________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 918 ) केशव धुतवामनरूप जय जगदीश हरे गीत०१।। जिसे अफारा हो गया हो 2. गठिया रोग से प्रस्त, 3. दक्षिण दिशा का दिकपाल हाथी 4. पाणिनि के --जातः, तनयः, ----नन्दनः, पुत्रः--सुतः, अनुः सूत्रों पर काशिकावृत्ति नामक भाष्य के प्रणेता हनुमान् या भीम के विशेषण,-बार बादल,-मिम 5. अंकोट नामक वृक्ष। सम० . आकृति (वि.) (वि.) वात प्रकोप से पीड़ित सनकी, पागल, उन्मत्त, ठिंगना, - पुराणम् अठारह पुराणों में से एक पुराण / -पुराणम् अठारह पुराणों में से एक,-फलम् 1 ओला वामनिका [ वामनी कन्+टाप, ह्रस्वः ] ठिंगनी स्त्री। 2. इन्द्रधनुष,-भक्षः,-भक्षणः,-भुज् (पुं०)1. जो बामनी [वामन+ङीष् ] 1. बौनी स्त्री 2. घोड़ी 3. एक केवल वायु पीकर रहे, सन्यासी 2. साँप-तु. पवनास्त्रीविशेष / शनः,-रोषा रात्रि,--हरण (वि.) वायुप्रकोप के वामलूरः [ वाम+लू+रका बांबी, दीमकों द्वारा बनाया कारण अस्वस्थ-रघु० ९४६३,-वर्मन् (पुं०, नपुं०) गया मिट्टी का ढेर। आकाश, अन्तरिक्ष,-बाहः धूआं,--वाहिनी शिरा, वामा [वामति सौन्दर्यम्-वम+अण+टाप्] 1. स्त्री घमनी, शरीर की नाडी, वेग,--सम (व०) पवन 2. मनोहारिणी स्त्री-भामि० 4 / 39, 423. गौरी की भांति तेज,-सखः, सतिः (पुं०) आग। 4. लक्ष्मी 5. सरस्वती। र् (नपुं०) [+-णिच्+क्विप्] जल--भामि० 1 // 30 // वामिल (वि.) [ वाम+इलच् ] 1. सुन्दर, मनोहर सम-आसनम् जलाशय,-किटिः (वाः किटि:) 2. घमंडी, अहंकारी 3. चालाक, कपटपूर्ण। संस,..चाहं सिनी या हंस-हः बादल,-वरम् 1. जल पामी [ वाम+कीष् ] 1. घोड़ी-अथोष्ट्रवामीशतवाहितार्थ 2. रेशम 3. भाषण 4. आम का बीज 5. घोड़े के रघु० 5 / 32 2. गघी 3. हथिनी 4. गीदड़ी। गरदन की भौंरी 6. शंख,-पिः समुद्र, भवम् एक पायः [वे+घा ] वुनना, सीना / सम०-दंड जुलाहे का प्रकार का नमक,-पुष्पम् (वा: पुष्पम् ) लौंग,-भटः करचा। मगरमच्छ, घड़ियाल,मुच् (पुं०) बादल, राशिः बायकः [वे+ण्वुल्] 1. जुलाहा 2. ढेर, समुच्चय, संग्रह / समुद्र,- बटः किश्ती, नाव, -- सदनम् (वाः सदनम्) बापनम्, वायनकम् [वे+णि+ल्युट, वायन+कन्] जलाशय, टंकी,-स्थ (वि.) (वाः स्थान) जल में नैवेद्य, उत्सव के अवसर पर किसी देवता या ब्राह्मण विद्यमान / को दिया गया मिष्टान्न, उपवास रखना आदि। वारः [वृ+घञ्] 1. आवरण, चादर 2. समुदाय, बड़ी बायब (वि.) ( स्त्री०-वी ) [वायु+अण] वायु से संख्या-जैसा कि 'वारयुवति' में 3. ढेर, परिमाण संबद्ध या प्राप्त 2. हवाई। 4. रेवड़, लहंडा शि० 1856 5. सप्ताह का एक पायवीय, वायव्य (वि.) [वाय+छ, यत् वा] हवा से दिन यथा बुधवार, शनिवार 6. समय, बारी-- शश सम्बन्ध रखने वाला, हवाई। सम०--पुराणम् एक कस्य वारः समायात:-पंच० 1, रघु० 19 / 18, पुराण का नाम / अंग्रेजी के 'टाइम्ज'-Times शब्द की भांति बहुधा वापसः [वयोऽसच् णित्] 1. कौवा-बलिमिव परिभोक्तं ब० व० में प्रयुक्त, बहुवारान बहुत बार, कतिबारान् वायसास्तर्कयन्ति-मृच्छ० 1013 2. सुगन्धित अगर कितनी बार) 7. अवसर, मौका 8. दरवाजा, फाटक की लकड़ी, अगुरुकाष्ठ 3. तारपीन / सम०-अरातिः, 9. नदी का सामने का तट 10. शिव,---रम 1. मदिरा-अरिः उल्लू,-आहा एक प्रकार भक्ष्य शाक,-इभुः पात्र 2. जलौघ, जल का ढेर। सम-अंगमा-नारी, एक प्रकार का लम्बा घास / -युवति (कत्री०), - योषित् (स्त्री.), वनिता, वायुः [वा उण युक च] 1. हवा, पवन-वायुर्विधूनयति -विलासिरी,-सुन्वयी, स्त्री गणिका, बाजार चम्पकपुष्परेणून --- कवि० (इसकी उत्पत्ति के लिए स्त्री, वेश्या, पतुरिया, रण्डी-रल. 126, दे. मनु० ११७६---सात पवनमार्ग हैं---आवहः प्रवह- श्रृगार० १६,-कीरः 1. पत्नी का भाई, साला इचैव संवहश्चोद्वहस्तथा, विवहाख्यः परिवहः परावह (त्रिका के अनुसार) 2. वडवास्नि 3. कंघी 4.जू इति कमात्) 2. वायुदेवता, पवनदेवता. 3. जीवन 5..युद्ध का घोड़ा (यह अर्थ मेदिनीकोश में दिये हए के लिए महत्त्वपूर्ण पांच प्रकार का वायु गिनाया गया है) यु (बू) षा केले का वृक्ष,-मुल्या प्रधान वेश्या है-प्राण, अपान, समान, व्यान और उदान 4. वात- -वा (बा) णः,- णम् कवच, जिरह बख्तर-रघु. प्रकोप, वातरोग में ग्रस्तता। सम० -आस्पवम् 4 / 84, -वाणि: 1. बांसुरिया, मुरली बजाने वाला आकाश, अन्तरिक्ष,-केतुः धुल,-कोणः पश्चिमोत्तरी 2. वादित्र-कुशल 3. वर्ष 4. न्यायाधीश, (-गिः) कोना,-पाण्डः अफारा (जो अनपच के कारण हुआ वेश्या, -- वाणी वेश्या,-सेवा 1. वेश्यावृत्ति, रंडी का हो),-गुल्मः 1. आंधी, तूफान 2. भंवर,-गोचरः व्यवसाय 2. वेश्याओं का समुदाय। पवन का परास,--अस्त (वि०) 1. वातरोग में प्रस्त, वारक (वि०) [ वृ+णिच्+ण्वुल ] रुकावट डालने For Private and Personal Use Only