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★ मुझे तो श्वास लेने की भी फुरसत नहीं है। ★ समय की कमी से मेरा तो खाना-पीना ही छूट गया है। ★ जल्दी-जल्दी में मि. जैन सीढ़ियों से फिसल गए और पैर की हड्डी टूट गई। ★ गाड़ी का भीषण एक्सीडेंट हुआ, चालक सौ कि.मी. प्रति घण्टे से भी तेज ड्राइव कर रहा था। ★ मैंने रात-रात भर जागकर परीक्षा की तैयारी की। ★ मेरे पास कुछ काम ही नहीं है, मैं समय कैसे बिताऊँ? ★धर्म-साधना करते हुए मेरा समय काटना मुश्किल हो जाता है। ★ आज सुबह से कोई परिचित नहीं आया, इसलिए दिन बहुत लम्बा लग रहा है, इत्यादि।
ऐसे अनेकानेक कथन यह प्रदर्शित करते हैं कि हर व्यक्ति की दो प्रकार की शिकायतें हैं, कभी तो वह समय की कमी महसूस करता है और कभी येन-केन-प्रकारेण बड़ी कठिनाई से समय गुजारता है। परन्तु ये कथन इस तथ्य को सिद्ध करने में सक्षम हैं कि हम समय का सम्यक् प्रबन्धन नहीं कर पा रहे हैं। इस प्रकार की जीवनशैली से कई बार हम आवश्यक कार्यों को नहीं कर पाते और जीवन-विकास के स्वर्णिम अवसर हाथ से छूट जाते हैं। अधिकांशतः यह देखने में आता है कि व्यक्ति की जीवनलीला समाप्त हो जाती है और उसके सपने अधूरे ही रह जाते हैं। कुल मिलाकर, जीवन निरर्थक हो जाता है, क्योंकि जीवनभर तनाव और अशान्ति में जीने के बाद भी कोई सार्थक उपलब्धि प्राप्त नहीं होती। 4.1.2 जैनदर्शन में समय का स्वरूप
भगवान् महावीर कहते हैं कि मनुष्य-जीवन बहुत ही अल्प है और अन्तसहित है। जिस प्रकार वृक्ष के पत्ते समय आने पर पीले पड़कर झड़ जाते हैं, उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी आयु के पूर्ण होने पर समाप्त हो जाता है। अतः, इस ससीम जीवन को सफल बनाने के लिए व्यक्ति को सभी जरुरी कार्य समय रहते कर लेने चाहिए। उसे जीवन के प्रत्येक क्षण को कीमती जानकर समय नष्ट करने वाले कारकों से दूर रहना और समय बचाने वाले कारकों का प्रयोग करना चाहिए।
'समय' शब्द 'सम्' उपसर्गपूर्वक 'अय् गतौ' धातु से 'अच्' प्रत्यय जुड़ने से बना है। इसका शाब्दिक अर्थ है – 'सभी ओर से गमन करने वाला'। जैनदर्शन में 'समय' शब्द निम्न अर्थों में प्रयोग किया गया है।
★ अखिल विश्व , जिसमें 'लोक' और 'अलोक' दोनों का समावेश हो जाता है।' ★ आत्मा अर्थात् चेतन-द्रव्य। ★ सूक्ष्मतम कालखण्ड, जिसका पुनर्विभाजन न किया जा सके। इसकी सूक्ष्मता का परिमाण यह है
कि एक बार पलक झपकने में असंख्यात 'समय' बीत जाते हैं।' * जीवादि षड्द्रव्यों में से एक द्रव्य, जिसका दूसरा नाम 'निश्चय-काल' है, जो काल-अणु के
जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व
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