________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 607 ) भक्त हो। प्राप्त शिक्षा, परम्परा (इस परम्परा को पौराणिक भवत्यनुदिनं वद कोऽहेतु:--र्तृ० 31154, मेघ० 38 लोग 'प्रमाण' मानते हैं)। 2. बन्दर 3. पहाड़ / सम-अंघ्रिः,-पिच्छः एक पारयिष्णु (वि०) [पार+णिच्--इष्णुच्] 1. सुहावना, प्रकार का कबूतर / तृप्तिकारक 2. किसी कार्य को पूरा करने के योग्य, | पारावारीण (वि.) [पारावार---रव] 1. दोनों छोर तक पार जाने के लिए समर्थ / / जाने वाला 2. पूर्ण रूप से जानकार / पारलौकिक (वि०) (स्त्री०-को) [परलोकाय हितम् पर पाराशरः, पाराशर्यः पराशर+अण्, या वा] पराशर लोक ठक द्विपदवृद्धि: ] परलोक से संबंध रखने के पुत्र व्यास का विशेषण / वाला या परलोकोपयोगी,-धर्म एको मनुष्याणां पाराशरिः [ पराशर- इन ] 1. शुकदेव का विशेषण सहायः पारमार्थिक:-महा०, नै 5 / 92 / 2. व्यास का नाम / / पारवतः [--पारापता (पार-आ-+-पत-- अच्)] कबूतर।। पाराशरिन् (पुं०) [पाराशर--इनि ] 1. साधु, सन्यासी पारवश्यम् [ परवेश-|-व्यञ ] परावलंबन, पराश्रयता, 2. विशेषकर वह जो व्यास के शारीर सूत्रों के अधीनता। अध्येता हों। पारशव (वि०) (स्त्री०-वी)। परशु-अण् ] 1. लोहे। पारिकांक्षिन् (पुं०) [पारयति संसारात् पारि ब्रह्मज्ञानम् का बना हुआ 2. कुठार से संबंध रखने वाला,-वः तत्कांक्षति-पारि ---कांक्ष---णिनि / ध्यानमग्न या 1. लोहा 2 शूद्र स्त्री में उत्पन्न ब्राह्मण का पुत्र - चिन्ताशील सन्त, सन्यासी जो भावात्मक समाधि का यं ब्राह्मणस्तु शूद्रायां कामादुत्पादयेत्सुतम्, स पार यन्नव शवस्तरमात्पारशवः स्मत:-मनु० 9 / 178 पारिक्षितः [परिक्षित+अण] जनमेजय का कुल सूचक या परं शवात् ब्राह्मणस्यष पुत्र: शूद्रापुत्रं पारशवं | नाम, अर्जुन का प्रपौत्र और परीक्षित का पुत्र / तमाहु:--महा० 3. दोगला, हरामी। पारिखेय (वि.) (स्त्री०-यी) [परिखा-द] चारों ओर पारश्वधः, पारश्वधिकः [ परश्वध: प्रहरणमस्य----अण, परिखा या खाई से विरा हुआ। परश्वध-+ठक। फरसा धारण करने वाला, कुठार | पारिजातः, पारिजातकः [पारमस्य अस्ति इतिपारी समद्रः धारी। तस्माजात:-... पारिजात-- कन ] 1. स्वर्ग के पाँच पारस (वि०) (स्त्री०-सी) [पारस्यदेशे भवः अण बा. वक्षों में से एक (कहते है कि समद्र मंथन से 'पारि__ यलोपः] पारसो फारस देश का रहने वाला / जाप्स' की उपलब्धि हुई, जिसे इन्द्र ने अपने नन्दनपारसिकः / . फारस देश 2. फारस देश का, पारसीक। कानन में लगाया, कृष्ण ने इन्द्र से छीन कर इरो पारसी (स्त्री०) फारसो भापा / अपनी प्रिया सत्यभामा के वाग में लगाया)-कल्पद्रु. पारसीकः [पषो० साधः] 1. फारस देश 2. फारस देश माणामिव पारिजातः - रघु० 616, 10111, 1717, का घोड़ा, काः (पुं०, साधुः) फारस देश के रहने 2. मूंगे का पेड़ 3. सुगन्ध / / वाले-पारसीकास्ततो जेतु प्रतस्थ स्थलवमना-पारिणाय्य (वि.) (स्त्री०-य्यी) [परिणय-प्या। रघु० 4 / 6 / 1. विवाह से संबन्ध रखने वाला 2. विवाह के अव. पारस्त्रर्णयः [ परस्त्री+ढक्, इनङ, उभय पदवृद्धिः] सर पर प्राप्त किया हुआ, स्यम् 1. विवाह के दोगला, हरामी ('परस्त्री' से उत्पन्न)। अवसर पर स्त्री को मिली हुई सम्पत्ति-मातुः पारहस्य (वि.) [परहंस / व्यञ] उस सन्यासी से संबंध परिणाय्यं स्त्रियो विभजेरन --वसिष्ठ 2. विवाह रखने वाला जिसने सब इन्द्रियों का दमन कर लिया व्यवस्था। पारितभ्या [ परितथ्य+प्या 1 बालों को बांधने के लिए पारा पार+अच+टाप्] एक नदी का नाम--तदुत्तिष्ठ मोतियों की लड़ी। पारासिंधुसंभेदमवगाह्य नगरीमेव प्रविशावः ...मा० / पारितोषिक (वि.) (स्त्री०-की) [ परितोष+ठन] 4 / 9 / 1 / सुखकर, तृप्तिकर, सान्त्वनाप्रद,-कम् उपहार, पुरपारापतः पार-+आ+पत्---अच्] कबूतर / स्कार-गृह्यतां पारितोषिकमिदमङ्गलीयकम्-मृच्छ० 5 / पारायणिकः पारायण-ठ] 1. व्याख्यानदाता, पुराण | पारिध्वजिकः परितः ध्वजा - परिध्वजा+ठक ] झंडा तथा अन्य धार्मिक ग्रन्थों का पाठ करने वाला 2. शिष्य, | बरदार, झंडा ले चलने वाला। विद्यार्थी। पारिन्द्रः। -- पारीन्द्रः, गृषो० हरवः ] सिंह, केसरी। पाराषक: [पार-- -उपन] पत्थर, चट्टान / पारिपंथिकः परिपंथ :-ठका लुटेरा, डाकू। पारावतः / -- पारापतः, पृषो० पस्य वः ] 1. कबूतर, | पारिपाट्यम् | परिपाटी-यन ] 1. ढंग, प्रणाली, रीति फास्ता, पेंडुको-पारावतः खरशिलाकणमात्रभोजी कामी } (परिपाटी) 2. नियमितता। For Private and Personal Use Only