________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (800 ) माहेन्द्र (वि.) (स्त्री०---द्री) इन्द्र से संबंध रखने वाला। प्रति कृपालु, शिष्टाचारयुक्त,-हत्या मित्र का वध -कु० 7 / 84, रघु० 12186, -त्री 1. पूर्व दिशा करना। 2. गाय 3. इन्द्राणी का नाम / | मित्रयु (वि.) 1. मित्रवत् आचरण करने वाला, हितैषी माहेय (वि.) (स्त्री०-यी) भौतिक,--यः 1. मंगल ग्रह 2. स्नेहशील, मिलनसार / / 2. मूंगा। | मिथ (म्वा० उभ० मेथति-ते) 1. सहकारी बनना, माहेयी गाय। 2. एकत्र मिलाना, मैथुन करना, जोड़ा बनाना 3. चोट माहेश्वरः शिव की पूजा करने वाला। पहुंचाना, क्षति पहुंचाना, प्रहार करना, वध करना मि (स्वा० उभ० मिनोति, मिनुते -लौकिकसाहित्य में | 4. समझना, प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करता, जानना विरल प्रयोग) 1. फेंकना, डालना, बखेरना 2. निर्माण 5. झगड़ा। करना (मकान) खड़ा करना 3. मापना 4. स्थापित मिथस (अव्य०) 1. परस्पर, आपस में, एक दूसरे को करना 5. ध्यानपूर्वक देखना, प्रत्यक्षज्ञान प्राप्त करना / - -- मनु० 2 / 147, (प्रायः समास में)-मिथः प्रस्थाने मिच्छ (तुदा० पर० मिच्छति) 1. विघ्न डालना, बाधा ----श० 2, मिथः समयात्-. श० 5 2. गुप्त रूप से, डालना 2. तंग करना। व्यक्तिगत रूप से, चुपचाप, निजी रूप से-भर्तुः मित (भू० क० कृ०) 1. मापा हुआ, नपा तुला 2. नाप प्रसादं प्रतिपद्य मूर्ना वक्तुं मिथः प्राक्रमतवमेनम्-कु० कर निशान लगाया हुआ, हदबन्दी की हुई, सीमाबद्ध 32, 6 / 1, रघु० 13 / 1 / / किया हआ 3. सीमित, परिमित, मर्यादित, थोड़ा, | मिथिलः एक राजा का नाम,-लाः (ब०व०) एक राष्ट्र स्वल्प, बचा रखने वाला, संक्षिप्त (शब्द आदि) | का नाम,-ला नगर का नाम, विदेह देश की राजधानी। --पुष्टः सत्यं मितं ब्रूते स भृत्योर्हो महीभुजाम्-पंच० | मिथुनम् 1. जोड़ा, दम्पती-मिथुनं परिकल्पितं त्वया सह११८७, रघु० 9 / 34 4. मापने में, माप का (समास कारः फलिनी च नन्विमौ-रघु० 8 / 61, मेघ० 18, के अन्त में) जैसा कि 'ग्रहवसुकरिचन्द्रमिते वर्षे' अर्थात उत्तर० 2 / 6 2. यमज, 3. समागम, संगम 4. मेथुन, 1889 5. जांच पड़ताल किया हुआ, परीक्षित (दे० संभोग, सहवास 5. मिथुन राशि 6. (व्या० में) उपमा०)। सम-अक्षर (वि०) 1. संक्षिप्त, नपा- सर्ग से युक्त धातु। सम०-भावः 1. जोड़ी बनाना, तुला, थोड़े में, सामासिक-कु० 5 / 63 2. छन्दोबद्ध, जोड़ा बनने की स्थिति 2. संभोग,-तिन (वि०) पद्यात्मक, -- अर्थ (वि.) नपे-तुले अर्थ वाला-आहार सहवास करने वाला। (वि०) थोड़ा खाने वाला, (-र:) परिमित आहार, मिथुनेचरः चक्रवाक, चकवा-तु० 'द्वंद्वचरः / --भाषिन,-वाच कम बोलने वाला, नपेतुले शब्दों मथ्या (अव्य०) 1. झूठमूठ, धोखे से, गलत तरीके से, में अपनी बात कहने वाला ... महीयांसः प्रकृत्या अशुद्धता के साथ बहुधा विशेषण का बल रखते मितभाषिणः -शि० 2 / 13 / हए-मणौ महानील इति प्रभावादल्पप्रमाणेऽपि यथा मितङ्गम (वि०) धीरे-धीरे चलने वाला-मः हाथी। न मिथ्या --रघु० 1842, यवाच न तन्मिथ्या मितम्पच (वि.) 1. नपा-तुला अन्न पकाने वाला, थोड़ा -1742, मिथ्यव व्यसनं वदन्ति मृगयामीदग्विनोदःपकाने वाला 2. मितव्ययी, दरिद्र कंजूस / कुतः--श० 2 / 5 2. विपर्यस्त रूप से, विपरीततया मितिः (स्त्री०) 1. नापना, माप, तोल 2. यथार्थ ज्ञान 3. निष्प्रयोजन, व्यर्थ, निष्फलता के साथ--मिथ्या 3. प्रमाण, साक्ष्य / कारयते चारघोषणां राक्षसाधिप:-भट्रि० 8 / 44, मित्रः 1. सूर्य 2. आदित्य (इसका वर्णन प्रायः वरुण के भग० 18159, मिथ्या बद् (वच्) मिथ्या कहना, साथ मिलता है),...त्रम् 1. दोस्त तन्मित्रमापदि झूठ बोलना, मिथ्या कृ--, मिथ्या सिद्ध करना, मिथ्या सुखे च समक्रियं यत् .. भर्तृ० 2168, मेघ० 17 भू-, झूठ निकलना, झूठ होना, मिथ्या ग्रह, गलत 2. मित्रराष्ट्र, पड़ोसी राजा .तू. 'मण्डल'। सम० समझना, भूल होना या करना समास के आरंभ में -आचारः मित्र के प्रति व्यवहार, उदयः 1. सूरज प्रयुक्त 'मिथ्या' का अनुवाद 'झूठा' असत्य, अवास्तका उगना 2. मित्र का कल्याण या समृद्धि,-कर्मन विक, झूठमूठ, छलयुक्त, जाली आदि शब्दों से किया (नपुं०)-कार्यम्,-कृत्यम् मित्र का कार्य, मित्रता- जा सकता है। सम०–अध्यवसितिः एक अलंकार पूर्ण कार्य या सेवा-रघु० १९।३१,-न (वि०) जिसमें किसी असंभव घटना पर आश्रित होने के विश्वासघाती, द्रुह, -वोहिन् (वि.) मित्र से घृणा कारण किसी वस्तु की असंभावना की अभिव्यक्ति करने वाला, मित्र के साथ विश्वासघात करने वाला, हो-किचिन्मिथ्यात्वसिद्धयर्थ, मिथ्यार्थान्तरकल्पनम्, झुठा या विश्वासघाती मित्र,--भावः मित्रता, दोस्ती, मिथ्याध्यवसितिर्वेश्यां वशयेत् खस्रजं वहनु-कुव०, -भेदः मैत्रीभंग,- वत्सल (वि.) मित्रों के | -अपवावः झूठा आरोप-अभिषानम् झूठी युक्ति, For Private and Personal Use Only