________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 931 ) काओं में से एक -मुद्रा० 11 3. एक विशेष विद्या | विजुलः[ विज-+-उलच ] शाल्मलि या सेमल का पेड / जो विश्वामित्र ने राम को सिखाई थी-भट्टि० 2 / 21 / विजृम्भणम् [ वि+जृम्भ + ल्युट्] 1. मुंह फाड़ना, जम्भाई 1. भांग 5. एक उत्सव का नाम विजयोत्सव, दे० नी० लेना 2. बौर आना, कली आना, खिलना, उन्मुक्त 6. हरीतकी। सम०-उत्सवः दुर्गादेवी के सम्मान होना, बनेष सायंतनमल्लिकानां विज़म्भणोद्गंधिषु में उत्सव जो आश्विन शुक्ला दशमी के दिन मनाया कुड़मलेषु ...रघु० 16 / 47 3. दिखलाना, प्रदर्शन जाता है, -दशमी आश्विनशुक्ला दशमी। करना, खोलना 4. फैलाना 5. मनोरंजन, आमोदविजयिन् (पुं०) [वि+जि- इनि विजेता, जीतने वाला। प्रमोद, रंगरेलियां। विजरम् [ विगता जरा स्मात् -प्रा० ब०] वृक्ष का तना। | विम्भित (भू० क० कृ०) [वि.-जुम्भ+क्त ] विजल्पः [वि.+-जल्प+घा 11. बाल कलरव, ऊटपटांग 1. मुंह फाड़ा, जम्भाई ली-मच्छ० 5 / 51 2. उद्घाटित, या मूर्खतापूर्ण बात 2. सामान्य वार्ता 3. दुर्भावनापूर्ण विकसित, फैलाया हुआ 3. प्रदर्शित, दिखाया गया, या विद्वेषपूर्ण भाषण / / प्रकट किया यया--रघु० 7 / 42 4. दर्शन दिये गये विजल्पित (भू० क० कृ०)] वि+जल्+क्त ] 1. कहा 5. खेला गया,-तम् 1. क्रीड़ा, मनोरंजन 2. अभि गया, जिससे बातें की गई 2. भोली भाली बात, बाल लाषा, इच्छा 3. प्रदर्शन, प्रदर्शनी-अज्ञानविज भितसुलभ तुतलाहट / मेतत् 4. कृत्य, कर्म, आचरण-मा० 10 // 21 / विजात (भू० क० कृ०) [विरुद्धं जातं जन्म यस्य-प्रा० विजनम्, लम् [विध+जन (जड़ - डलयोरभेदः) ब.] 1. नीच कुलोत्पन्न, वर्णसंकर 2. उत्पन्न, जन्मा +अच् ] 1. एक प्रकार की चटनी, दे० 'विजुल' हुआ 3. रूपान्तरित, ता माता, मातृका वह स्त्री 2. तीर, बाण। जिसके अभी सन्तान हुई हो। विज्जलम् (नपं0) दारचीनी / विजातिः (स्त्री० [विभिन्ना जातिः प्रा० स०] 1. भिन्न विज्ञ (वि.)[वि+ज्ञा+क11. जानने वाला, प्रतिभा मूल या जाति 2. भिन्न प्रकार, जाति, या कुटुम्ब / वान्, बुद्धिमान्, विद्वान् 2, चतुर, कुशल, प्रवीण, विजातीय (वि.) [विजाति+छ] 1. भिन्न प्रकार या -शः बुद्धिमान् या विद्वान् पुरुष / जाति का, असमान, विषम 2. भिन्न वर्ण या जाति का विज्ञप्त (भू. क. कृ.) [विज्ञप्+क्त ] सादर 3. मिली जुली जाति का। कहा गया, प्रार्थित / विजिगीषा | बि+जिसन-1-अ+टाप ] 1. जीतने की विज्ञप्तिः[विज्ञप+क्तिन ] 1. सादर उक्ति या समा या विजय प्राप्त करने की इच्छा 2. आगे बढ़ने की | चार, प्रार्थना, अनुरोध 2. घोषणा / इच्छा, प्रतिस्पर्धा, प्रतियोगिता, महत्त्वाकांक्षा। विज्ञात (भू० क० कृ०) [वि+जा+क्त ] 1. विदित, विजिगीषु (वि०) [वि+जि+सन्+उ] 1. जीत का जाना हुआ, प्रत्यक्ष ज्ञान किया हुआ 2. विख्यात, इच्छुक, विजय करने की इच्छा वाला यशसे विजि- विश्रुत, प्रसिद्ध / गोषणा --रघ०१७ 2. प्रतिस्पर्धा, महत्वाकांक्षी,-यु: विज्ञानमा विज्ञा--ल्यट] 1. ज्ञान, बद्धिमत्ता, प्रज्ञा, 1. योद्धा, शूरवीर 2. प्रतिद्वन्दी, झगड़ाल, प्रतिपक्षी। समझ,-विज्ञानमयः कोशः, 'प्रज्ञा का म्यान' (आत्मा विजिज्ञासा [ वि+-ज्ञा+सन्+आ ] स्पष्ट जानने की के पांच कोशों में से पहला) 2. विवेचन, अन्तर इच्छा / पहचानना 3. कुशलता, प्रवीणता प्रयोगविज्ञानम् विजित (भू० क० कु०) [वि+जि+क्त ] परास्त किया -श० 122 4. सांसारिक या लौकिक ज्ञान, सांसारिक हुआ, जोता हुआ, जिसके ऊपर विजय प्राप्त की गई अनुभव से प्राप्त ज्ञान (विष० 'ज्ञानम्' ब्रह्म या हो, हराया हुआ। सम० -आत्मन् (वि०) जिसने परमात्मविषयक जानकारी)- भग० 3 / 41, 72, अपनी वासनाओं का दमन कर दिया है, जितेन्द्रिय, (भग० का समस्त सातवां अध्याय ज्ञान और विज्ञान -----इन्द्रिय (वि.) जिसने इन्द्रियों का दमन कर दिया की व्याख्या करता है) 5. व्यवसाय, नियोजन है, या नियन्त्रण कर लिया है। 6. संगीत / सम० - ईश्वरः याज्ञवल्क्य स्मृति की विजितः (स्त्री०) [वि---जि--क्तिन ] जीत, फतह, मिताक्षरा नामक टीका का प्रणेता, पावः व्यास का विजय काव्या० 3 / 85 / नाम, भातकः बुद्ध का विशेषण, वादः ज्ञान का विजिनः---नम् (लः,--लम्) [विज्-+ इनच्, इलच् वा] | सिद्धान्त, बद्ध द्वारा सिखाया गया सिद्धान्त / चटनी (कांजी मिश्रित)। / विज्ञानिक (वि.) [विज्ञान+टन् ] बुद्धिमान, विद्वान विजिह्म (वि.) विशेपेण जिह्म:--प्रा० स०] 1, कुटिल दे० 'विज्ञ'। झुका हुआ, मुड़ा हुआ—कि० 1121, रघु० 19 / 35 विज्ञापकः [ वि+ज्ञा+-णिच् --- वुल, पुकागमः ] 1. सूचना 2.बेईमान / देने वाला 2. अध्यापक, शिक्षक। For Private and Personal Use Only