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11.6 भोगोपभोग - प्रबन्धन का प्रायोगिक पक्ष
11.6.1 भोगोपभोग - प्रबन्धन के लिए वस्तुओं का सम्यक् विश्लेषण करना
भोगोपभोग-प्रबन्धन के लिए भोगोपभोग की सामग्रियों का सम्यक् विश्लेषण करना आवश्यक है। इस हेतु हमें पूर्व निर्दिष्ट सैद्धान्तिक बोध के आधार पर अपने आग्रह एवं आसक्ति को अलग करके जीवन-व्यवहार में प्रयोग की जा रही भोगोपभोग की वस्तुओं का सम्यक् वर्गीकरण करना होगा ।
वर्गीकरण के आधार निम्न हैं
(क) स्पर्शादि इन्द्रियों एवं मन के विषयों के आधार पर जैसा कि पूर्व में बताया गया है कि हम जितना भी भोगोपभोग करते हैं, वह मूलतया स्पर्श, रस (स्वाद), गन्ध, रूप, शब्द एवं भाव से सम्बन्धित ही होता है, अतः हम जीवन - व्यवहार में प्रयोज्य सामग्रियों को इन विषयों के आधार पर निम्नतया वर्गीकृत कर सकते हैं
3) गन्ध
4) रूप
प
क्र. विषय
विवरण
1) स्पर्श स्त्री-पुरूष आलिंगन, हीटर, कूलर, ए.सी., पंखा, शय्या, सोफे आदि । 2) स्वाद सभी प्रकार के खाद्य एवं पेय पदार्थ तथा इन्हें तैयार करने में सहायक उपकरण (क) अशन
(ख) पान
5)
शब्द
6) भाव
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सभी प्रकार के अनाज, कठोल, विगई, सब्जी आदि भूख मिटाने वाले पदार्थ । प्यास बुझाने वाले सभी प्रकार के तरल पदार्थ, जैसे पानी एवं माण्ड, खजूर, ककड़ी आदि का रस ।
(ग) खादिम
सभी प्रकार के फल, मेवे एवं सिके हुए अनाज आदि, जिनसे थोड़ा आधार मिलता है, किन्तु भूख पूर्ण शान्त नहीं होती।
(घ) स्वादिम - तम्बोल, सुपारी, जायफल, इलाइची, लवंग, सोंठ, पीपल, हरडे आदि स्वाद हेतु प्रयोग में लिए जाने वाले पदार्थ ।
इत्र, पुष्प, विलेपन, प्रसाधन-सामग्री (डीऑड्रेट, पाउडर आदि), धूप आदि ।
टी.वी.,
वस्त्र, जूते-चप्पल, एल्बम, दर्पण, श्रृंगार-प्रसाधन (लिपस्टिक, नेलपॉलिश आदि), गेम्स, सिनेमा, दर्शनीय स्थल, नाटक, नृत्य, सजावट, कम्प्यूटर, उपन्यास, कॉमिक्स आदि । संगीत, वाद्ययन्त्र, टी.वी., चलचित्र, रेडियो, भाषण, वार्तालाप, मोबाईल, लाउड स्पीकर आदि ।
अतीत के प्रिय अप्रिय भोगों का स्मरण, वर्त्तमान के भोगों के बारे में चिन्तन-मनन भविष्य के भोगों की कल्पना इत्यादि ।
उपर्युक्त स्पर्शादि विषयों के आधार पर हम स्थूल रूप से वस्तुओं का वर्गीकरण कर सकते हैं। इसमें कई सामग्रियाँ एक से अधिक इन्द्रियों का विषय बन सकती हैं, किन्तु सुलभता के लिए यहाँ पर उन्हें किसी एक इन्द्रिय का विषय माना गया है।
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अध्याय 11 : भोगोपभोग-प्रबन्धन
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