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घ
घ (वि.) हन-टक, टिलोपः. घत्वं च (यह केवल । बराबर तोल 6. स्तम्भ का एक अंश । सम० ---आटोपः
समास में उत्तर पद के रूप में प्रयुक्त होता है) प्रहार । रथ या कुर्सी आदि को पूरा ढकने का कपड़ा,-उद्भवः, करने वाला, मारने वाला, नाश करने वाला---जैसा -जः, योनिः- सम्भवः अगस्त्य मुनि के विशेषण कि पाणिव और राजघ आदि में,—घः 1. घण्टी -ऊबस् (स्त्री०) गाय जिसकी औड़ी दूध से भरी 2. खड़खड़ाना, गरगराहट, टिनटिनाना।
हो-गाः कोटिशः स्पर्शयता घटोन्नी:---रघु० २।४९, घट । (भ्वा० आ० ---घटते, घटित) व्यस्त होना, प्रयत्न ------कर्परः 1. कवि का नाम 2. ठीकरा, बर्तन का करना, प्रयास करना, जानबूझ कर किसी काम में लगना
टुकड़ा-जीयेय येन कविना यमकैः परेण तस्मै वहेय(तुमुन्नत, अधि० या संप्र० के साथ)-दयितां त्रातुमलं मुदकं घटकपरेग--घट० २२,---कारः, कृत् (पुं०) घटस्व -भट्टि० १०१४०, अंगदेन सम योद्धमघटिष्ट कुम्हार,-ग्रहः पानी भरने वाला,-- वासी कुटनी तु० १५।१७, १२।२६, १६।२३, २०१२४, २२।३१ 2.होना कुम्भदासो,-पर्यसमम् पतित व्यक्ति का अन्त्येष्टि घटित होना, सम्भव होना-प्राणस्तपोभिरथवाऽभिमतं |
संस्कार करना (जो अपने इस जीवन में अपनी जाति मदोयैः कृत्यं घटेत सुहृदो यदि तत्कृतं स्यात् --मा० में फिर सम्मिलित होना न चाहता हो),-भेवनकम ११९, क्या यह सम्भव है, कस्पापरस्योडुमयः प्रसूनः । बर्तन बनाने का एक उपकरण,-राजः पक्की मिट्टी का वादित्रसष्टिवंटते भटस्य-नै० २२२२ 3. आना, जलपात्र, स्थापनम् दुर्गा के रूप में जल-कलश की पहुँचना। प्रेर-घटयति 1. एकत्र करना, मिलाना, एक ! स्थापना। जगह करना-इत्थं नारीर्घटयितुमलं कामिभिः-शि० घटक (वि.) [घट्+णिच् +ण्वुल] 1. प्रयास करने वाला ९।८७, अनेन भैमों घटयिष्यतस्तथा-नै० ११४६, कुवा । प्रयत्नशील-एते सत्पुरुषाः परार्थघटका: स्वार्थ परिसंधि भीमो विघटयति यूयं घटयत ---वेणी० १११०, त्यज्य ये-भर्तृ० २।७४ 2. प्रकाशित करने वाला, भट्टि० १११११ 2. निकट लाना या रखना, सम्पर्क में निष्पन्न करने वाला 3. सारभूत अंश बनाने वाला, लाना, धारण करना---घटयति धनं कण्ठाश्लेषे रसान्न अवयव, उपादान, -क: 1. वह वृक्ष जिसके फूल दिखाई पयोधरौ-रत्न० ३।९, घटय जपने कांचीम् ... गीत० न देकर फल ही लगे 2. सगाई, विवाह ते कराने १२ 3. निष्पन्न करना, प्रकाशित करना, कार्यान्वित वाला, एक अभिकर्ता जो वंशावली मिला कर विवाहकरना तटस्थ: स्थानान् घटयति च मौनं च भजते सम्बन्ध ते कराये 3. वंशावली का जानने वाला। -मा० १११४, (अभिमतम्) आनोप झटिति घटयति- घटनम् - ना [ घट+ल्युट ] 1. प्रयास, प्रयत्न 2. होना, रत्न०१६ 4. रूप देना, गढ़ना, आकार देना, निर्माण घटित होना 3. निष्पन्नता, प्रकाशन, कार्यान्वयन जैसा करना, बनाना-एवमभिधाय वैनतेयम् -अघटयत् कि 'अघटितघटना' में 4. मिलाना, एकता, क स्थान .....पंच १, कान्ते कथं घटितवानुपलेन चेतः - शृंगार० पर मिलाना, जोड़-तप्तेन तप्तमयसा घटनाय योग्यम् ३, घटय भुजबन्धनम् --गीत० १० 5. प्रणोदित -- विक्रम २।१६, देहद्वयार्धघटनारचितम्-का० करना, उकसाना स्नेहोघो घटयति मां तथापि वक्तुम् २३९ 5. वनाना, रूप देना, आकार देना। --भट्टि० १०७३ 6. मलना, स्पर्श करना, प्र- घटा घिट्+अड+टाप] 1. चेष्टा, प्रयत्न, प्रयास 2. संख्या, 1. व्यस्त होना, काम में लगना- भट्टि २०१७ टोली, जमाव प्रलयघनघटा-का० १११, कौशिक2. आरम्भ करना, शुरू करना--भट्टि० १४१७७ घटा--उत्तर० २।२९, ५।६, मातंगघटा--शि० ११६४ वि-1. वियुक्त होना, अलग होना 2. बिगड़ना, बर्बाद 3. सैनिक कार्य के लिए एकत्र हुई हाथियों की टोली होना, रुक जाना, ठहर जाना, बन्द कर देना --प्रेर० 4. सभा। अलग २ करना, तोड़ना, सम् -मिलाना, 1 (चुरा० घटिकः [घट+ठन] घड़नई के सहारे नदी पार करने वाला. उभ० ...घाटयति, घाटित) 1. चोट मारना, क्षति कम् नितम्ब, चूतड़। पहँचाना, मार डालना 2. मिलाना, जोड़ना, इकट्ठा घटिका [ घटी-+-कन्+टाप, ह्रस्वः] 1. एक छोटा घड़ा, -करना, संग्रह करना, उद्-, खोलना, तोड़ कर खोलना करवा, छोटा मिट्टी का बर्तन --नार्यः श्मशानघटिका कगाट मुद्घाटयति -- मृच्छ० ३, निरयनगरद्वारमुद्- इव वर्जनीया:--पंच. १२१९२, एष क्रीडति कृपयन्त्रघाटयन्ती-भर्तृ० ११६३ ।
घटिकान्यायप्रसक्तो विधिः । मच्छ० १०१५९ 2. २४ घटः घिट -अच | 1. मिट्टी का मटका, घड़ा, मर्तबान, पानी भिनट का समय, एक घड़ी 3. एक जल घट जिससे
देने का पात्र . कपे पश्य पयोनिधावपि घटो गणाति दिन को बड़ियाँ गिनी जाती थीं 4. टखने के ऊपर का तुल्यं जलम् भर्त० २।४९ 2. कुम्भ राशि 3.हाशी तथा पिण्डलो से नीने का पतला भाग। का मस्तक 4. कुम्भक प्राणायाम 5.२० रोण के घटिन् (पू.) [घर+इनि] कुंभ राशि ।
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