________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 757 ) भ्रश दे० भ्रंश् / बहनों को उपहार देते हैं, संभवतः यह दिन इस लिए भ्रशिमन् (पु.) [भृशस्य भावः- इयनिच्, ऋतो र]: मनाया जाता है कि इस दिन यमुना ने अपने भाई को प्रचंडता, अत्यधिकता, उग्रता, उत्कटता। आमंत्रित किया था-तु० यमद्वितीया),-पुत्रः भ्रष्ट (वि०) [भ्रंश+क्त] 1. पतित, नीचे पड़ा हुआ (भ्रातुष्पुत्रः) भतीजा,-बधुः भाई की पत्नी, श्वसुरः 2. गिरा हुआ 3. भटका हुआ, विचलित 4. बियुक्त, पति का बड़ा भाई, जेठ,-हत्या भाई की हत्या / वञ्चित, निष्काषित, निकाला हुआ- यथा 'भ्रष्टा- | भ्रातक (वि.) [भ्रातृ-कन्] भाई से संबंध रखने वाला। धिकार' में 5. मुझाया हुआ, क्षीण, बर्बाद 6. ओझल, | भ्रातव्यः [भ्रातुः पुत्रः व्यत्] 1. भाई का बेटा, भतीजा खोया हुआ 7. दुश्चरित्र, दूषितचरित्र / सम० 2. शत्रु, विरोधी। --अधिकार (वि०) अपनी शक्ति या पद से वञ्चित, / भ्रातृबल (वि०) [भ्रात+वलच्] जिसके एक या पदच्युत,-क्रिय (वि.) विहित कमों को जिसने अधिक भाई हों। नहीं किया,-गुव (वि.) एक प्रकार के गुदरोग से भ्रात्रीयः, भ्रात्रेयः [भ्रातृ+छ] भाई का पुत्र, भतीजा। ग्रस्त, -योगः जो धर्मच्युत हो गया हो। भ्राच्यम् [भ्रातृ+ष्यम् ] भाईचारा, भ्रातृभाव / भ्रस्न् (तुदा० उभ०--भृज्जति, भृष्ट ---प्रेर० भर्जयति भ्रान्त (वि.) [भ्रम् +n] 1. इधर उधर घूमा फिरा ...ते, भ्रज्जयति--ते, इच्छा० बिभर्भति. विजिषति, हुआ 2. मुड़ा हुआ, चक्कर खाया हुआ, घुमाया हुआ, विभ्रज्जिषति) तलना, भूनना, सेकना कील पर मांस 3. भूला हुआ, कुपथगामी, भटका हुशा 4. घबड़ाया भूनना, (आलं० से भी)-बभ्रज्ज निहते तस्मिन् शोको हुआ, गड़बड़ाया हुआ, इधर उधर घूमने फिरने वाला रावणमग्निवत्-- भद्दि० 14686 / इधर से उधर और उधर से इधर घूमने फिरने वाला, भ्राज (भ्वा० आ० भ्राजते) चमकना, दमकना, चम- चक्कर काटने वाला.--तम् 1. घूमना, इधर उधर चमाना, जगमगाना ---रुरुजभेंजिरे फेण बहघा हरिरा- फिरना,- वरं पर्वतदुर्गेषु भ्रान्तं वनचरैः सह-भर्तृ० क्षसाः --- भट्टि० 14 / 78, 15 / 24, वि जगमग 2 / 14 2. गलती, भूल। करना, देदीप्यमान होना-बिभ्राजसे मकरकेतनमर्च भ्रान्तिः (स्त्री०) [भ्रम्+क्तिन्] 1. इधर उधर फिरना, यन्ती रत्न० 1121 / घूमना 2. घूमकर मुड़ना, मटरगस्त करना 3. क्रान्ति, भ्राजः [भ्राज् / क] सात सूर्यों में से एक, -जम् एक प्रकार गोलाकार या चक्राकार घूमना-चक्रभ्रान्तिररान्तका साम / रेषु वितनोत्यन्यामिवारावलीम-विक्रम. 125 भ्राजक (वि.) (स्त्री०-जिका) [भ्राज्+ एवल] चमकाने 4. भूल, गलती, भ्रम, व्यामोह, मिथ्याभाव-श्रितासि वाला, देदीप्यमान, कम पित्त, त्वचा में व्याप्त पित्त / चन्दनभ्रान्त्या दुर्विपाकं विषद्रुमम् --उत्तर० 1 / 46 भ्राजथुः [भ्राज्+अथुच्] आभा, कान्ति, उज्ज्वलता, 5. घबराहट, उद्विग्नता 6. संदेह, अनिश्चय, रोका। सौन्दर्य। सम-कर (वि०) विह्वल करने वाला, भ्रम में भ्राजिन् (वि०) [भ्राज्+णिनि] चमकने वाला, जगमगाने डालने वाला,-नाशनः शिव का विशेषण,हर वाला। (वि.) संदेह या भूल को दूर करने वाला। भ्राजिष्ण (वि०) [भ्राज-!-इष्णुच चमकने वाला, देदीप्य- भ्रान्तिमत (वि.) भ्रान्ति-मतप] 1. घमने वाला, मुड़ने मान, उज्ज्वल, दीप्तिकेन्द्र,-हणुः 1. शिव का विशेषण वाला,-भ्रान्तिमद्वारियन्त्रम्-मालवि० 2 / 13 2. भूल करने वाला, गलती करने वाला, भ्रमयुक्त-पुं० एक भ्रात (पं०) [ भ्राज़-तच पृषो०] 1. भाई, सहोदर अलंकार जिसमें दो वस्तुओं की पारस्परिक समानता 2 घनिष्ठ मित्र या संबंधी 3. निकटवर्ती रिश्तेदार के कारण एक वस्तु को भूल से अन्य वस्तु समझ लिया 6. मित्रवत संबोधन का चिह्न (प्रिय मित्र,) भ्रातः कष्ट- जाता है,-भ्रान्तिमानन्यसंवित्ततुल्यदर्शने - काव्य महो--भर्त० 3 / 37, 2034, तत्त्वं चिन्तय तदिदं भ्रातः 10, उदा.- कपाले मार्जारः पय इति करान् लेढि ---मोह / सम०-गन्धि,-गन्धिक (वि.) जिसका शशिनः, आदि-विक्रम 312, मा० 112, भी। भाई केबल नाम के लिए हो, नाम मात्र का भाई, | भ्रामः [ भ्रम्+अण् ] 1. इधर-उधर घूमना 2. मोह, भूल, --जः भतीजा (जा) भतीजी---जाया (भ्रातुर्जाया गलती। भी) भाई की पत्नी, भाभी, मेघ० १०,-दत्तम् बहन भ्रामक (वि.) (स्त्री०-मिका) [भ्रम्+णिच् +ण्वुल] के विवाह पर भाई द्वारा बहन को दी गई संपत्ति, 1. घुमाने वाला 2. आवर्तित करने वाला 3. उलझाने -द्वितीया कार्तिक शुल्का द्वितीया (इस दिन बहनें बाला, धोखा देने वाला-क: 1. सूरजमुखी फूल अपने भाइयों को अपने घर पर आमंत्रित करती है 2. एक प्रकार का चुंबक पत्थर 3. धोखेबाज, बदमाश, और उनकी खातिर करती है, भाई भी इस दिन / ठग 4. गीदड़। (क) [भ्रान्ति+मतुप] 1. घमने बालाजी गुः 1. शिव का विशेषण 2. विष्ण For Private and Personal Use Only