________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पीतकम् पीत+कन्] 1. हरताल 2. पीतल 3. केसर | ताजा...रघु० 38, 5 / 65 19 / 32 2. फूला हुआ 4. शहद 5. अगर की लकड़ी 6. चंदन की लकड़ी। मोटा, -र: कछुवा, री 1. तरुणी 2. गाय / पीतनः [पीत करोति इति-पीत+णिच् + ल्युट वा पीतं / पीवा [पीयते -पी+व+टाप् ] जल। __ नयति इति पीत+नी+ड] गूलर की जाति का वृक्ष पंस् (चुरा० उभ० - पुंसयति-ते)। कुचलना, पीसना -नम् 1. हरताल 2. केसर / 2. पीडा देना, कष्ट देना, दण्ड देना। पोतल (वि०) [पीत+ला-|-क] पीले रंग का,--लः पीला | पंस (0) [या+-डुयसुन् ] (कर्तृ-पुमान्, पुमांसी, रंग,--लम् पीतल।। पुमांसः, करण द्वि० व०-पुभ्याम्, संबो० ए० व० पीतिः [पा+क्तिच् घोड़ा--(स्त्री०) पुमन्) 1. पुरुष 2. नर सि विश्वमिति कुत्र __मदिरालय 3. हाथी की सूड / कुमारी-नै० 5 / 110 2. इंसान, मानव-यस्यार्थाः पीतिका पीत+ठन्+टाप, इत्वम्] 1. केसर 2. हल्दी 3. | स पूमाल्लोके हि०१ 3. मनुष्य, मनुष्य जाति, कौम, पीली चमेली, या सोनजही। राष्ट्र-वंद्यः पुंसां रघुपतिपदैः -मेघ० 12 4. टहपोतुः [पा+ क्तुन्[ 1. सूर्य 2. अग्नि 3. हाथियों के झुंड लुआ, सेवक 5. पुंल्लिग शब्द 6. पुंल्लिग-पुंसि वा का मुख्य हाथी, यूथपति / हरिचन्दनम् - अमर० 7. आत्मा / सम०-अनुज पीथः [पा+थक्] 1. सूर्य 2. काल 3. अग्नि 4. पेय (वि०) (सानुज) [ पुंसा अनुजः, समासे तृतीयायाः 5. जल। अलुक ] वह जिसका बड़ा भाई भी हो, अनुजा पोथिः [-पीति, पृषो० तस्य थः] घोड़ा। (पुमनुजा) लड़का होने के बाद जन्म लेने वाली पीन (वि.) [प्याय+क्त, संप्रसारणे दीर्घः] 1. स्थूल, लड़की अर्थात् बड़े भाई वाली लड़की, अपत्यम् मांसल, हृष्टपुष्ट 2. भरापूरा, विशाल, मोटा-सा (पुमपत्यम्) लड़का, अर्थः (प्रमर्थः) 1. पुरुप या कि 'पीनस्तनी' में 3. पूर्ण, गोलमटोल 4. प्रभूत, मनुष्य का उद्देश्य 2. मानव-जीवन के चार ध्येयों में अधिक / सम०-ऊधस् स्त्री (पीनोध्नी) भरे पूरे से कोई सा एक, अर्थात् धर्म, अर्थ, काम या मोक्ष, ऐन (औड़ी) वाली गाय, -- वक्षस् (वि.) विशाल- दे० पुरुषार्थ, --आख्या (प्रमाख्या) नर की संज्ञा, वक्षःस्थल वाला, भरी पूरी छाती वाला / आचारः (पुमाचारः) पुरुष का आचार, चालचलन, पीनसः [पीनं स्थूलमपि जन स्यति नाशयति-पीन+सो कटिः (स्त्री०) पुरुष की कमर,---फामा ('पुंस्काम) +क] 1. नाक पर दुष्प्रभाव डालने वाला जुकाम 2. पति की कामना करने वाली स्त्री,-कोकिलः (पंस्कोखांसी, जुकाम / किल:) नर-कोयक . कु०३।३२,--खेटः (पुखैट:)नरपीयः पा+कू नि० यक, ईत्वम] 1. कौवा 2. सूर्य 3. | ग्रह,--गवः (पुंगवः) 1. बैल, सांड 2. (समास के अग्नि 4. उल्ल 5. काल 6. सोना। अन्त में) मुख्य, सर्वोलम, श्रेष्ठतम, पूज्य या किसी पीयूषः,-धम् [ पीय / ऊषन् ] / सुधा, अमृत मनसि भी श्रेणी का प्रमुख व्यक्ति-वाल्मीकिर्मनिपंगवः 'वचसि काये पुण्यपीयूषपूर्णाः - भर्त० 2 / 68, इमां -रामा०, इसी प्रकार 'गजपुंगवः भर्तृ० 2 / 31, नर पीयूषलहरीम .. गंगा० 53 2. दूध 3. ब्याने के बाद पुंगवः-आदि,-केतुः शिव का विशेषण- कु० 7177, पहले सात दिन का गाय का दूघ / सम० महस् ....चलो (पुश्चलीयः) रंडी का बेटा,--चिह्नम् (पुं०), रुचिः 1 चन्द्रमा 2. कपूर,--वर्षः 1,अमृतवर्षा (पश्चिह्नम) शिश्न, पुरुष की जननेन्द्रिय,-जन्यन् 2. चन्द्रमा 3. कपूर / (पुंजन्मन्) (नपुं) लड़के का पैदा होना, नर-सन्तान पीलकः [ पील+वल ] भकोड़ा। का जन्म लेना, योगः वह नक्षत्रपुंज जिसमें कि लड़कों पोलुः [ पील-उ] 1. बाण 2. अगु 3. कीड़ा 4. हाथी या नरसन्तान का जन्म होता है, दासः (पुंदासः). 5. ताड का तना 6. फूल 7. ताड के वृक्षों का समूह पुरुष-दास,--ध्वजः (ध्वजः) 1. प्राणिमात्र में किसी 8. 'पील' नाम का एक वृक्ष / भी जाति का नर 2. चूहा,--नक्षत्रम् (पुनक्षत्रम्) नर पीलुकः [पील+कन् ] चींटा। जाति का नक्षत्र, नागः (नागः) 1. पुरुषों में हाथी, पीव् (म्वा० पर० पीवति) मोटा-ताजा या हृष्ट पुष्ट पूज्य या आदरणीय पुरुप 2. सफेद हाथी 3. सफ़ेद होना। कमल 4. जायफल 5. नाग केशर नाम का वृक्ष रघु० पीवन (वि०) (स्त्री०-पीवरी) [प्य+क्वनिप, संप्र० 6 / 57, - नाटः,-3: (पुनाट:-डः) इस नाम का वृक्ष, दीर्घः] 1. भरा पूरा, स्थूल, मोटा 2. हृष्ट पुष्ट, ---नामधेयः (पुंनामधेयः) नर, पुरुषवाची,-नामन् बलवान् --(पुं०) पवन / (नामन) (वि.) पुंलिंग नामधारी, (पुं) पुंनाग पीवर (पि.) (स्त्री०-रा-री) [प्य वरच, संप्र० / नामक वृक्ष,-पुत्रः नर-सन्तान, लड़का, प्रजननम् दीर्घः] 1. स्थूल, विशाल, हृष्टपुष्ट, मांसल, मोटा-! पुरुष की जननेन्द्रिय, लिङ्ग,--भूमन् (पुंभूमन्) (पुं) (वृश्चित नपुं) वह नक्षत्र For Private and Personal Use Only