________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 853 ) 2. कुबेर का नाम --अन्तर्वाष्पश्चिरमनुचरो राज- राजि:-जी (स्त्री०) [राज्+इन् वा ङीप्] धारी, रेखा, राजस्य दध्यौ--मेघ० 3 3. चन्द्रमा, -रोतिः। पंक्ति, कतार—सर्व पण्डितराजराजितिलकेनाकारि (स्त्री०) कांसा, फूल, लक्षणम् 1. मनुष्य के शरीर लोकोत्तरम् --.-भामि० 4 / 44, दानराजिः-रघु. पर कोई ऐसा चिह्न, जो उसकी भावी राजकीयता 217, कि० 4 / 5 / को प्रकट करे 2. राजकीय चिह्न राजचिह्न, राज- राजिका [राजि+कन् + टाप्] 1. रेखा, पंक्ति, कतार शक्ति,--लक्ष्मीः,श्रीः (स्त्री०) राजा का सौभाग्य या 2. खेत 3. काली सरसों 4. सरसों (एक परिमाण, समृद्धि, (देवी का मूर्तरूप) राजा को कीर्ति या तोल)। महिमा-रघु० 2 / 7, वंशः राजाओं का वंश, राजिलः [राज्+इलच्] सांपों की एक सरल जाति जिसमें --वंशावली राजाओं को वंशावली, राजाओं का वंश- विष नहीं होता..कि महोरगविसर्पिविक्रमो राजिलेषु विवरण, विद्या राजकीय नीति' राजा का कौशल, गरुडः प्रवर्तते ... रघु० 11127, तु० 'डुडुभ' / राज्य को नीति, राजनीति (तु० राजनय) इसी प्रकार राजीवः [राजी दलराजी अस्त्यस्य व] 1. एक प्रकार का 'राजशास्त्रम्',--विहारः राजकीय शिक्षालय,-शासनम् हरिण 2, सारस 3. हाथी,-वम् नील कमल, कु० राजा का अनुशासन, शृङ्गम् सुनहरी डंडी का राज- 346 / सम०--अक्ष (वि.) कमल जैसी आंखों कोय छाता,---संसद् (स्त्री०) न्यायालय,--सदनम् वाला। महल, सर्षपः काली सरसों, सायुज्यम् प्रभुसत्ता, राज्ञी [राजन् + डीप, अकारलोपः] रानी, राजा की पत्नी। ---- सारसः मोर, * सूयः, -यम् एक बृहद यज्ञ जिसका राज्यम् [राज्ञो भावः कर्म वा, राजन् / यत्, नलोपः] अनुष्ठान चक्रवर्ती राजा (इसमें सहायक राजा लोग 1. राजकीयता, प्रभुसत्ता, राजकीय अधिकार-राज्येन भी भाग लेते हैं) इसलिए करते है जिससे कि प्रकट कि तद्विपरीतवृत्तेः---रघु० 2 / 53, 4 / 1 2. राजधानी, हो कि उनका राजतिलक बिना किसी विरोध के सर्व राज्य, साम्राज्य रघु० 1158 3. हकूमत, राज्य, सम्मति से हो रहा है---राजा वै राजसूयेनेष्ट्वा शासन, राज्य का प्रशासन / सम० - अगम् राज्य भवति-शत०, तु० 'सम्राट' से भी, स्कन्धः घोड़ा, का संविधायी सदस्य, राजप्रशासन की आवश्यक स्वम 1 राजकीय संपत्ति 2. राजा को दिया सामग्री, यह बहुधा सात बतलाई जाती है--स्वाम्यजाने वाला शुल्क, मालगुजारी, हंसः मराल (श्वेत मात्यसुहृत्कोषराष्ट्रदुर्गबलानि च-अमर०, अधिकारः रंग का हंस जिसकी चोंच और टांगें लाल हों) 1. राज्य पर अधिकार 2. प्रभुसत्ता का अधिकार, - संपत्स्यन्ते नभसि भवतो राजहंसाः सहायाः --मेघ० ---अपहरणम् हड़पना, बलाद् ग्रहण करना, -- अभि११, -हस्तिन् (पु०) राजकीय हाथी अर्थात् शाही षेकः राजा का राजतिलक या सिंहासनारोहण,--करः तथा सुन्दर हाथी। वह शुक्ल जो एक अधीनस्थ राजा द्वारा दिया जाता राजन्य (वि) [राजन् / यत्] शाही, राजकीय,--न्यः है, - च्युत (वि०) गद्दी से उतारा हुआ, सिंहासन-- 1. क्षत्रिय जाति का पुरुष, राजकीय व्यक्ति-राजन्यान च्युत, तन्त्रम् शासनविज्ञान, प्रशासन पद्धति, राज्य स्वपुरनिवृत्तयेऽनुमेने --- रघु० 4 / 87, 3 / 38, मेघ० का शासन या प्रशासन - मुद्रा० 1, धुरा,--भारः 48 2. श्रेष्ठ या पूज्य व्यक्ति / शासन का जुआ, सरकार का उत्तरदायित्व या प्रशाराजन्यकम् [राजन्य कन् क्षत्रियों या योद्धाओं का सन,--भङ्गः प्रभुसत्ता का विनाश, - लोभः उपनिवेश समूह। बनाने की इच्छा, प्रादेशिक वृद्धि की इच्छा,-व्यवराजन्वत् (वि०) [राजन्- मतुप्, वत्वम् ] न्यायपरायण या हारः प्रशासन, सरकारी काम-काज, सुखम् राजकीय उत्तम राजा द्वारा शासित (देश के रूप में, यह शब्द माधुर्य / राजवत--'केवल राजा से युक्त'---शब्द से भिन्न राढा (स्त्री०) 1. आभा 2. बंगाल के एक जिले का नाम, है) सुराशि देशे राजन्वान् स्यात् ततोऽन्यत्र राजवान् / उसकी राजधानी गौडं राष्ट्रमनुत्तमं निरुपमा तत्रापि - अमर०, राजन्वतीमाहुरनेन भूमिम् रघु० 6 / 22, / राढापुरी प्रबो०२ / काव्या० 3 // 6 // रात्रिः,-त्री (स्त्री०) [राति सुखं भयं वा रा+त्रिप् वा राजस ( वि० ) (स्त्री०-सी) [रजसा निर्मितम्-अण्] छीप] रात-रात्रिर्गता मतिमतां वर मुञ्च शय्याम् रजोगुण से प्रभावित या संबद्ध, रजोगुण से युक्त रघु० 5163, दिवा काकरवागीता रात्रौ तरति -ऊर्ध्वं गच्छन्ति सत्त्वस्था मध्ये तिष्ठन्ति राजसा: नर्मदाम्। सम-अट: 1. बेताल, पिशाच, भूत-प्रेत --- भग० 14 / 18, 7 / 12, 17 / 2 / 2. चोर, --अन्ध (वि०) जिसे रात को दिखाई न राजसात् (अव्य०) [राजन् | सातिराज्य में सम्मिलित दे,करः चन्द्रमा,--चरः ('रात्रिचर' भी) (स्त्री० या राजा के अधिकार में। ....रो) 1. निशाचर, डाकू, चोर 2. पहरेदार, आरक्षी, For Private and Personal Use Only