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३२३ )
खट्टेरक (वि०) [खट्ट+ एक ठिगना ।
2. एक प्रकार का ईख, गन्ना । सम०--अभ्रम् 1. बिखड़े खट्वा |बट + क्वन+टाप] 1. खाट, सोफा, खटोला हए बादल 2. कामकेलि में दांतों का चिह्न,--आलि:
2. झला, पालना। सम०---अंग सोटा या लकड़ी जिसके (स्त्री) 1 तेल की एक नाप 2. सरोवर या झील सिरे पर खोपड़ी जड़ी हो (यह शिव जी का हथियार 3. वह स्त्री जिसका पति व्यभिचारी हो,-कथा छोटी समझा जाता है तथा संन्यासी और योगी इसे धारण कहानी, --काव्यम् मेघदूत जैसा छोटा काव्य-परिकरते हैं)--मा० ५१४, २३ 2. दिलीप, 'धर, भन् भाषा:----खण्डकाव्यं भवेत्काव्यस्यैकदेशानुसारि च (पु०) शिव को उपाधियाँ,-. अनिन् (पुं०) शिव का ----सा० द० ५६४,- जः एक प्रकार की खाँड़,-धारा विशेषण,- आप्लुत - आरुढ (वि०) 1. नीच, दुष्ट कैची,---परशुः शिव का विशेषण-महश्वर्य लीलाज2. परित्यक्त, बदमाश 3. मुखं, बेवकुफ ।
नितजगतः खण्डपरशोः-- गंगा० १, येनानेन जगत्सु खट्वाका, खटिवका [खट्वा --कन् टाप, इत्यम् वा] खण्डपरदादेवो हरः ख्याप्यते--महावी० २।३३ खटोला, छोटी खाट ।
2. जमदग्नि का पुत्र, परशुराम का विशेषण,--- पशुः खड़ दे० खंड।
1. शिव 2. परशुराम 3. राहु 4. टूटे दाँत वाला हाथी, खडः खड् + अच् | तोड़ना, टुकड़े टुकड़े करना ।
-पाल: हलवाई,--प्रलय: विश्व का आंशिक प्रलय खडिका खडी | खड्- अच् |- डीए, कन्, ह्रस्व, खद+
जिसमें स्वर्ग से नीचे के सब लोकों का नाश हो जाता डीप खड़ियाँ ।
है, -मण्डलम् वृत्त का अंश, .... मोदकः खांड के लड्डू, खङ्गः [वाड्-गन् | 1. तलवार--- न हि खगो विजानाति ---लवणम् एक प्रकार का नमक, ---विकारः चीनी, कर्मकार स्वकारणम् -उद्भट, खङ्गं परामश्य आदि
..... शर्करा मिसरी,—शीला असती, व्यभिचारिणी 2. गडे के सींग 3. गैडा-रघु०९।६२, मनु० ३।२७२,
स्त्री। ५।१८,---शा लोहा । सम०—आघात: तलवार का |
खण्डकः,--कम् | खण्ड-|-कन] टुकड़ा, भाग, अंश,-क: 1. धाव, आधारः मान, कोश, आमिषम् भंस का
चीनी, बांड 2. जिसके नाखन न हो। मांस, --आह्वः गैडा, कोशः म्यान, --धरः खड्गधारी | खण्डन (वि.) [खण्ड् + ल्युट् ] 1. तोड़ने वाला, काटने योद्धा,---धेनः, धेनुका 1. छोटी तलवार 2. गैडे की वाला, टुकड़े २ करने वाला 2. नष्ट करने वाला, मादा, पत्रम तलवार की धार, पाणि (वि.) हाथ मारने वाला---स्मरगरलखण्डनं मम शिरसि मण्डनम् में तलवार लिये हुए, पात्रम भैस के सींगों का बना ! -. गीत. १०, भवज्वरखण्डनम्-१२, - गम् 1. तोड़ना पात्र, पिधानम् पिधानकम म्यान,--पुत्रिका चाकू, काटना 2. काट लेना, क्षति पहुँचाना, चोट पहुँचाना छोटी नलवार, प्रहारः तलवार का आघात,-.-फलम् : -... अधरोष्ठखण्डनम् -पंच० १, घटय भुजबन्धनं
तलवार का फलक (मुठ को छोड़ कर शेष तलवार)। जनय रदखण्डन गीत० १०, चौर० १३ 3. हताश खड़गवत् (वि.) [खड् :- मतुप] तलवार से सुसज्जित ।। करना, (प्रणय में) निराश करना 4. विघ्न डालना खङ्गिकः खङ्ग+ठन्] 1. खगधारी योद्धा 2. कसाई। रसखण्डनजितम्-रघु०९।३६ 5. ठगना, धोखा देना खगिन् (वि०) (स्त्री० ---नी) खड़ग+इनि] तलवार से 6. (तक का) निराकरण करना- ६१३० ___सुज्जित (पु०) गंडा।
7. विद्रोह, विरोध 8. बर्खास्तगी। खड्गीकम् [म्बग-ईक वा०] दरांती।
खण्डल:,- लम् [खण्ड+लच् नि.] टुकड़ा। खण्ड चुग० पर० खण्यति, खण्डित) 1. तोडना, काटना । खण्डशः (अव्य०) [खण्ड+शस्] 1. अंशों में, टुकड़ों में, कृ टुकड़े २ करना, कुचलना भट्टि० १५१५४ 2. पूरी
काट कर टुकड़े २ करना 2.-थोड़ा २ करके, टुकड़ा २ तरह हराना, नष्ट करना, मिटाना रजनीचरनाथेन
कर के, टुकड़े २ कर के। खण्डिते तिमिरे निशि -हि०३।१११ 3. निराश करना ! खण्डित (भ० क० कृ०) [ खण्ड्+क्त ] 1. काटा हुआ, भग्नाग करना, (प्रणय में) हताश करना - स्त्रीभिः तोड़ कर टुकड़े २ किया हुआ 2. नष्ट किया हुआ, कस्य न खण्डित भुवि मन: - पंच० १११४६ 4. विघ्न ध्वंस किया हुआ 3. (तर्क का) निराकरण किया हुआ डालना 5. धोखा देना।
4. विद्रोह किया हुआ 5. निराश किया हुआ, धोखा खण्डः, इम खण्ड। घन ] 1. दरार, खाई, विच्छेद, दिया हुआ, परित्यक्त--खण्डितयवतिविलापम्-गीत.
कटाव, अस्थिभंग 2. टुकड़ा, भाग, खंड, अंश दिव: ८, ता वह स्त्री जिसका पति अपनी पत्नी के प्रति कान्तिमखंडमेक --मेघ० ३० काष्ट', मांस आदि अविश्वास का अपराधी रहा हो, और इसलिए उसकी 3. ग्रंथ का अनुभाग, अध्याय 4. समुच्चय, संघात, पत्नी उससे क्रुद्ध हो, संस्कृत साहित्य में वणित १० समूह-तरुखण्डस्य का० २३,---3. 1. चीनी, खाँड़ प्रकार की नायिकाओं में से एक--रघु० ५।६७, मेघ० 2. रत्न का एक दोष,-डम् 1. एक प्रकार का नमक ! ३९, परिभाषा इस प्रकार की है:- पार्श्वमेति प्रियो
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