________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 987 ) वाला 2. अवरोध करन वाला, छिपाने वाला। क्त, पुक्] क्रमबद्ध, निश्चित आदि, वाच्–कु. 3. मध्यवर्ती। 5 / 68 / व्यवधिः [वि+अव+धा+कि ] आवरण, हस्तक्षेप व्यवस्थित (भू०क० कृ०) [वि+अव+स्था+क्त] 1. क्रम आदि, दे० व्यवधान। में रक्खा हुआ, समंजित, क्रमविन्यस्त 2. निश्चित, व्यवसायः [ वि+अव+सो+घा 11. प्रयत्न, चेष्टा, स्थिर-किं व्यवस्थितविषयाः क्षात्रधर्माः-उत्तर०५ ऊर्जा, उद्योग, घेर्य-करोतु नाम नीतिशो व्यवसाय- 3. फैला किया गया, निर्धारित, कानून द्वारा घोषित मितस्ततः हि० 2114 2. संकल्प, प्रस्ताव, निर्धारण 4. एक ओर रक्खा हुआ, वियुक्त 5. निकाला हुआ -मन्दीचकार मरणव्यवसायबुद्धिम् -कु० 4 / 45, (रस आदि) 6. आधारित, अवलम्बित / सम० 'मरने के संकल्प का विचार'.... भग० 2 / 41, 1036 -विभाषा निश्चित इच्छा। 3. कृत्य, कर्म, क्रिया-व्यवसाय: प्रतिपत्तिनिष्ठरः व्यवस्थिति दे० 'व्यवस्थान' / रघु० 8065 4. व्यापार, नौकरी, वाणिज्य 5. आच- व्यवहतं (पुं०) [वि+अव+ह+तुच] 1. किसी व्यवसाय रण, व्यवहार 6. उपाय, कूटयुक्ति, जुगत 7. शेखी का प्रबंधकर्ता 2. नालिश करने वाला, अभियोक्ता, बधारना 8. विष्णु / वादी या मुद्दई 3. न्यायाधीश 4. साथी, संगी। व्यवसायिन् (वि.) [ व्यवसाय-इनि ] 1. ऊर्जस्वी, व्यवहारः [वि+अव+ह+घञ्] 1. आचरण, बर्ताव, उद्योगी, परिश्रमी 2. दृढ़ संकल्पी, धैर्यवान् / कर्म 2. मामला, व्यवसाय, काम 3. पेशा, धंधा व्यवसित (भू० क० क.) [ वि+अव+सो+क्त ] | 4. लेनदेन, काम-काज 5. वाणिज्य, तिजारत, सौदा 1. प्रयास किया गया कोशिश की गई,-श०६९ गरी 6. रुपये पैसे का लेनदेन, सूदखोरी 7. प्रचलन, 2. जिम्मेवारी ली गई, 3. संकल्प किया गया, निर्धारित, प्रथा, दस्तूर, रिवाज 8. संबन्ध, मेलजोल--पंच. निश्चित 4. प्रकल्पित, आयोजित 5. प्रयत्नशील, दृढ़ 1179 1. न्यायालयी या अदालती कार्यविधि, किसी निश्चयी 6. धयवान्, ऊर्जस्वी 7. ठगा गया, छला अभियोग या मामले की छान-बीन, न्याय प्रशासन; गया, –तम् निश्चयन, निर्धारण / -व्यवहारस्तमाह्वयति, अलं लज्जया व्यवहारस्त्वां व्यवस्था [ वि+अव+स्था-+अ+टाप् ] 1. समंजन, पृच्छति-मच्छ०९ 10. कानूनी झगड़ा, अभियोग, क्रमस्थापन, निपटारा-यथा-वर्णाश्रम व्यवस्था नालिश, कानूनी मुकदमा, मुकदमेबाजी,- व्यवहारोऽयं 2. स्थिरता, निश्चितता, --रघु० 7 / 54 3. दृढ़ता, दृढ़ चारुदत्तमवलम्बते, इति लिस्यतां व्यवहारस्य प्रथमः आधार-आजहतुस्तच्चरणी पृथिव्यां स्थलारविंदधि- पादः, केन सह मम व्यवहारः-- मृच्छ० 9, रघु० 17 यमव्यवस्थाम् -कु० 1133 4. संबद्ध स्थिति 39 11. कानूनी कार्यविधि का शीर्षक, मक़दमेबाजी 5. निश्चित नियम, कानून, सविधि आदेश, निर्णय, का अवसर। सम०–अङ्गम् दीवानी और फ़ौजदारी कानूनी सलाह, कानून की लिखित घोषणा (विशेष कानूनों का समूह,– अभिशस्त (वि.) अभियोजित, कर संदिग्ध स्थलों पर या जहाँ विरोधी पाठों का दोषारोपित,-आसनम् न्यायाधिकरण. न्यायासन-रघु० समंजन करना हो 6. सहमति, संविदा 7. अवस्था, 8.18,- ज्ञः 1. जो व्यवसाय को समझता है दशा। 2. वयस्क युवा, बालिग, 3. जो न्यायालयोग कार्यव्यवस्थानम, व्यवस्थितिः (स्त्री० [वि+अवस्था विधि से परिचित हो,-तन्त्रम् आचरणक्रम, मा०४, +ल्युट, क्तिन् वा] 1. क्रमबन्धन, समाधान, निर्धा- --वर्शनम जांच, न्यायिक जांच-पड़ताल,- पवम् रण, फैसला 2. नियम, विधान, निश्चय 3. स्थिरता, व्यवहार विषय,-- पारः 1. क़ानूनी कार्यवाही की चार अचलता 4. दृढ़ता, धैर्य 5. वियोग। अवस्थाओं में से कोई सी एक 2. चौथी अवस्था व्यवस्थापक (वि.) (स्त्री०-पिका) [वि+अव+स्था अर्थात् निर्णयपाद जिसमें व्यवस्था या फैसला बतलाया णिच्+ण्वुल, पुक] 1. क्रमस्थापन करने वाला, उप- गया है, -- मातृका 1. कानूनी प्रक्रिया 2. न्यायप्रशासन यक्त क्रम में रखने वाला, समंजन करने वाला, स्थिर या न्यायालयों के निर्माण से सम्बन्ध रखने वाला कोई करने वाला, व्यवस्था करने वाला, फैसला करने भी कर्म या विषय, (इसके तीस शीर्षक गिनाये गये वाला 2. वह जो कानूनी सलाह देता है 3. प्रबन्धक है),-विधिः कानून का नियम, विधिसंहिता,- विषयः (वर्तमान प्रयोग)। (इसी प्रकार-पदम्-मार्गः, स्थानम्) कानूनी कार्यव्यवस्थापनम् [वि-+अव+स्था+णिच् + ल्युट, पुक] विधि का शीर्षक या विषय, ऐसी बात जिसमें कानुनी 1. क्रमस्थापन, उपयुक्त समंजन 2. स्थिर करना, कार्यवाही करनी चाहिए, वादयोग्य विषय (यह निर्धारण, निश्चय करना, फ़ैसला करना। विषय अठारह है, इनके नामों की जानकारी के लिए व्यवस्थापित (भू० क० कृ०) [वि+अव+स्था+णिच् | दे० मनु० 8 / 4-7) / For Private and Personal Use Only