________________ साध्य (लक्ष्य) की प्राप्ति लक्ष्य-प्राप्ति प्रयत्न लक्ष्य-प्राप्ति बाह्य परिवेश से प्राप्त लक्ष्य-प्राप्ति प्रबन्धन / बाधक-तत्त्वों का निराकरण बाह्य परिवेश की ओर साधक-तत्त्वों का स्वीकरण लक्ष्य (साध्य) का निर्धारण साधक प्रबन्धन - प्रबन्धन वह वैयक्तिक एवं सामाजिक प्रक्रिया है, जो बदलते हुए परिवेश में, जीवन के सम्यक लक्ष्य का निर्धारण कर, लक्ष्य की सिद्धि के लिए नियोजन, संगठन, संसाधन, निर्देशन, समन्वयन और नियन्त्रण का समुचित प्रयोग कर, साधक-तत्त्वों का सम्यक उपयोग एवं / बाधक-तत्वों का सम्यक निराकरण कर लक्ष्य की प्राप्ति कराता है। और अन्ततः जीवन का समग्र विकास करके / - चरम आत्मिक-शान्ति प्रदान करता है।। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org