________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 819 ) संभोग, - मृतं मैथुनमप्रजम्- पंच० 2094 2. विवाह | मुक्ति, स्वतंत्रता देना 2. उद्धार, छुटकारा 3. ढीला 3. मिलाप, संयोग / सम० --ज्वरः मैथुनोन्माद की करना, खोलना 4. छोड़ना, परित्याग करना, त्याग उत्तेजना,-धर्मिन् (वि०) सहवासी, ... वैराग्यम् स्त्री- देना 5. ढरकारना 6. अपव्यय करना। संभोग से विरक्त / मोघ (वि.) [मुह+घ अच् वा, कुत्वम्] 1. व्यर्थ, अर्थमैयुनिका मैथुन+व+टाप, इत्वम् ] विव हद्वारा हीन, निष्फल, लाभरहित, असफल-याच्या मोघा मिलाप, वैवाहिक गठबंधन / वरमधिगुणे नाधमे लब्धकामा-मेघ०६, मोघवृत्ति मैधावकम् (नपुं०) समझ, बुद्धि / कलभस्य चेष्टितम्-रघु०१११३९, 14165, भग० मैनाकः [ मेनकायां भवः अण् ] हिमालय और मेना के पुत्र 9 / 12 2. निरुद्देश्य, निष्प्रयोजन, अनिश्चित 3. छोड़ा (एक पर्वत) का नाम, यही एक ऐसा पर्वत था गया परित्यक्त 4. आलसी,-घः बाड़, घेरा, झाड़बन्दी, जिसके डने समुद्र से मित्रता होने के कारण अक्षुण्ण -~-घम् (अव्य०) व्यर्थ, बिना किसी प्रयोजन के, रहे जबकि इन्द्र ने और दूसरे पर्वतों के बाजू काट बिना किसी उपयोग के। सम०–कर्मन् (वि०) डाले। तु० कु० 220 / सम स्वस (स्त्री) पार्वती अनुपयुक्त कार्यों में व्यस्त,-पुष्पा बांझ स्त्री। का विशेषण। मोघोलिः झाड़बन्दी, बाड़। मैनालः (पुं०) मछुवा, माहीगीर / मोचः [मच-अच्] 1. केले का पौधा 2. शोभाजन या मन्दः (0) एक राक्षस का नाम जिसे श्रीकृष्ण ने मार / सौहजने का पेड़,-चा 1. केले का वृक्ष 2. कपास गिराया था। सम०. हन् (पुं०) कृष्ण का विशेषण।। का पौधा 3. नील का पौधा,.. चम केले का फल। मैरेयः, यम, मैरेयकः,-कम् [मिरा देशभेदे भव:-ढक | | मोचकः [मुच्- बुल ] 1. भक्त, संन्यासी 2 परममुक्ति, एक प्रकार का मादक पेय ... अधिरजनि वधूभिः पीत- छुटकारा 3. केले का पौधा / मैरेयरिकाम् शि० 11151, गंगा० 34 / मोचन (दि०) (स्त्री०-नी) [मच् + ल्युट] छोड़ने वाला, मैलिन्दः | मिलिंद -अण्] मधुमक्खी, भौंरा। स्वतन्त्र करने वाला,-नम् 1. छोड़ना, मुक्त करना, मोकन् (नपुं०) किसी जानवर की उतरी हुई खाल / / स्वतन्त्र करना, मोक्ष 2. जुआ उतारना 3. निर्वहण मोक्ष (भ्वा० पर०, चुरा० उभ० मोक्षति, मोक्षयति-ते) / करना, उत्सर्जन करना 4. किसी कर्तव्यभार या ऋण 1. छोड़ना, स्वतंत्र करना, मुक्त करना, मुक्ति देना का परिशोध करना। सम०---पट्टकः छन्ना, (कपड़ा 2. ढीला करना, खोलना, बिगाड़ना 3. बलपूर्वक जिससे दूध जल आदि छाना जाय)। छीनना 4. डालना, फेंकना, उछालना 5. ढलकाना / मोचयित (वि०) [ मुच्+णिच् --तृन् ] छुड़ाने वाला, मोक्षः [मोक्ष | पञ ] 1. मुक्ति, छुटकारा, बचाव, स्वतंत्रता स्वतन्त्र करने वाला। ...--साऽधुना तव बन्धे मोक्षे च प्रभवति - का०; मेघ० मोचाटः [मुच---णिच् + अच्-मोच+अट्| अच्] 1. केले 61, लब्धमोक्षाः शुकादयः रघु० 17 / 20 धुर्याणां का गूदा या फल 2. चन्दन की लकड़ी। च धुरो मोक्षम् -17 / 19, 2. उद्धार, परित्राण, | मोटकः,-कम् मुट्+ण्वुल] बटी, गोली,---कम् कुशा घास मोचन 3. परममुक्ति, आवागमन अर्थात पुनर्जन्म के की दो पत्तियाँ जो श्राद्ध के अवसर पर दी जाती है, चक्कर से आत्मा की मुक्ति, मानवजीवन के चार (भग्नकुशपत्रद्वयम्) / उद्देश्यों में से अन्तिम दे० अर्थ, भग० 5 / 28, | मोदायितम् [मट घश बा० तुक, क्यङ्--(भावे)क्त 18130, रघु० 10184, मनु० 6 / 35 4. मृत्यु, जब कभी बातचीत चलती है या अन्यमनस्का होकर 5. अधःपतन, अवपतन, गिरना ..वनस्थलीमर्मरपत्र- नायिका कान आदि कुरेदती है तो उस समय चुपमोक्षा:-कु० 3 / 31 6. ढीला करना, खोलना, बन्धन- चाप बिना इच्छा के अपने प्रिय के प्रति स्नेह की मुक्त करना - वेणिमोक्षोत्सुकानि - मेघ० 99 अभिव्यक्ति / उज्ज्वल मणि ने इसकी परिभाषा दी 7. ढलकाना, गिराना, बहाना बाष्पमोक्ष, अश्रुमोक्ष है :- कान्तस्मरणवार्तादौ हृदि तद्भावभावितः / 8. निशाना लगाना, फेंकता, दागना बाणमोक्षः प्राकटयमभिलाषस्य मोट्टायितमदीर्यते // दे० सा० - श० 3 / 5 9. बखेरना, छितराना 10. (किसी द०१४१ भी। ऋण आदि का) परिशोध करना 11. (ज्योतिष में) | मोदः [मुद्+घञ्] 1. आनन्द, प्रसन्नता, हर्प, खुशी ग्रहणग्रस्त ग्रह की मुक्ति / सम-उपायः मोक्ष - यत्रानन्दाश्च मोदाश्च- उत्तर० 2 / 12, रघु० प्राप्त करने का साधन,—देवः प्रसिद्ध चीनी यात्री 5 / 15 2. गंधद्रव्य, सुगंधि। सम-आख्यः आम ह्यनत्सांग के साथ व्यवहत होने वाला विशेषण, का पेड। -द्वारम् सूर्य,-पुरी कांची नामक नगरी का विशेषण / | मोदक (वि.) (स्त्री०का,की) [मोदयति-मुद्+णिच् मोक्षणम् [ मोक्ष + ल्युट ] 1. छोड़ना, मुक्त करना, परम +ण्वुल] सुहावना, आनंदप्रद, प्रसन्नतादायक,-क: For Private and Personal Use Only