________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 652 ) प्रतिजीवनम् [प्रति+जीवन-ल्युट्] पुनर्जीवन, पुनः / प्रतिनिधिः [प्रति-नि+धा+कि ] 1.स्थानापन्न, एवजी, सजीवता। वह व्यक्ति जो किसी दूसरे के बदले काम पर लगाया प्रतिज्ञा [प्रति--ज्ञा+अ+टाप् ] 1. मानना, अंगीकार | जाय—सोऽभवत्प्रतिनिधिर्न कर्मणा---रघु० 11313, करना 2. व्रत, वचन, वादा, औपचारिक घोषणा | 1181, 4158, 5 / 63, 9 / 40 2. सहायक, प्रणिधि -देवात्तीर्ण प्रतिज्ञः --मुद्रा० 4 / 12, तीा जवेनैव 3. स्थानापत्ति 4. जामिन 5. प्रतिमा, समानता, चित्र / नितांतदुस्तरां नदी प्रतिज्ञामिव तां गरीयसीम्-शि० / प्रतिनियमः [प्रा० स०] सामान्य नियय / 12 / 74 3. उक्ति, दृढोक्ति, घोषणा, प्रकथन ! प्रतिनिजित (भू० क० कृ०) [प्रति +- निजि +क्त ] 4. (न्या० में) प्रस्थापना, सवाक्य पंचांगी अनुमान 1. पराजित, परास्त 2. निराकृत, निरस्त / का प्रथम अंग, दे० 'न्याय' के अन्तर्गत ('पर्वतो | प्रतिनिर्देश्य (वि.) [प्रति+निर+दिश् + ण्यत् ] जो वह्निमान्' सामान्य उदाहरण है) 5. अभियोग, पहला कहा हुआ होने पर भी फिर दोहराया जाय आरोपपत्र / सम०-पत्रम् बंधपत्र, लिखित संविदापत्र, जिससे कि तत्संबंधी और कुछ भी फिर दोहराया जाय -भंगः प्रतिज्ञा का तोड़ देना,-विरोधः वचन के विरुद्ध जिससे कि तत्संबंधी और कुछ भी कह दिया जाय आचरण करना,-विवाहित (वि०) जिसकी सगाई हो --तु. काव्य०७ में दिये गये उदाहरण की-उदेति गई हो,-संन्यास: 1. वचन भंग करना, 2. (न्या० में) सविता ताम्रस्ताम्र एवास्तमेति च --(यहाँ 'ताम्र मल प्रस्ताव का त्याग कर देना (इसी अर्थ में 'प्रतिज्ञा शब्द की पुनरुक्ति यह बतलाने के लिए की गई कि हानि' शब्द भी प्रयुक्त होता है)। सूर्य 'लाल' ही निकलता है, 'लाल' ही छिपता है)। प्रतिज्ञात (भ० क. कृ.) [प्रति+जा+क] 1. उद्घोषित, प्रतिनिर्यातनम् [प्रति+निर+यत् णिच् + ल्युट ] प्रति उक्त, दृढ़ता पूर्वक कथित 2. वचनबद्ध, सहमत शोध, प्रतिहिंसा। 3. माना हुआ, अंगीकृत--तम् वचन, वादा। प्रतिनिविष्ट (वि०) [प्रति+नि+विश्+क्त ] दुराग्रही, प्रतिज्ञानम् [प्रतिज्ञा +ल्युट]। दृढोक्ति, प्रकथन हठी, पक्का, जिद्दी। सम० ..-मूर्खः दुराग्रही बेवकूफ, 2. करार, वादा 3. मानना, स्वीकार करना। पक्का बुद्धू-न तु प्रतिनिविष्टमूर्खजनचित्तमारा प्रतितरः [प्रति-तृ+अप् ] डांड खेने वाला , मल्लाह या धयेत्-भर्तृ० 2 / 5 / नाविक / प्रतिनिवर्तनम् [प्रति+नि+बृत् + ल्युट ] 1. लौटाना, प्रतितालो [प्रतिगता तालम्-प्रा० स० डीप् ] (दरवाजे वापसी 2. मुड़ना। की) कुंजी, चाबी। प्रतिनोदः [प्रति -नुद+घञ्] पीछे ढकेलना, पीछे प्रतिदर्शनम् [प्रति---दृश् + ल्युट ] देखना, प्रत्यक्ष करना / | हटाना। प्रतिदानम् प्रति-दा+ल्युट्] / पलटाना, प्रत्यर्पण, वापिस प्रतिपत्तिः (स्त्री०) [प्रति+पद+क्तिन ] 1. हासिल देना, (घरोहर आदि की) पूनराप्ति 2. विनिमय, करना, अवाप्ति, उपलब्धि --चन्द्रलोकप्रतिपत्तिः, स्वर्ग. वस्तुओं की अदलाबदली। आदि 2. प्रत्यक्षज्ञान, अवेक्षण, चेतना, (यथार्थ) ज्ञान प्रतिदारणम् [प्रति +-दृ-णिच् + ल्युट् ] 1. लड़ाई, युद्ध | . वागर्थप्रतिपत्तये-रघु० 111, तयोरभेद प्रतिपत्तिरस्ति 2. फाड़ना। मे --- भत० 3 / 99, गुणिनामपि निज रूपप्रतिपत्तिः प्रतिदिवन (पुं०) प्रति ---दिव् - कनिन् ] 1. दिन 2. सूर्य / परत एवं संभवति-- वास. 3. हामी भरना, आज्ञा प्रतिदृष्ट (भू० क. कृ.) [प्रति+दृश+क्त ] 1, देखा ! पालन, स्वीकरण-प्रतिपत्तिपराङमुखी-भदि० 8 / 95 हुआ 2. दृष्टि गोचर, दृश्यमान / (आज्ञानुपालन के विरुद्ध, यश में न आने वाला) प्रतिधावनम् [प्रति-|-धाव- ल्युट ] धावा बोलना, हमला 4. माल लेना, अभिस्वीकृति 5. दढोक्ति, उति करना, आक्रमण करना। 6. समारंभ, शुरु, उपक्रम 7. कार्यवाही, प्रगमन, क्रिया प्रतिध्वनिः, प्रतिध्वानः [प्रति+ध्वन्+३, धन वा ] विधि-वयस्य का प्रतिपत्तिरत्र -मालवि० 4, कू० गंज, प्रतिध्वनन / 5:42, विषादलुप्त प्रतिपत्ति सैन्यम्-रघु० 3 / 40, सेना प्रतिध्वस्त [ भ० क० कृ०) [प्रति+ध्वंस्+क्त ] पछाड़- जो क्या कार्यविधि अपनाई जाय इस बात को विषाद कर नीचे गिराया हुआ, अधोमुख, खिन्न / के कारण न जान सकी) 8. अनुष्ठान, करना, प्रगमन प्रतिनन्दनम् [प्रति-- नन्द+ल्यूट ] 1, बधाई देना, स्वागत करना - प्रस्तुत प्रतिपत्तये--- रघु० 15 / 75 9. दृढ़ करना 2. धन्यवाद देना। संकल्प, निश्चित घारणा-व्यवसायः प्रतिपत्ति निष्ठरः प्रतिनादः [प्रति+नद् + धन ] गंज, प्रतिध्वनि। --रघु०८१५५ 10. समाचार, गुप्त वार्ता कर्मसिद्धा प्रति (ती) नाहः (प्रति+नह---घा, पक्षे उपसर्गस्य वाशु प्रतिपत्तिमानय-- मुद्रा० 4, श० 6 11. सम्मान, दीर्घः झंडा, पताका / आदर, पूजनीयता का चिह्न, आदरयुक्त व्यवहार For Private and Personal Use Only