________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हुचे, शक्ति पार 10 अशल, पहुँच ( 690 ) उपनगर,--विरस (वि०) अन्त में रसहीन,—शन्य सूख° आदि 2. पहँचना, प्राप्त करना 3. पहुँच, (वि०) दे० 'प्रांतरशून्य,-स्थ (वि.) जो सीमा पर आगमन 4. देखना, मिलना 5. परास, पहुँच 6. अनुरहता है। मान, अटकल 7. हिस्सा, अंश, ढेर 8. भाग्य, किस्मत प्रान्तरम् [प्रकृष्टम् अन्तरं व्यवधानं यत्र-प्रा० ब०] 9. उदय, पैदावार 10. किसी पदार्थ को प्राप्त करने 1. लंबा और सुनसान मार्ग, जनशून्य या वीरान की शक्ति (आठ सिद्धियों में से एक) 11. संघ, सड़क 2. छायारहित सड़क, निर्जन भूखण्ड 3. जंगल, समुच्चय, संहति 12. किसी योजना की सफल समाप्ति, उजाड़ 4. वृक्ष की कोटर / सम-शन्यः लंबी सूखागम। सम० आशा किसी चीज को प्राप्त सुनसान सड़क (जिस पर वृक्ष या छाया न हो)। करने की आशा (नाटकीय कथावस्तु के विकास का प्रापक (वि.) (स्त्री०--पिका) [प्र+आप+ण्वुल ] एक भाग)--उपायापायश ड्राभ्यां प्राप्त्याशा प्राप्ति 1. ले जाने वाला, पहुँचाने वाला 2. प्राप्त कराने संभवा-सा० द०६।। वाला, सामग्री से युक्त कराने वाला 3. स्थापित करने | | प्राबल्यम् | प्रबल+ष्यन ] 1. प्रभुता, सर्वोच्चता, बोलवाला, वैध बनाने वाला। बाला 2. शक्ति, बल, ताकत / प्रापणम् [प्र+आप+ल्युट ] 1. पहुँचना, बढ़ जाना / प्राबा (वा) लिकः [प्रवा (वा) ल+ठक | मंगों का व्यापार 2. प्राप्त करना, अधिग्रहण, अवाप्ति 3. ले आना, करने वाला। पहुँचाना, ले जाना 4. सामग्रो से युक्त करना। | प्रबोध (धि) कः [प्र आ-+-बुध ---णिचन एबुल, प्रबोध प्रापणिकः [प्र+आ+पण +किकन् ] सौदागर, व्यापारी / ठा] 1. तड़का, प्रभात 2. चारण जिमका कर्तव्य -आढ्यादिव प्रापणिकादजस्रम्- शि० 4 / 11 / / प्रातःकाल उपयक्त भजन गाकर अपने आश्रयदाता प्राप्त (भू० के० कृ०) [प्र+आप् +-बत ] 1. हासिल, राजा को जगाना है। अवाप्त, उपलब्ध, अजित 2. पहुँचा हुआ, निष्पन्न | प्राभञ्जनम् (प्रभंजन - अण् | स्वातिनक्षत्र / 3. घटित, मिला हुआ 4. (खर्च) उठाया हुआ, ग्रस्त, प्राभञ्जनिः [प्रभजन--- इञ1. हनुमान् का विशेषण सहन किया हुआ 5. पहुँचा हुआ, आया हुआ, उप- 2. भीम का विशेषण / स्थित 6. पूरा किया हुआ 7. उचित, सही 8. नियम | प्राभवम् प्रभु ---अण] सर्वोच्चता, सर्वोपरिता, प्रभुता / के अनुसार। सम० --अनुज्ञ (वि०) जाने के लिए | प्राभवत्यम् [प्रभवत् + प्यन ] सर्वोपरिता, अधिकार, सत्ता, अनुमत, बिदा होने के लिए जिसने अनुमति प्राप्त | शक्ति मन०८।४१२।। कर ली है,—अर्थ (वि.) सफल (र्थः) लब्ध पदार्थ, प्रभाकरः [प्रभाकर-। अण] 'प्रभाकर का अनुयायी' मीमांसा --अवसर (वि.) जिसे मौका या अवसर मिल चुका के आचार्य प्रभाकर के मत (प्राभाकर) का अनुयायो / है,-उवय (वि.) जो उन्नत हो गया है, या जिसने प्राभातिक (वि.) (स्त्री० की) [प्रभात+ठन प्रात:उन्नति अथवा उन्नत पद प्राप्त कर लिया है,-कारिन् काल संबंधी, प्रभातकालीन / (वि.) सही कार्य करने वाला,---काल (वि.) प्राभतम, प्राभतकम [प्र-+आ+भ-+ क्त, प्राभूत+कन्। 1. समयानुकूल, यथाऋतु, उपयुक्त दे० 'अप्राप्त काल, 1. उपहार, भेंट, किसी राजा या देवता को भेंट, 2. विवाह के योग्य 3. नियत, भाग्य में लिखा, (ल:) नजराना 2. रिश्वत / उचित समय, उपयुक्त या अनुकूल क्षण,-पंचत्व (वि०) | प्रामाणिक (वि.) (स्त्री० की) प्रमाण / ठक्] पांचों तत्वों में समाविष्ट अर्थात् मृत, तु० 'पंचत्व', 1. प्रमाण द्वारा सिद्ध, प्रमाण पर आधारित या आश्रित -प्रसव (वि.) जिसने बच्चे को जन्म दे दिया है, 2. शास्त्रसिद्ध 3. अधिकृत, विश्वसनीय प्रमाण ---बुद्धि (वि.) शिक्षण प्राप्त किया हुआ, प्रकाश संबधो,-क: 1. जो प्रमाण को मानता है 2. जो युक्त,--भारः बोझा ढोने वाला पशु, मनोरथ (वि.) नैयायिकों के प्रमाणों का ज्ञाता है, ताकिक 3. किसी जिसका मनोरथ पूरा हो गया है,--यौवन (वि.) व्यवसाय का प्रधान / तरुण, वयस्क, जवान,-रूप (वि०) 1. सुन्दर, मनोहर प्रामाण्यम् [प्रमाण--- व्या] 1. प्रमाण होना या प्रमाण 2. बुद्धिमान्, विद्वान् 3. उपयुक्त, समुचित, सुयोग्य, पर आश्रित होना 2. विश्वसनीयता, प्रामाणिकता -व्यवहार (वि.) वयस्क, बालिग जो कानन की 3. प्रमाण, साक्ष्य, अधिकार / दष्टि से अपने कार्यों को संभालने का अधिकारी हो, प्रामादिक (वि.) प्रमाद+ठक असावधानतावश, गलत, (विप० अवयस्क)- श्री (वि०) जिसकी उन्नति / दोषयुक्त, अशुद्ध - इति प्रामादिकः प्रयोगः या पाठः किसी और के द्वारा हुई हो। आदि। प्राप्तिः (स्त्री०) [प्र+आप+क्तिन् ] 1. प्राप्त करना, प्रामाद्यम् [प्रमाद+व्यञ] 1. त्रुटि, दोष, गलती, अशुद्धि, अधिग्रहण, उपलब्धि, अवाप्ति, लाभ- द्रव्य, यशः,°! 2. पागलपन, उन्माद 3. नशा, मादकता। For Private and Personal Use Only