________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 780 ) मर्यादिन् (पुं०) [ मर्यादा---इनि ] पड़ोसी, सीमान्त / कृत्य नहीं किया जाता है), वासस् (स्त्री०) रजवासी। स्वला स्त्री, जो स्त्री कपड़ो से हो,-विसर्गः, ---विसमव (भ्वा० पर० मर्वति) 1. जाना, हिलना-जुलना 2. | जनम्, शुद्धिः (स्त्री०) मलत्याग, कोष्ठशुद्धि,-हारक भरना। (वि०) मैल या पाप को दूर करने वाला। नर्शः [ मश+घञ ] 1. विचारणा 2. परामर्श, संमन्त्रणा मलनम् [मल+ ल्युट] कुचलना, पीसना,—नः तंबू / 3. नस्य, छींकलाने वाला। मलयः (मलते धरति चन्दनादिकम् मल-+ कयन् | 1. भारत मर्शनम् [मृश् + ल्युट्] 1. रगड़ना 2. परीक्षण, पूछताछ के दक्षिण में एक पर्वत शृंखला जहाँ चन्दन के वृक्ष 3. विचारणा, संयन्त्रणा 4. उपदेश देना, सलाह देना / बहुतायत से पाये जाते है (कविसमदाय प्रायः मलय5. मिटाना, मल देना। पर्वत से चलने वाली पवन का उल्लेख किया करता मर्षः, मर्षणम् [ मृष्-+घञ, ल्युट वा] सहनशीलता, सहि- हैं, यह पवन चन्दन तथा अन्य सुगंधित पौधों की __ष्णुता, धर्य / सुगंध को इधर उधर फैलाने के साथ-साथ कामात मषित (भूक० कृ०) [मृष्+क्त] 1. सहन किया हआ, व्यक्तियों को विशेष रूप से प्रभावित करती है) सबर के साथ सहा हुआ 2. क्षमा किया गया, माफ ----स्तनाविव दिशस्तस्याः शैली मलयदर्दुरो-रघु० किया गया,-तम् सहनशीलता, धैर्य / / 4151, 9 / 25, 1312 2. मलयशृंखला के पूर्व में मर्षिन (वि.) [मष-णिनि] सहन करने वाला, धैर्यशील / स्थित देश, मलावार 3. उद्यान इन्द्र का नन्दनमल (म्वा० आ०, चुरा० पर० -मलते, मलयति) थामना, कानन / सम०-- अचल:,---अद्रिः,--गिरिः,--पर्वतः अधिकार में रखना। मलय पहाड़,-अनिलः,---वातः, समीरः मलयपहाड़ मला, लम् [मज्यते शोध्यते मज् +कल टिलोप:-तारा०] से चलने वाली पवन, दक्षिणीपवन--- ललितलंवगलता1. मैले, गंदगी, अपवित्रता, धूल, अशुद्ध सामग्री मल परिशीलनकोमलमलयसमीरे गीत० 1, तु० अपगतदायकाः खला:-का० 2, छाया न मूर्छति मलोपहत दाक्षिण्यदक्षिणानिलहतक पूर्णास्ते मनोरथाः कृतं प्रसादे शुद्धे तु दर्पणतले सुलभावकाशा-श० 7 / 32 कर्तव्यं बहेदानीं यथेष्टम्-का०,---उद्भवम् चन्दन 2. तलछट, कूड़ाकरकट, गाद, पुरीष, गोबर 3. की लकड़ी, ---जः चन्दन का वृक्ष -अयि मलयज महि(धातुओं का मैल, जंग, खोट 4. नैतिक दोष या मायं कस्य गिरामस्तु विषयस्ते--भामि० 1111, अपवित्रता, पाप 5. शरीर का कोई भी अपवित्र स्राव (जः--जम्) चन्दन की लकड़ी (-जम्) राहु का (मनु के अनुसार इस प्रकार के बारह स्राव है-- वसा विशेषण, रजस् (नपुं०) चन्दन का चूरा,--द्रुमः शुक्रमसङ मज्जा मूत्रविड् घ्राणकर्णविट, श्लेष्माश्रु चन्दन का पेड़, .वासिनी दुर्गा का विशेषण। दूषिका स्वेदो द्वादशैते नृणां मला: --मनु० 5 / 135) मलाका [मलेन मनोमालिन्येन अकति कुटिलं गच्छति-मल 6. कपूर 7. 'मसीपी' जलचरविशेष का प्रमार्जन +अक्-+अच्+टाप्] 1. शृंगारप्रिय या कामुक स्त्री के काम आने वाला भीतरी कवच 8. कमाया हुआ 2. दूती, अन्तरंग सखी 3. हथिनी। चमड़ा, चमड़े का वस्त्र, - - लम् एक प्रकार की खोटी मलिन (वि.) [मल+इनन्] 1. मैला, गन्दा, घिनौना घातु। सम० अपकर्षणम् 1. मैल दूर करना पवित्र अपवित्र, अशुद्ध, भ्रष्ट, कलंकित, कलुपित (आलं० से करना 2. पाप दूर करना, - अरिः एक प्रकार की भी) धन्यास्तदङ्गरजसा मलिनीभवति श० 757, सज्जी,-~-अवरोधः कोष्ठबद्धता, कब्ज - आकषिन् किमिति मुधा मलिनं यशः कुरुध्वे-..वेणी० 314 (पुं०) झाडू देने वाला, भंगी,-आवह (वि.) 1. मैल 2, काला, अंधकारमय मलिनमपि हिमांशोर्लक्ष्मपैदा करने वाला, मैला करने वाला, मलिन करने लक्ष्मी तनोति श० श२०, अतिमलिने कर्तव्ये भवति वाला 2. दूषित करने वाला, अपवित्र करने वाला, खलानामतीव निपुणा धी: वास०, शि० 9 / 18 .--. आशयः पेट,--उत्सर्गः टट्टी जाना, पेट से मल 3. पापी, दुष्ट, दुश्चरित्र मलिनाचरितं कर्म सूरनिकालना, - घन (वि.) परिमार्जक, शोधक चम भेनन्वसांप्रतम् काव्या० 21178 4. नीच, दुष्ट, पीप, मवाद,दूषित (वि.) मैला, गंदा, मलिन,-द्रवः अधम लघवः प्रकटी भवति मलिनाश्रयत:- शि. रेचन, अतिसार, धात्री दाई जो बच्चे को आवश्य- 9 / 23 3. मेघाच्छन्न, तिरोहित, नम् 1. पाप, दोप, कताओ का ध्यान रखती है, पृष्ठम् किसी पुस्तक अपराध 2. मट्ठा, 3. सोहागा,-ना,--नी रजस्वला का पहला पृष्ठ, आवरणपृष्ठ (बाह्य पृष्ठ),- भुज स्त्री। समo---अंबु (नपुं०) 'काला पानी' मसी, (पु०) कौवा, ....मल्लकः कौपीन, लंगोट,-मास: अंत- स्याही,—आस्य (वि.) 1. काले या मैले मह वाला रीय या लौंद का महीना (मलमास' इसी लिए 2. नीच, गंवार 3. बहशी, क्रूर-प्रभ (वि०) तिरोहित, कहलाता है कि इस अधिक मास में कोई भी धार्मिक दूषित, मेघाच्छन्न,--मुख (वि.)-मलिनास्य, दे० For Private and Personal Use Only