________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 830 ) है' आदि 3. दान करना, देना-कोन: कुले निवपनानि | यम का सेवक या टहलुआ, अन्तक: 1. शिव का नियच्छतीति ---श०६।२४ 3, सजा देना, दण्ड देना विशेषण 2. यम का विशेषण किङ्करः यम का सेवक, नियन्तव्यश्च राजभिः .. मन० 9 / 2 / 13 5. विनिय- मृत्यु का दूत, -- कोल: विष्णु,–ज (वि०) जन्म से मित करना या निदेशित करना 6. प्राप्त करना, जुड़वा, यमल - भ्रातरौ आवां यमजौ उत्तर० 6, अवाप्त करना-तालज्ञश्चाप्रयासेन मोक्षमार्ग निय- दूतः / मृत्य का दूत 2. कौवा, द्वितीया कार्तिक च्छति- याज्ञ० 3 / 115, मन्० 2193 7. धारण शुक्ला दूज जब वर्ने अपने भाइयों का सत्कार करना (प्रेर०) 1. नियंत्रित करना, वश में करना, करती हैं, भाईदूज, तु० भ्रातद्वितीया, धानी यम का विनियमित करना, रोकना, दण्ड दना---नियमयसि निवास स्थान नरः संसारान्ते विशति यमधानीजबविमार्गप्रस्थितानातदण्ड: श० 568 2. बाँधना, निकाम भर्त० 3 / 112, भगिनी यमना नदी, कसना शि० 7 / 50, रघु० 5 / 73 3. मर्यादित यातना मरणोपरांत पापियों को यम के द्वारा दी करना, हलका करना, विश्राम देना कु. 1161, जाने वाली पीड़ा (कभी-कभी इस शब्द का प्रयोग विनि-, दमन करना, नियंत्रण रखना, भग०६।२४, 'भीषण यातनाए' या 'घोर पीड़ा' प्रकट करने के सम् 1. नियंत्रित करना, दमन करना, रोकना, लिए भी किया जाता है), राज (पुं०) यम, मृत्यु नियंत्रण में रखना (आ.)-भग०६।३६, मनु० का देवता, सभा यमराज की न्यायसभा, सूर्यम् एक 211002. बांधना, कैद करना, कसना, बंदी बनाना भवन जिसमें केवल दो कमरे हो, एक का मुंह पश्चिम -वानरं मा न संयसीः - भट्रि० 9 / 50, मालवि० 17, को तथा दूसरे का उत्तर को हो। रघु०३।२०, 42 3. एकत्र करना (आ)-व्रीहीन्स- | यमकः [ यम+स्वार्थ कन् ] 1. प्रतिबंध, रोक 2. यमल यच्छते---सिद्धा० . बन्द करना, भेड़ना भग० या जुड़वाँ 3. एक महान् नैतिक या धार्मिक कर्तव्य 8 / 12 / दे० यम,~कम् 1. दोहरी पट्टी 2. (अलं० में) यमः। यम-घन 11. संयत करना, नियंत्रित करना, एक ही श्लोक में किसी भी स्थान पर शब्दों या अक्षरों दमन करना 2. नियन्त्रण, संयम 3. आत्मनियन्त्रण की पुनरावृत्ति परन्तु अर्थ की भिन्नता के साथ, एक 4. कोई महान् नैतिक कर्तव्य या धर्मसाधना (विप० प्रकार की लय (इसके कई भेदों का वर्णन- काव्या० नियम)-तप्तं यमेन नियमेन तपोऽमनैव-नै० 13 / 16, 3 / 2 / 52 में किया है) आवृत्ति वर्णसंघातगोचरां यमक यम और नियम को निम्न प्रकार से भिन्नता दर्शायी विदुः - काव्या० 1161, 3 / 1, सा० द० 640 / गई है--शरीरसाधनापेक्ष नित्यं यत्कर्म तद्यमः, निय- यमन (वि.) (स्त्री०-नी) [यम् + ल्युट् ] संयमी, मस्तु स यत्कर्म नित्यमागन्तुसाधनम् अमर, दे० दमन करने वाला, शासक आदि,-नम् 1. संयम कि० 1010 पर मल्लि० भी; यमों की संख्या करना, दमन करना, बाँधना 2. ठहरना, थमना बहुधा दस बतलाई जाती है, परन्तु भिन्न भिन्न 3. विराम, विश्राम,---नः मृत्यु का देवता यम / लेखकों ने उनके भिन्न भिन्न नाम दिये है-- उदा० | यमनिका| यमन-कन्-टाप, इत्वम् | परदा, ओट, तु० ब्रह्मचर्य दया क्षान्तिदर्शनं सत्यमकल्कता, अहिंसाऽस्ते- जवनिका / यमाधुय दमश्चात यमाः स्मृताः याज्ञः 313, ममल (वि०) यम-ला+क] जोड़वां, जोड़ी में से एक, या आनुशंस्यं दया सत्यमहिसा क्षान्तिरार्जवम् , -ल: दो की संख्या, लौ (द्वि० व०) जोंडी, लम् प्रोतिः प्रसादो माघुर्य मार्दवं च यमा दश / कभी -ली मिथुन, जोड़ी। कभी यम केवल पांच ही बताये जाते है- अहिंसा / रासस / / यमवत् (वि.) [यम-1 मतप, वत्वम् ] जिसने अपनी सत्यवचनं ब्रह्मचर्यमकल्कता, अस्तेयमिति पंचैव / वासनाओं पर संयम कर लिया है, आत्म नियंत्रित यमाख्यानि ब्रतानि च 5. योग प्राप्ति के आठ -यमवतामवतां च धुरि स्थितः - रघु० 9 / 1 / अंगों या साधनों में पहला साधन / आठ अग यह है ! यमसात (अव्य यम--साति ] यम के हाथों में, यमकी - यमनियमासनप्राणायामप्रत्याहारधारणाध्यानसमाध-! शक्ति में, यमसात कृ मृत्यु को सौंपना / योऽष्टावंगानि 6. मृत्यु का देवता, मृत्यु का मूर्त | यमुना [ यम्+उनन्+-टाप् ] एक प्रसिद्ध नदी का नाम रूप, यह सूर्य का पुत्र माना जाता है - दत्ताभये त्वयि / (जो यम की बहन मानी जाती है। सम० भ्रात यमादपि दण्डधारे उत्तर० 2 / 11 7. यमल-धर्मा- (पं०) मत्यु का देवता यम / त्मज प्रति यमौ च (अर्थात् नकुलसहदेवी) कथैव ययातिः यस्य वायोरिव यातिः सर्वत्र रथगतिर्यस्य ] एक नास्ति --वेणी० 2 / 25, यमयोश्चैव गर्भेष जन्मतो प्रसिद्ध चन्द्रवंशी राजा का नाम, नहुष का पुत्र, ज्येष्ठता मता- मनु० 9 / 126 8. जोड़े में एक ययाति ने शुक्राचार्य की पुत्री देवयानी से विवाह ---मम् जोड़ा, जोड़ी। सम० अनुगः -अनुचरः . किया। दैत्यों के राजा बषपर्वा की पुत्री शर्मिष्ठा पर आनृशंस्य यमाः स्मृताःता, अहिंसा For Private and Personal Use Only