________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 3441, श०' पुण्यं घाम दानपुण्योदकेषु / ( 620 ) रंग 2. दक्षिणपूर्व या आग्नेयी दिशा का अधिष्ठात-। स्थान जहाँ अन्न आदि खैरात बांटी जाय, 2. देवालय, दिक्पाल - रघु० 1818 3. व्याघ्र 4. एक प्रकार का -जनः 1. सद्गुणी 2. राक्षस, पिशाच 3. यक्ष सपि 5. एक प्रकार का चावल 6. एक प्रकार का रघु० 13160, ईश्वरः कुबेर का विशेषण-अनुययो कोढ़ 7. हाथो का बुखार 8. एक प्रकार का आम यमपुण्यजनेश्वरौ-रघु० ९।६,---जित (वि०) पुण्यका वृक्ष 1. घड़ा, जलपात्र 10. आग 11. मस्तक पर द्वारा प्राप्त किया हुआ, तीर्थम् तीर्थयात्रा का शुभसम्प्रदाय द्योतक तिलक / सम० ---अक्षः विष्णु का स्थान, दर्शन (वि०) सुन्दर (न:) नीलकंठपक्षी विशेषण रघु० १८१८,-प्लवः एक तरह का पक्षी, (नम्) पवित्रस्थान, मन्दिर आदि का दर्शन,-पुरुष - मुखी एक तरह की जोक। धर्मात्मा था पुण्यात्मा, प्रतापः अच्छे गुणों या नैतिक पुंडः [पुंड+रक्] 1. एक प्रकार का गन्ना (लाल रंग कार्यों का प्रभाव, फलम् सत्कर्मों का पुरस्कार, (ल:) का) पौंडा 2. कमल 3. श्वेत कमल 4. (मस्तक पर) वह उद्यान जहाँ पुण्यरूपी फलों की प्राप्ति होती है, सम्प्रदायद्योतक तिलक (चन्दनादिक का) 5. कीड़ा भाज् (वि०) सौभाग्यशाली, धर्मात्मा, अच्छे गुणों डाः (ब०व०) एक देश तथा उसके निवासियों वाला पुण्यभाजः खल्वमी मनयः का० ४३,---भः, का नाम / सम० केलि: हाथी / - भूमिः (स्त्री०) पुण्यभूमि अर्थात् आर्यावर्त,-रात्रः पंडकः [पंड+कन्] 1. एक प्रकार का ईख (लाल रंग | शुभरात्रि, लोकः स्वर्ग, वकुण्ठ,---शकुनम् शुभशकुन का) पोंडा 2. संप्रदाय द्योतक तिलक। (नः) शुभशकुनसूचक पक्षी,--शील (वि.) अच्छ पुण्य (वि०) [पू०+यण, णुक्, ह्रस्वः ] 1. पवित्र, स्वभाव वाला, सत्कर्मों में रुचि रखने वाला, धर्मपुनीत, शुचि जनकतनयास्नानपुण्योदकेषु आश्रमेषु परायण, ईमानदार,-- श्लोक (वि०) सुविख्यात, - मेघ. 1, पुण्यं धाम चंडीश्वरस्य 33, रघु० जिसका नामोच्चारण ही शुभ समझा जाय, उत्तम 341, श०।१४, मनु० 2068 2. अच्छा, भला, यशवाला, पावनचरित्र वाला (कः) (निषध देश के गुणी, सच्चा, न्याय 3. शुभ, कल्याणकारी, भाग्य राजा) नल का विशेषण, युधिष्ठिर और जनार्दन का शाली, अनुकूल (दिन आदि)--मनु० 2 / 30,26 विशेषण---पुण्यश्लोका नलो राजा पुण्यश्लोको युधि4. रुचिकर, सुहावना, प्रिय, सून्दर ...प्रकृत्या पुण्य ष्ठिरः, पुण्यश्लोका च वैदेही, पुण्यश्लोको जनार्दनः / लक्ष्मीको-महावी० 1116,24, उत्तर० 4 / 19, इसी - (का) सीता और द्रौपदी का विशेषण,--स्थानम् प्रकार 'पुण्यदर्शन' 5. मधुर, गंधयुक्त (जैसे सुगंध, पुण्यभूमि, पवित्रस्थान, तीर्थस्थान / परिमल) 6 औपचारिक, उत्सव या संस्कार संबंधी, पुण्यवत् (वि.) [ पुण्य-मतुप, मस्यवः ] 1. सत्कर्म करने ---ण्यम् 1. सद्गुण, धार्मिक या नैतिक गुण अत्यु- याला, सद्गुणी 2. भाग्यशाली, मंगलमय, अच्छी त्कटः पापपुण्यरिदेव फलमश्नुते-हि० 1983, महतो किस्मत वाला 3. सुखी, भाग्यवान् / पुण्यपण्येन क्रीतेयं कायनोस्त्वया---शा० 3 / 1, रखु० पुत् (नपुं०)[+ डुति- पृषो०] नरक का एक विशेष 1169, नै० 3687 2. सद्गुणसंपन्न कृत्य, प्रशस्य प्रभाग जहां पुत्रहीन व्यक्ति डाले जाते हैं, दे० 'प्य' कार्य 3. पवित्रता, पवित्रीकरण 4. पशुओं को पानी नीचे / सम०-नामन् (वि.) 'पुत् नाम वाला। पिलाने के लिए कँड,----ण्या पवित्र तुलसी। सम० पुत्तलः,-ली [ पुत्त्+घञ् = पुनं गमनं लाति-पुत्त-न-ला -अहम् मंगलमय या शुभ दिवस.... पुण्याहं भवंतो +क, स्त्रियाँ डीप ] 1 प्रतिमा, मूर्ति, बुत, पुतला ब्रुवंतु, अस्तु पुग्याहम्-पुण्याहं ब्रज मंगलं सुदिवसं प्रातः 2. गुड़िया कठपुतली। सम० - दहनम,-विधिः प्रयातस्य ते-अमरु 61, 'वाचनम् बहुत से धार्मिक विदेश में जिसका प्राणांत हुआ हो अथवा अप्राप्त शय संस्कारों के आरंभ में तीन बार उच्चारण करना के बदले उसका पुतला बना कर जलाना / 'यह शुभदिवस है',-उदयः सौभाग्य का प्रभात,-उद्यान | पुत्तलकः, पुत्तलिका पुत्तल कन्, पुत्तली। कन्--टाप, (वि०) सुन्दर उद्यान रखने वाला, कर्तृ (पुं०)। हस्यः] गुड़िया, मूर्ति आदि / स्तुत्य या गुणवान् पुरुष,-कर्मन् (वि०) स्तुत्य कार्यों पुत्तिका [पुत्त+ठन्-|-टाप्] 1. एक प्रकार की मधुमक्खी, के करने वाला, खरा, ईमानदार (नपुं०) स्तुत्य कार्य, 2. दीमक / -कालः शुभ समय,-कीति (वि.) अच्छे नाम | पुत्रः [यत्---+क| बेटा (इस शब्द की व्यत्पत्ति-पन्नाम्नो वाला, यशस्वी, विख्यात--भट्टि० 115, - कृत् (वि०) नरकाद्यस्मात् त्रायते पितरं सुतः, तस्मात्पुत्र इति सदगुणसंपन्न, प्रशंसनीय, स्तुत्य,-कृत्या धर्मकार्य, प्रोक्तः स्वयमेव स्वयंभुवा-मनु० 9 / 138, इस ऐसा काम जिसके करने से पुण्य हो,---क्षेत्रम् 1. पवित्र- लिए इस शब्द का शुद्ध रूप 'पुत्त्रः' है) 2. बच्चा, स्थान, तीर्थस्थान 2. 'पुण्यभूमि' अर्थात् आर्यावर्त, किसी जानवर का बच्चा 3. प्रिय वत्स (छोटे बच्चों ----गंध (वि.) मधुर गंध से युक्त,-गृहम् 1. बह की प्यार से संबोधित करने का शब्द) 4. (समास के THEFERREEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE For Private and Personal Use Only