________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विरागकारणेषु परिहृतेषु -- मुद्रा० 1 3. अरुचि, / / चिल्लाने वाला, शोर मचाने वाला 2. विलाप करने इच्छा न होना 4. सांसारिक वासनाओं के प्रति वाला,--णी 1. रोने या चिल्लाने वाली 2. झाड़। उदासीनता, राग से मुक्ति / विरिचः, विरिंचनः [वि+रिच् + अच्, ल्युट वा, मुंम् ] विराज् (पुं०) [वि+राज+क्विप ] 1. सौन्दर्य, आभा ब्रह्मा / 2. क्षत्रिय जाति का पुरुष 3. ब्रह्मा की प्रथम सन्तान, | विरिचिः [वि+रिच+इन्, मुम् ] 1. ब्रह्मा-विक्रम तु० मनु० 1132, तस्मात् विराडजायत ऋग् 10 // 146, न० 3 / 44, शि० 9 / 9 2. विष्णु 3. शिव / 905, (यहाँ 'विरांज' को पुरुष से उत्पन्न बतलाया | विरुग्ण (भू० क० कृ०) [वि+रुज्+क्त ] 1. टुकड़े गया है) 4. शरीर, स्त्री० एक वैदिक वृत्त या | टुकड़े हुआ 2. विनष्ट 3. झुका हुआ 4. ठूठा। छन्द का नाम। विरुत (भू० क० कृ०) [ वि+रु+क्त ] 1. चीखा हुआ, विराज दे० 'विराज्'। चिल्लाया हुआ 2. गुंजायमान, चीत्कारपूर्ण, तम् विराजित (भू० क० कृ०) [ वि+राज्+क्त ] 1. देदी- 1. चिल्लाना, चीखना, दहाड़ना आदि 2. चिल्लाहट, प्यमान, प्रकाशित 2. प्रदर्शित, प्रकटीकृत / ध्वनि, शोर, कोलाहल, घोष 3. गाना, भिनभिनाना, विराटः [ विशेषो राटो यत्र ] 1. भारतवर्ष के एक जिले क्जना, गुंजारना—परभृतविरुतं कलं यथा प्रतिवच का नाम 2. मत्स्य देश के एक राजा का नाम नीकृतमेभिरीदृशम् श० 4 / 9 / (पाण्डव लोगों ने एक वर्ष तक इस राजा की सेवा विरुदः,-दम् (पं०, नपुं०) 1. घोषणा करना 2. जोर में छद्मवेश में रहकर अपने अज्ञात वास का समय से चिल्लाना 3. स्तुतिपरक कविता गद्यपद्यमयी बिताया) यह उनके निर्वासन का तेरहवाँ वर्ष था / राजस्तूतिविरुदमच्यते सा० द० 570, नदन्ति विराटराज को कन्या उत्तरा का विवाह अभिमन्यु मददन्तिनः परिलसन्ति वाजिब्रजाः, पठन्ति विरुदासे हुआ। उत्तरा परीक्षित की माता थी। परीक्षित ने वली महिनमन्दिरे वन्दिनः–रस० / हस्तिनापुर में युधिष्ठिर के बाद राज्य की वागडोर विरुदितम् [विरुद+इतच्] जोरजोर से रोना घोना, सम्भाली / सम० जः एक प्रकार का घटिया हीरा, विलाप करना उत्तर० 3 / 30 (पाठान्तर)। ----पर्वन् (नपुं०) महाभारत का चौथा पर्व / विरुद्ध (भ० क. कृ०) [ विरुध्क्त] 1. बाधित, विराटकः[ विराट-कन् ] घटिया प्रकार का हीरा, हीरे रोका गया, विरोध किया गया, रुकावट डाली गई ___ की घटिया प्रकार। 2. घेरा हआ, कैद में बन्द गिया हुआ 3. विपरीत, विराणिन् (पुं०) वि+रण / णिनि ] हाथी। घेरा डाला हुआ, ताकेबन्दी की गई 4, विपरीत, विराद्ध (भू० क० कृ०) [वि+राध्+क्त ] 1. विरुद्ध, असंगत, वेमेल, असम्बद्ध 5. प्रतिकूल, विरोधी, गुणों प्रतिकृत 2. कुपित, क्षतिग्रस्त, घृणापूर्वक व्यवहृत, में विपरीत 6. परस्पर विरोधी, वैपरीत्य को सिद्ध उद्धरण देखिये वि पूर्वक 'राध्' के नीचे / करने वाला (जैसा कि तर्क में हेतू') उदा० शब्दो विराधः [ वि+राध+घञ्च ] 1. विरोध 2. सताना, नित्यः कृतकत्वात् तर्क० 7. विरोधी, उलटा, सन्तप्त करना, छेड़छाड़ 3. राम के द्वारा मारा गया शत्रुतापूर्ण 8. अननुकूल, अनुपयुक्त, 9. प्रतिषिद्ध, एक बलवान् राक्षस / वजित (भोजन आदि) 10. अशुद्ध, अनुचित, बम् विराधनम् [वि+राघ-ल्य ] 1. विरोध करना 1. विरोध, वैपरीत्य, शत्रुता 2. वैमत्य. असह 2. चोट पहुँचाना, क्षति पहुँचाना, प्रकुपित करना मति / 3. पीड़ा, वेदना। विलक्षणम् [वि+रूक्ष + ल्युट्] 1. रूखा करना विरामः [विरम+घञ 1 1. रोकना, बन्द करना 2. रक्तस्राव को रोकने का कार्य करने वाली 2. अन्त, समाप्ति, उपसंहार रजनिरिदानीमियमपि (औषधि) 3. कलंक, निन्दा 4. अभिशाप, कोसना / याति विरामम् गीत० 5, उत्तर० 3 / 16, मा० विरू(भ० क० कृ०) [वि+रूह+क्त] 1. उगाया हुआ, 9 / 34 3. यति, ठहरना 4. आवाज का रुकना या अंकुरित, फूटा हुआ मृच्छ० 119 2. उत्पादित, थमना-मच्छ० 3 / 5 6. एक छोटी तिरछी लकीर उपजाया हुआ, उत्पन्न किया हुआ 3. उगा हुआ, जो व्यंजन के नीचे लगाई जाती है, प्रायः वाक्य के | अभिवधित 4. मुकूलित, खिला हुआ 5. चढ़ा हुआ, अन्त में, हल्चिह्न 6. विष्णु का नाम / सवारों की हुई। विराल दे० विडाल'। विरूप (वि०) स्त्री० पा, पी) [विकृतं रूपं यस्य विरावः [वि++घञ] कोलाहल, शोर, ध्वनि - प्रा० ब०] 1. विरूपित, कुरूप, बदशकल, आलोकशब्दं वयसां विरावैः--रघु० 2 / 9, 16 / 31 / बदसूरत पञ्च० 1143 2. अप्राकृतिक, विकटाविराविन (वि.) [विराव+इनि ] 1. रोने वाला, कार 3. विश्वरूप, विविधरूपों वाला,-...पम् 1. कुत्सित . For Private and Personal Use Only