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का विशेषण - शेषम् देवनिमित्त किये गये यज्ञ का बचा हुआ अंश, श्रुत: 1. विष्णु का विशेषण 2. नारद का विशेषण 3. पावन शास्त्र 4. देव, सभा 1. देवताओं की सभा, सुधर्मा 2. जूए का घर, सभ्यः 1. जुआरी 2. जुएघरों में प्रायः जाने वाला 3. देवसेवक, सायुज्यम् किसी देवता से मिलकर एक हो जाना, देवसंयोजन, देवत्वप्राप्ति, सेना 1. देवों की सेना 2. स्कन्द की पत्नी, स्कन्देन साक्षादिव देवसेनाम्रघु० ७।१ (मल्लि०- देवसेना – स्कन्द पत्नी - संभवतः यहाँ देवों की सेना का ही मूर्त रूप में वर्णन है) पतिः कार्तिकेय का विशेषण, स्वम् देवों की संपत्ति, ( धर्मकार्यों के निमित्त) देवापित संपत्ति यद्धनं यज्ञशीलानां देवस्वंत द्विदुर्बुधाः मनु० ११/२०, २६. - हविस् ( नपुं०) बलिपशु ।
देवकी [देवक - + ङीष् ] देवककी एक पुत्री, वसुदेव की पत्नी, कृष्ण की माता । सम० – नन्दनः पुत्रः – मातृ (पुं० ) - सूनुः श्रीकृष्ण के विशेषण ।
देव: [ दिव् + अन्] कारीगर, दस्तकार । देवता [देव + तल +टाप् ] 1. दिव्य प्रतिष्ठा या शक्ति, देवत्व 2. देव, सुर- कु० १।१3 देव की प्रतिमा 4. मूर्ति 5. ज्ञान इन्द्रिय । सम० अगारः, रम्, -- आगारः, - रम्, गृहम् मन्दिर, -- अधिपः इन्द्र का विशेषण - अभ्यर्चनम् देव पूजन, - - आयतनम्, आलय:, -- वेश्मन् ( नपुं० ) मन्दिर देवालय, प्रतिमा देवमूर्ति प्रतिमा स्नानम् देवमूर्ति का स्नान । देवद्रच् (वि०) [देवम् अचति पूजयति देव + अंच् - क्विन् अद्रि आदेश: ] देवोपासक |
देवन (१०) (दिव + अनि] पति का छोटा भाई, देवर । देवन: [ दिव् + ल्युट् ] पासा, नम् 1. सीन्दर्य, दीप्ति, कान्ति 2. जुआ खेलना, पासे का खेल 3. खेल, कीड़ा, विनोद 4. प्रमोद स्थल, प्रमोद-वाटिका 5. 6. स्पर्धा, आगे बढ़ जाने की इच्छा 7 मामला, ब्यवसाय 8. प्रशंसा, ना जुआ खेलना, पासे का खेल | देवयानी (स्त्री०) असुरगुरु शुक्राचार्य की पुत्री [एक बार
कमल
amrat अपने पिता के शिष्य कच पर मोहित हो गई परन्तु कच ने उसके प्रेम को ठुकरा दिया ! देवयानी ने उसे शाप दे दिया, बदले मैं कच ने भी देवयानी को शाप दिया कि वह एक क्षत्रिय की पत्नी बनेगी । दे० 'कच' | एक वार देवयानी दैत्यों के राजा वृषपर्वा की पुत्री अपनी सखी शर्मिष्ठा के साथ स्नान करने गई, अपने वस्त्र उतार कर तट पर रख दिया। हवा से उनके वस्त्र बदल गये, जब उन्होंने बदले हुए वस्त्र पहने तो दोनों आपस में झगड़ने लगीं, यहां तक कि क्रोध में आकर शर्मिष्ठा ने देवयानी के मुँह पर तमाचा मारा और उसे एक कुएं में फेंक दिया ! सौभाग्य से
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ययाति ने उसे कुएँ से निकाल कर उसके प्राणों की रक्षा की। उसके पश्चात् देवयानी के पिता की स्वीकृति से ययाति का देवयानी के साथ विवाह हो गया, और शर्मिष्ठा को देवयानी के प्रति अपने दुर्व्यव हार के कारण उसकी दासी बनना पड़ा । देवयानी ने ययाति के साथ कई वर्ष सुखपूर्वक बिताये यदु और तुर्वसु नामक उसके दो पुत्र हुए। उसके पश्चात् ययाति शर्मिष्ठा पर आसक्त हो गया । इस बात से दुःखी होकर देवयानी ने अपने पति को छोड़ दिया तथा अपने पिता के घर चली आई। शुक्राचार्य ने अपनी पुत्री के कहने पर ययाति को बुढ़ापे की अशक्तता का शाप दिया। दे० 'ययाति') ।
देवर:, देव (पुं० ) [ देव् + अर, दिव् + ऋ ] पति का भाई (चाहे छोटा हो या बड़ा) - मनु० ३1५५, ९/५९, याज्ञ० १।६८ ।
देवलः [देव + ला + क] देवमूर्ति का सेवक, एक नीच कोटि
का ब्राह्मण जिसका अपना निर्वाह देव - प्रतिमा पर प्राप्त चढ़ावे के ऊपर निर्भर है।
वेवसात् ( अव्य० ) [ देव + साति] देवताओं की प्रकृति के
समान, 'भु बदल कर देवता बनना ।
देविक (वि० ) ( स्त्री० की), देविल (वि०) [देव + छन्, दिव् + इलच्] 1 दिव्य, देवगुणों से युक्त 2. देव से
प्राप्त ।
देवी [ दिव् + अच् + ङीप् ] 1. देवता, देवी 2. दुर्गा 3. सरस्वती 4. रानी - विशेषतः राज्याभिषिक्त रानी, (अग्रमहिषी - जिसने राज्याभिषेक के अवसर पर पति के साथ सब राज - संस्कारों में पत्नी के नाते भाग लिया हो) - 1- प्रेष्यभावेन नामेयं देवी शब्दक्षमा सती, स्वानीratafor पोर्ण वोपयुज्यते - मालवि० ५।१२ देवीभावं गमिता परिवारपदं कथं भजत्येषा - काव्य ० १० 5. सम्मानसूचक उपाधि जो सर्वश्रेष्ठ महिलाओं के साथ प्रयुक्त होती है ।
देश: [ दिश् + अ ] 1. स्थान, जगह- देश: कोनु जलावसेकशिथिल: मच्छ० ३।१२ इसी प्रकार 'स्कन्धदेशे' ---- श० १:१९, द्वारदेश, कण्ठदेश आदि 2. प्रदेश, मुल्क, प्रान्त - यं देशं श्रयते तमेव कुरुते बाहुप्रतापाजितम् - हि० ११७१३ विभाग, भाग, पक्ष, अंश (किसी 'पूर्ण' के ) जैसा कि एक देश, एकदेशीय 4. संस्था, अध्यादेश । सम० अतिथिः (पुं० ) विदेशी,
अन्तरम् दूसरा देण, विदेशी भाग मन० ५१७८, --अन्तरिन् (पुं०) विदेशी, --आचारः, धर्मः स्थानीय कानून या प्रथा, किसी देश के रीति-रिवाज मनु ० १|१८८, कालज्ञ ( त्रि०) उपयुक्त स्थान और समय को जानने वाला - ज, जात ( वि० ) 1. स्वदेशीय, स्वदेशोत्पन्न 2. ठीक देश में उत्पन्न 3. असली, खरा,
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