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अध्याय 11 - भोगोपभोग-प्रबन्धन (Consumption Management)
Page No. Chap. Cont. 1613
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11.1 भोगोपभोग की अवधारणा एवं उपभोक्ता संस्कृति 11.2 भोगोपभोग का जीवन में महत्त्व 11.3 उपभोक्ता संस्कृति का स्वरूप 11.4 असन्तुलित, अमर्यादित एवं अव्यवस्थित भोगपभोग-नीति (उपभोक्ता-संस्कृति) के
दुष्परिणाम 11.5 जैनआचारमीमांसा के आधार पर भोगोपभोग-प्रबन्धन
11.5.1 जैनआचारमीमांसा के आधार पर भोगोपभोग-प्रबन्धन का सैद्धान्तिक पक्ष
11.5.2 अशुभ भोगोपभोग की निरर्थकता, जैनदृष्टि का आधार 11.6 भोगोपभोग-प्रबन्धन का प्रायोगिक पक्ष । 11.6.1 भोगोपभोग-प्रबन्धन के लिए वस्तुओं का सम्यक् विश्लेषण करना
(क) स्पर्शादि इन्द्रियों एवं मन के विषयों के आधार पर (ख) महत्त्व के आधार पर
(ग) नैतिक, आध्यात्मिक एवं जैविक मूल्यों के आधार पर 11.6.2 भोगोपभोग-प्रबन्धन के लिए आवश्यक और अनावश्यक वस्तुओं का सम्यक निर्णय
करना 11.6.3 भोगोपभोग-प्रबन्धन की प्रक्रिया
11.6.4 भोगोपभोग-प्रबन्धन के विभिन्न स्तर 11.7 निष्कर्ष 11.8 स्वमूल्यांकन एवं प्रश्नसूची (Self Assessment: A questionnaire)
सन्दर्भसूची
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