________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हुआ, भ्रष्ट 2. दूषित, मलिन, पापमय 3. लम्पट, I मायावती का मन इसके सौन्दर्य पर आकृष्ट हो गया। स्वेच्छाचारी। परन्तु प्रद्युम्न ने मायावती का मातृत्व को दूषित प्रदूषित (भू. क. कृ०) [प्र+दूष-+णिच्+क्त ] करने वाली इस प्रकार की भावनाओं के कारण बुरा 1. भ्रष्ट, विषाक्त, विकृत, पतित 2. अपवित्र, मलिन, भला कहा, क्योंकि वह तो उसे माता समझता था। भ्रष्ट / परन्तु जब उसे बतलाया गया कि वह विष्णु का पुत्र प्रवेय (सं० कृ०)[प्र+दा+यत ] दिए जाने के योग्य, है, उसे शंबर ने समुद्र में फेंक दिया था, तो उसने (समाचार आदि) दिये जाने के लायक, संवहन किये क्रोध से आगबबूला होकर शंबर को युद्ध के लिए जाने के उपयुक्त--रघु० 5.18, 31 / ललकारा, तथा अपनी माया के द्वारा उस का वध कर प्रदेशः [+दिश्+घञ्] 1. संकेत करना, इशारा दिया। उसके पश्चात् वह और मायावती कृष्ण के करना 2. स्थान, क्षेत्र, जगह, देश, प्रदेश, मंडल-पितुः घर गए जहाँ नारद मुनि ने कृष्ण और रुक्मिणी को प्रदेशास्तव देवभूमयः-कु० 5 / 45, रघु० 5 / 60, इसी बतलाया कि यह तो उनका अपना पुत्र हैं तथा मायाप्रकार कंठ तालु हृदय आदि 3. बित्ता, बालिश्त वती उसकी पत्नी है। 4. निश्चय, निर्धारण 5. दीवार 6. (व्या० में) | प्रद्योतः [प्रकृष्टो द्योत:-प्रा० स०] 1. जग मगाना, उदाहरण / प्रकाश, रोशनी 2. आभा, प्रकाश, कान्ति 3. प्रकाश प्रदेशनम् [प्र+दिश्+ल्युट 11. संकेत करना 2. उपदेश, की किरण 4. उज्जयिनी के एक राजा का नाम जिसकी अनुदेश 3. भेंट, उपहार, नढावा विशेष कर देवताओं पूत्री से वत्स के राजा उदयन ने विवाह किया थाकों या श्रेष्ठतर व्यक्तियों को। प्रद्योतस्य प्रियदुहितरं वत्सराजोऽत्र जहे--मेघ० 32 प्रवेश (शि) नी [ प्रदेशन-+ङीप, प्र+दिश+णिनि+ (मल्लि० इसे 'प्रक्षिप्त' समझते हैं), रत्न० 1 / 10 / ___डीप ] तर्जनी अंगुली, अभिसूचक अंगुली। प्रद्योतनम् [प्र+द्युत् + ल्युट्] 1. जगमगाना, चमकना प्रदेहः [++दिह +घञ ] 1. लेप करना, तेल या औषधि | 2. प्रकाश, - नः सूर्य / आदि की मालिश करना 2. लेप, पलस्तर / प्रद्रवः [प्र+द्र-1-अप् ] दौड़ना, पलायन / प्रदोष (वि०) [ प्रकृष्ट: दोषो यस्य-प्रा० ब० ] बुरा, | प्रद्रावः [प्र+द्र+घञ ]1. भाग जाना, पलायन, प्रत्यावर्तन, भ्रष्ट,-षः 1. दोष, त्रुटि, पाप, अपराध 2. अव्यव- बच निकलना 2. द्रुतगमन, तेजी से जाना। स्थित स्थिति, विद्रोह, बगावत 3. संध्याकाल, रात्रि प्रद्वारः, प्रद्वारम् [ प्रगतं द्वारम् ~प्रा० स०] दरवाजे या का आरंभ----तमः स्वभावास्तेऽप्यन्ये प्रदोषमन्यायिनः | फाटक के सामने का स्थान / ---- शि० 2178 ( यहाँ प्रदोष का अर्थ मुख्य रूप से प्रद्वेषः, प्रद्वेषणम् [प्र+द्विष्+घञ, ल्युट वा ] नापसन्दगी, 'भ्रष्ट' और 'पतित है),-व्रजसून्दरीजनमनस्तोषप्रदोषः | धृणा, अरुचि। -गीत० 5, कु० 5 / 44, रघु० 193, ऋतु० 1 / 11 / / प्रधनम [प्रधा -क्य ] 1. युद्ध, लड़ाई, संग्राम, संघर्ष, सम०-कालः संध्या समय, रात्रि का आरंभ,---तिमि- -प्रहितः प्रधनाय माधवानहमाकारयितुं महीभृता-शि० रम् सध्याकालीन अंधेरा, सांझ का झुटपुटा-कामं 16 / 52, क्षेत्र क्षत्रप्रधनपिशुनं कौरवं तद्भजेथा:-मेघ० प्रदोषतिमिरेण न दृश्यसे त्वम्--मृच्छ० 1 / 35 / 48, रघु 0 11177, महावी०६।३३ 2. युद्ध में लट प्रयोहः [प्र+दुह, +घन ] दुहना, दूध निकालना।। का माल 3. विनाश 4. फाड़ना, तोड़ना, चीरफाड़। प्रद्युम्नः [प्रकृष्टं द्युम्नं बलं यस्य-प्रा० ब०] कामदेव प्रधमनम् [प्र+धम्-+ल्यूट ] 1. लंबा सांस लेना 2. संघनी, का विशेषण, कामदेव / यह कृष्ण और रुक्मिणी का | नस्य। पुत्र था। जब यह छ: वर्ष को आयु का था तो शंबर | प्रधर्षः प्र+ष+घञ ] हमला, आक्रमण ?. बलात्कार। नामक दैत्य ने इसका अपहरण कर लिया क्योंकि उसे प्रधर्षणम्, --णा [प्र+धृष्+णिच् + ल्युट ] 1. हमला, यह पहले ही ज्ञात हो गया था कि प्रद्युम्न के द्वारा आक्रमण 2. बलात्कार, दुव्र्यवहार, अपमान / उसकी मृत्यु हो जायगी। शंबर ने उस बालक को प्रधर्षित (भू० क० कृ०) [प्र+धृष-+णिच्+क्त] घर्घराते हुए समुद्र में फेंक दिया जहाँ उसे एक मछली 1. हमला किया गया, आक्रान्त 2. क्षतिग्रस्त, चोट निगल गई। एक मछुवे ने इस मछली को पकड़ पहुँचाया हुआ 3. घमंडी, अहंकारी। लिया और शंबर के सामने ला रक्खा। जब इस | प्रधान (वि.) [प्र-धा+ल्यूट | 1. मुख्य, मूल, प्रमुख, मछली को काटा गया तो इसके पेट से एक सुन्दर बड़ा, उत्तम, सर्वश्रेष्ठ जैसा कि प्रधानामात्य, प्रधानबालक मिला। नारद मुनि की इच्छानुसार शंबर पुरुष आदि में-मनु० 7 / 203 2. मुख्य रूप से की गृहिणी मायावती ने इस बालक का पालनपोषण अन्तहित, प्रचलित, प्रबल,---नम् 1. मुख्य पदार्थ, किया। जब यह बालक जवान हो गया तो स्वयं / अत्यन्त महत्त्वपूर्ण वस्तु, अधिष्ठाता, मुख्य-न For Private and Personal Use Only