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बरी दशा म
.) कुरूप, बस
2. दुर्गम,
गतगोरदुकलम् ---गीत० ११, कु० ५।६७, ७८,
भट्टि० ३।३४, १०।१, रघु०१७।२५ । दुग्ध (वि.) [ दुह +क्त ] 1. दुहा हुआ 2. जिसका दूध
दुह लिया गया है, चूस लिया गया है या निकाल लिया गया है-दे० 'दुह ,-धम् 1. दूध, 2. पौधों का दूधिया रस । सम--अग्रम्- तालीयम् दूध का फेन, मलाई,-पाचनम् वह बर्तन जिसमें दूध डाल कर।
औटाया जाय,---पोष्य (वि०) अपनी माँ के दूध पर रहने वाला बच्चा, दूध पीता (बच्चा) स्तनपायी,
----समुद्रः दूध का सागर, सात समुद्रों में से एक । दुध (वि०) [दुह+क] (प्रायः समास के अन्त में) 1. दूध
देने वाला 2. सौंपने वाला, देने वाला, जैसा कि
'कामदुघा' में। दुधा [दुध+टाप् ] दूध देने वाली गाय, दुधार गौ। दुण्डुक (वि०) [दुण्डुभ इव कायति दुडुभ-+के+क, पृषो०
भलोपः] बेईमान, दुष्ट हृदय वाला, जालसाज । दुण्डुभः- डुडुभ । दुन्द्रमः [ दुर दुष्टो द्वन्म:--पृषो० रलोपः ] हरा प्याज । दुन्दमः (०) [ दुन्द इत्यव्यक्तं मणति शब्दायते-दुन्द
+-मण्ड ] एक प्रकार का ढोल, दे० दुन्दुभि । दुन्दुः (पु०) 1. एक प्रकार का ढोल 2. कृष्ण के पिता
वसुदेव का नाम । दुन्दुभः [ दुन्दु-भण्-ड] 1. एक प्रकार का बड़ा ढोल,
तासा 2. एक प्रकार का पनियल साँप । दुन्दुभिः (पुं०, स्त्री०) [ दुन्दु इत्यव्यक्तशब्देन भाति-भा
+कि ] एक प्रकार का बड़ा ढोल, नगाड़ा--विजयदुन्दुभितां ययुरणवाः--रघु० ९।११, (पुं०) 1. विष्णु की उपाधि 2. कृष्ण का विशेषण 3. एक प्रकार का विष 4. एक राक्षस जिसे वालि ने मारा था, (जब सुग्रीव ने इस राक्षस का अस्थिपंजर भगवान् राम को यह बतलाने के लिए कि वालि कितना बलवान था, दिखलाया तो राम ने इसे मामूली सी ठोकर
मारी और वह अस्थिपंजर मीलों दूर जाकर पड़ा)। दुर (अव्य०) [दु+रुक] ('दुस्' के स्थान में प्रयुक्त किया
जाने वाला उपसर्ग जो 'बुराई' 'कठिनाई' का अर्थ प्रकट करने के लिए स्वरादि तथा घोषवर्णादि से आरम्भ होने वाले शब्दों से पूर्व लगाया जाता है, दुस्पूर्वक समासों के लिए दे० 'दुस्')। सम०-अक्ष (वि.) 1. दुर्बल आँख वाला 2. खोटी दृष्टि वाला (-क्षः) कपट का पासा,-अतिक्रम (वि०) 1. दुर्जय, दुस्तर, अजेय-स्वजाति१रतिक्रमा-पंच०१ 2. दुर्लध्य 3. अनिवार्य,-अत्यय (वि.) 1. जो कठिनाई से जीता जा सके,----रघु० ११३८८ 2. दुर्लभ, अगाध -----अदृष्टम् दुर्भाग्य, विपत्ति-अधिग,-अधिगम (वि०) 1. दुष्प्राप्य, जिसे प्राप्त करना कठिन हो, पंच० ।
११३३० 2. दुस्तर 3. दुर्जेय, जिसे अध्ययन करना बहुत कठिन हो-कि० ५।१८,-अधिष्ठित (वि.) बरी तरह से संपन्न, प्रबद्ध या क्रियान्वित किया गया -~-अध्यय (वि.) 1. दुर्लभ 2. दुर्बोध,—अध्यवसायः, मुर्खतापूर्ण व्यवसाय,----अध्वः कुमार्ग,---अन्त (वि.) 1. जिसके किनारे पर पहुँचना कठिन हो, अनन्त, अन्तहीन-संकर्षणाय सूक्ष्माय दुरन्तायान्तकाय च-भाग० 2. परिणाम में दुःखदायी, विषण्ण-अहो दुरन्ता बलवद्विरोधिता—कि० २२३, नत्यति युवतिजनेन समं सखि विरहिजनस्य दुरन्ते (वसन्ते)-गीत० १,-अन्वय (वि०) 1. दुर्गम 2. जिसका पालन करना, या अनुसरण करना कठिन हो 3. दुष्प्राप्य, दुर्बोध (यः) अशुद्ध निष्कर्ष, दिये हुए तथ्यों का गलत अनुमान,-अभिमानिन् (वि०) मिथ्या अहंकार करने वाला, . झूठा घमंडी,--अवगम (वि०) दुर्बोध,--अवग्रह (वि०) जिसे रोकना या काबू में रखना कठिन हो, जिसका नियंत्रण कष्ट-साध्य हो,---अवस्थ (वि०) दुर्दशाग्रस्त, बुरी दशा म पड़ा हुआ,-अवस्था दुर्दशा, दयनीय स्थिति, आकृति (वि०) कुरूप, बदसूरत,--आक्रम (वि.) 1. अजेय, जो जीता न जा सके 2. दुर्गम,
-आक्रमणम् 1. अनुचित हमला 2. कठिन पहुँच, ---आगमः अनुपयुक्त या अवैध अधिग्रहण,---आग्रहः मूर्खतापूर्ण हठ, जिद, अनुचित आग्रह, -आचर (वि०) कष्टसाध्य,-आचार (वि.) 1. बुरे चालचलन का, कदाचारी 2. कुत्सित आचरण वाला, दुर्वृत्त, दुश्चरित्र -भग० ९१३०, (र:) दूषित आचरण, कदाचार, दुश्चरित्रता,-आत्मन् (पुं०) दुर्जन, लच्चा, लफंगा,--आधर्ष (वि.) 1. जिस पर आक्रमण करना कठिन है 2. जिसका लेशमात्र भी पराभव न हो सके 3. उद्धत,
-आनम (वि.) जिसे झुकाना बहुत कठिन हो, ... -रघु० १११३८,-- आप (वि०) दुर्लभ --श्रिया दुराप: कथमीप्सितो भवेत्----श० ३३१४, रघु० ११७२ ६।६२, --आराध्य (वि.) जिसे प्रसन्न करना बहुत कठिन हो, जिसको जीत लेना कष्टसाध्य हो,--आरोह (वि.) जिस पर चढ़ना कठिन हो, (-हः) 1. नारियल का पेड़ 2. ताड़ का पेड़ 3. छुहारे का पेड़-आलापः 1. दुर्वचन, गाली 2. बुरी बातचीत, अपशब्दयुक्त भाषा -आलोक (वि०) 1. जो कठिनाई से देखा जा सके 2. जिसकी ओर देखने आँखें झंप जायं, चकाचौंध करने वाला प्रकाश-- दुरालोकः स समरे निदाधाम्बररत्नवत
-काव्य० १०, (---कः) चकाचौंध पैदा करने वाली चमक,--आवार (वि.) 1. जिसे ढकना कठिन हो 2. जिसे रोकना, बन्द करना, या ठहराना कठिन हो, --आशय (वि०) दुर्मनस्क, कुत्सित विचारों वाला व्यक्ति, जिसकी नीयत खराब हो, नीच हृदय का,
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