________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पीछे मुड़ा हुआ विक्रम० 1 / 17 2. प्रत्या, परिवेष्टनम् [ परिमय किया हुआ भला-बदली किया हुआ, तित... 2. परिधि 3. वेष्ट ल्युट् ] 1. घेरना. ( 590 ) परिवस (भू.क.कृ.) [परि-|-वृत्+क्त] 1. घुमा हुआ, परिवेष्टनम् [ परि+वेष्ट्--ल्युट ] 1. घेरना, लपेटना मोड़ा हुआ अर्धमुखी विक्रम० 1117 2. प्रत्यावर्तित | 2. परिधि 3. ढक्कन, आवरण। पीछे मड़ा हआ 3. अबला-बदली किया हुआ, विनि- परिवेष्ट (50) [ परि+वेष्ट -तच | भोजन के समय मय किया हुआ 4. समाप्त किया हुआ, अन्त किया / सेवा करने वाला, भोजन परोसने वाला मरुतः परिहुआ, ---तम् आलिंगन / वेष्टारो मरुतस्थावसन् गृहे .. ऐत०।। परिवत्तिः (स्त्री०)[ परि-+-वृत् / क्तिन् ] 1. क्रांति -- परिव्ययः / प्रा० स०11. लागत, मल्य 2. भिममाला। शि० 10 / 91 2. वापसी, लोटना 3. विनिमय, ! परिव्याधः परि-+-मथ--- नरकुटना सरकंडे की अदला-बदली 4. अन्त, समाप्ति 5. घेरा 6. किसी एक जाति / स्थान पर टिकना, बसना 7. ( अलं० शा० ) एक परिवज्या परि। न वयम् गा]1. चहलकदमी करना, अलंकार जिसमें किसी समान, कम या बड़ी बस्तु से जगह जगह घूमते फिरना 2. सन्यासी होना, साथ विनिमय हो परिवतिविनिमयो योऽर्थानां स्यात्समा- नहात्माओं का जीवन बिताना 3. सांसारिक मोहमाया समैः-काव्य० १०-उदा०-दत्त्वा कटाक्षमेणाक्षो जग्राह का त्याग, वैराग्य में अन राग, धार्मिक साधना / हृदयं मम, मया तु हृदयं दत्त्वा गृहीतो मदन ज्वरः / परिवाज (पुं०) परिवाजः, जकः [ परित्यज्य सर्वान् विषसा० द०७३४ 8. अर्थ को बिना बदले एक शब्द यभागान् ब्रजति परिव -क्विप्, घन, एबुल् के स्थान में दूसरा शब्द रखता, जैसा कि --- शब्दपरि वा ] भ्रमणशील साथ, अवधत, तपस्वी, सन्यासी वृत्तिसहत्वम् काव्य 0 10 उदा० 'वृषध्वज' में 'ध्वज' (चौथे आश्रम में) जिसने सांसारिक मायामोह का के स्थान में लांछन या वाहन लगाया जा सकता है। त्याग कर दिया हो। परिवद्धिः (स्त्रिी०) [प्रा०स०] संवर्धन, बढ़ती, उन्नति / परिशाश्वत (वि.) (स्त्री० ती) [ प्रा० स० | सदा के रिवेदक: [ प्रा०स० 1 विवाहित छोटा ! लिए उसी रूप में बना रहने वाला। भाई जिसका बड़ा भाई अविवाहित हो . रघु० 120- परिशिष्ट (वि०) [परि ।-शिप-+क्त | छोड़ा हुआ, बचा 16, ज्येष्ठे अनिविष्ट कनीयान् निविशन् परिवेत्ता / हुआ, .. ष्टम् सम्पूरक, अतिरिक्त जैसा कि गत्य भवति, परिविष्णो ज्येष्ठः, परिवेदनीया कन्या, परि-! परिशिष्ट'। दायी दाता, परिकर्ता याजकः, सर्वे ते पतिता:---- | परिशीलनम् [ परि+शील ल्यट ] 1. स्पर्श, सम्पर्क हारीत / (शा०)-ललितलवंगलतापरिशीलनकोमलमलयसमीरे परिवेवन परि-विद् + ल्युट] 1. बड़े भाई के अविवाहित ----- गीत० 1, इसी प्रकार - बदनकमलपरिशीलन रहते छोटे भाई का विवाह 2. विवाह 3. पूरा या मिलित .....11 2. अनवरत सम्पर्क, आपसीमेलसही ज्ञान 4. उपलब्धि, अधिग्रहण 5. अग्न्याधान,-- जोल, पत्र व्यवहार 3. अध्ययन, (किसी वस्तु में) 1160 6. सर्वव्याप्ति, विश्वव्यापी या विश्व- आसक्ति, स्थिर या निश्चित बत्ति काव्यार्थ० सत्ता, ना 1. समझदारी, बुद्धिमानी 2. बुद्धिमत्ता, सा० द०। दूरदर्शिता। परिशुद्धिः (स्त्री) [प्रा० स० 11. पूर्ण शुद्धि, अग्नि" परिवेदनीया, परिवेविनी [ परि+विद --अनीयर-+-टाप उत्तर०४ 2. दोष-शुद्धि, रिहाई। परि---विद --णिनि+की उस छोटे भाई की पत्नी परिशष्क (भ० के० कृ०) [ परि-|-शुल् + क्त] 1. पूरी जिसका बड़ा भाई अविवाहित हो। तरह सूखा हुआ, सुखाया हुआ, तपापा हुआ,... तृपा परि (री) वेशः (षः) [परि---विश् (प)+घञ, पक्षे महत्या परिशुष्कतालवः ऋतु० 1 / 11 2. मुझाया उपसर्गस्य दीर्घः] 1. भोजन के समय सेवा करना, हुआ, कुम्हलाया हुआ, (गालों की भांति) चिपका भोजन बांटना, भोजन परोसना 2. वृत्त, चक्र, (दीप्ति) हुआ, --कम् एक प्रकार का तला हआ मांस / मंडल - रघु० 5 / 74, 6 / 13, शि० 5 / 52, 1749 | परिशून्य (वि.) [प्रा० स०] बिल्कुल खाली, रधु० 3. (विशेषतः) सूर्यमंडल या चन्द्रमण्डल -- लक्ष्यते 8 / 66 2. सर्वथा स्वतन्त्र, नितान्त शून्य. 19 / 6 / / स्म तदनन्तरं रविर्बद्धभीम परिवेषमंडल: .-रघ० | परिशृतः [परि+ +क्त ] तीक्ष्ण मदिरा। 11 / 52 4. वृत्त की परिधि 5. सूर्यबिंब, चन्द्रबिब परि (री) शेषः [ परि+शिव+घा, पक्षे उपसर्गस्य 6. कोई वस्तु जो घेरती है या रक्षा करती है। दीर्घः ] 1. बचा हुआ, बाकी 2. परिशिष्ट 3. रामाप्ति, परिवेषकः [ परि+विष --प्रवल ] भोजन परोसने वाला। उपसंहार, संपूर्ति / परिवेषणम् [ परि+विष+ल्युट ] 1. भोजन परोसना, | परिशोधः, परिशोधनम् [परि--शुध, घा ल्युट्] 1. युद्ध (सेवा के लिए) प्रस्तुत रहना, भोजन वितरण करना करना, मांजना 2. छुटकारा, भारावतरण, (ऋण 2.लपेटना, घेरना 3. सर्यमंडल, चन्द्रमंडल 4. परिधि / आदि का) भुगतान। For Private and Personal Use Only