Book Title: Jain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Author(s): Manishsagar
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

View full book text
Previous | Next

Page 899
________________ जीवन प्रबन्धन है.... • जीवन के विविध पहलुओं का प्रबन्धन । • जीवन की समस्याओं का सम्यक समाधान सुख, शान्ति एवं आनन्द पूर्वक जीने की कला जीवन-विकास के लिए क्रमबद्ध जीवन सोपान 'जीवन का समग्र, सन्तुलित एवं सुव्यवस्थित विकास जीवन-निर्वाह के साथ-साथ जीवन-निर्माण का उपाय 'जीवन का परिष्कार विविध सिद्धान्तों एवं प्रयोगों के द्वारा प्राप्त परिस्थितियों में बेहतर जीवन जीने का सरल रास्ता । जीवन के प्रति पूर्ण ईमानदार व जवाबदार बनने का उद्घोष जीवन और धर्म के बीच अट, अखण्ड सम्बन्ध की स्थापना का • जीवन को विश्वास के साथ-साथ विज्ञान पर खड़ा करने का प्रयास जीवन में भान्त धारणाओं का उत्थापन। तथा यथार्थ मान्यताओं का स्थापन Fer Personale Pavere Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 897 898 899 900