाँ अनार्य लोग | होना। यः[या-|-ड11. जो चलता है या गतिमान है, जाने यक्षों का राजा कुबेर, आवासः जंजीर का वृक्ष, वाला, गन्ता 2. गाड़ी 3. हवा, वायु 4. मिलाप ---- कर्दमः एक प्रकार का लेप जिसमें कपूर, अगर, 5. यश 6. जौ। कस्तूरी और कंकोल समान मात्रा में डाले जाते हैं यकन् (नपुं०) जिगर (पहले पाँच वचनों में इस शब्द का (कुछ अन्य विद्वानों के अनुसार चन्दन और केसर भी कोई रूप नहीं होता, कर्म०, द्वि०व०, के पश्चात् इसमें सम्मिलित किये जाते हैं (कर्पूरागुरुवस्तूरीक'यकृत्' शब्द का ही यह वैकल्पिक रूप है)। कोलर्यक्षकर्दमः अमर०, कुङ्कुमागुरुकस्तूरी कर्पूर यकृत् (नपुं०) [यं संयमं करोति कृ विवप् तुक् च ] चन्दनं तथा / महासुगन्धमित्युक्तं नामतो यक्ष जिगर, या तद्गत प्रभावशालिता। सम०-आत्मिका कर्दमः // ),- ग्रहः यक्ष या भूत प्रेतादि की बाधा से तैलचोर (भौरे के आकार का एक छोटा सा कीड़ा)। युक्त व्यक्ति, तरुः बटवृक्ष, धूपः गूगल, लोबान, - उदरम् जिगर की वृद्धि,-कोषः जिगर को ढकने --- रसः एक प्रकार का मादक पेय, राज् (पुं०) वाली झिल्ली। -राजः कुबेर का नाम, रात्रिः दीपमाला का उत्सव, यक्षः [ यक्ष्यते-यक्ष+(कर्मणि) घञ / एक देवयोनि .... वित्तः यक्ष जैसा अर्थात जो विपूलधनसंपत्ति का बिशेष जो धनसंपत्ति के देवता कुबेर के सेवक है तथा - स्वामी हो परन्तु व्यय कुछ न करे। उसके कोष और उद्यानों की रक्षा करते हैं - यक्षोत्तमा यक्षिणी [ यक्ष+इनि+डीप] 1. यक्ष जाति की स्त्री यक्षपति धनेश रक्षन्ति वै प्रासगदादिहस्ताः- हरि०, 2. कुबेर की पत्नी का नाम 3. दुर्गा की सेवा में रहने मेघ० 1, 66, भग० 10 / 23, 11122 2. एक प्रकार बाली यक्षस्त्री 4. एक अप्सरा (इसका संबन्ध का भूत-प्रेत 3. इन्द्र का महल 4. कुबेर,-क्षी यक्ष ! मर्त्यलोक वासियों से कहा जाता है)। जाति की स्त्री। सम.-अधिपः,- अधिपतिः, इन्द्रः यक्ष्मः, यक्ष्मन् (पुं०) [यक्ष+मन्, मनिन् वा ] 1. फेफड़ों For Private and Personal Use Only