________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नाम जिसे कृष्ण ने अपने बचपन में ही, मार डाला / ने पांडवों को उखाड़ने के लिए दुर्योधन की अनेक था 4. तिनिश नामक पेड़ / सम०–अरिः,-हन दुरभियोजनाओं में सहायता दी। आजकल इस (10) कृष्ण के विशेषण,--आह्वा रोहिणी नामक नाम का प्रयोग उस दुर्वत्त रिश्तेदार के लिए होता है नक्षत्र (इसका आकार 'शकट' जैसा होता है), जिसका परामर्श बर्बादी का कारण बने। सम० ...-बिलः जलकुक्कुट / ईश्वरः गरुड़, प्रपा पक्षियों को पानी पिलाने की शकटिका [ शकट+की+क+टाप, ह्रस्व:] छोटी | कुंड ---वादः 1. पक्षी की कुजन 2. मुर्गे की बाँग / गाड़ी, खिलोना-गाड़ी जैसा कि 'मृच्छकटिका' में। | शकुनी [शकुन+ङीष् ] 1. चिड़िया, गोरैया 2. एक शकन् (नपुं०) मल, विष्ठा, विशेषकर जानवरों का मल, पक्षिविशेष / लीद गोबर आदि (इस शब्द के पहले पाँच वचनों में शकुन्तः [शक-Fउन्त ] 1. एक पक्षी----अंसव्यापिशकून्तनीकोई रूप नहीं होता, कर्म० द्वि० व० से आगे विकल्प डनिचितं बिभ्रज्जटामण्डलम् / 07 / 11 2. नीलकंठ से 'शकृत्' आदेश हो जाता है)। पक्षी 3. पक्षिविशेष / शकल: [शक-कलक् ] 1. भाग, अंश, हिस्सा, टुकड़ा, शकुन्तकः / शकुन्त-कन् ] पक्षी। खण्ड (इस अर्थ में नपुं० भी)-उपशकलमेतद्भेदकं शकुन्तला [ शकुन्तैः लायते-ला घा) क--टाप् ] विश्वागोमयानां ----मुद्रा० 3 / 15, रधु० 2 / 46, 570 मित्र ऋषि की तपस्या भंग करने के लिए इन्द्र द्वारा 2. बक्कल, छिलका 3. (मछली की) खाल, परत / भेजी गई मेनका अप्सरा से उत्पन्न विश्वामित्र की शकलित (बि०) [शकल+इतन् ] खण्ड-खण्ड किया। पुत्री (जब मेनका स्वर्ग गई तो वह इस बच्ची को हुआ, टुकड़े-टुकड़े किया हुआ। एकान्त जंगल में छोड़ गई, वहाँ पक्षियों ने इसका शकलिन् (वि०) [ शकल+इनि ] मछली। पालन पोषण किया, इसी लिए इसका नाम शकुन्तला शकारः (0) राजा को रखैल का भाई, राजा की उस पड़ा। बाद में वह महर्षि कण्व को मिली। कष पत्नी का भाई जिससे विधिपूर्वक विवाह न किया ने उसे अपनी पुत्री की भांति पाला। जब आखेट गया हो, अनूढा भ्राता (इसका वर्णन बहुधा मिश्रित करता हुआ दुष्यन्त कण्व ऋषि के आश्रम की ओर मिलता है, नीच कुल में जन्म लेने के कारण मुर्खता, आया तो वह शकुन्तला के लावण्य से आकृष्ट हो घमंड, आदि अवगुणों के विद्यमान रहते हुए भी गया। उसने शकुन्तला को अपनी पत्नी बनाने के राजा का साला होने के कारण इसे उच्चपद मिल लिए उसे राजी कर उससे गांधर्व विवाह कर लिया जाता है, शूद्रकरचित मृच्छकटिक नाटक में यह (दे० दुष्यन्त)। शकुन्तला से एक पुत्र पैदा हुआ, प्रमुख भाग लेता है, मिथ्या यश, हलकापन तथा इसका नाम भरत था, यह चक्रवर्ती राजा बना, इसी ओछापन इसके चरित्र की विशेषता है, बार-बार के नाम से इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। उसके उच्चसम्बन्ध का उल्लेख, उसकी उपहासास्पद शकुन्तिः [ शक् + उन्ति ] पक्षी कलनविरलं रत्युत्कंठाः मुर्खता, एवं प्रमाद तथा अपनी इच्छा की पूर्ति न ___ क्वणन्तु शकुन्तयः --उत्तर० 3 / 24 / होने पर नायिका का गला घोटने की क्रूरता इसकी शकुन्तिका [ शकुन्ति-/-कन्--टाप् ] 1.गक्षी-उत्तर० 245 योग्यता के परिचायक हैं .सा.द.८१ में इसकी 2. पक्षिविशेष 3. टिड्डी, झींगुर / / परिभाषा दी गई है मदमूर्खताभिमानी दुष्कुलतश्व शकुलः, लो [शक+उलच ] एक प्रकार की मछली / यसंयुक्तः। सोऽयमनुढाभ्राता राज्ञः श्यालः शकार सम०-अवनी एक जड़ीबूटी, कटकी या कुटकी, इत्युक्तः // - अर्भकः एक प्रकार की मछली। शकुनः [शक+उनन् ] 1. पक्षी-शकुनोच्छिष्टम्-याज्ञ० शकृत् (नपुं०) [शक्+तन् मल, विष्ठा, विशेषकर 1 / 168 2. पक्षिविशेष, चील, गिद्ध,नम् 1. सगुन, जानवरों की लोद, गोबर आदि / सम० .. करिः लक्षण, शुभाशुभ बतलाने वाला चिह्न शि० 9/83 (पुं०; स्त्री०)-फरी बछड़ा,--शकृत्करिर्वत्सः-सिद्धा०, 2. शंकासूचक सगुन / सम०- (वि.) सगनों को - द्वारम् गुदा, मलद्वार, पिण्ड:, . पिण्डकः गोबर जानने वाला, ज्ञानम् सगुनों का ज्ञान, भवितव्यता, का गोला शप्पाण्यत्ति प्रकिरति शकृत्पिण्डकानाम्रहोनहार,---शास्त्रम् वह शास्त्र जिसमें सगुनसम्बन्धी मात्रान् उत्तर० 4 / 27 / विचार किये गये है, सगुन शास्त्र / शक्करः, शक्करिः [शक+क्षिप, कृ+अच, कर्म० स०] शाकृतिः [शक+उनि] 1. पक्षी-उत्तर० 2 / 25, मन वैल, साँड़। 12 / 63 2. गिद्ध, चील, वाज 3. मुर्गा 3. गांधारराज शक्करी [ शक्कर-की ] 1. नदी : करधनी, मेखला सुबल का एक पुत्र, धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी का 3. नीच जाति की स्त्री। भाई, इस प्रकार यह दुर्योधन का मामा था। इसी शक्तम. ककृ० शिक| ] 1. योग्य, सक्षम, समय For Private and Personal Use Only