Book Title: Jain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Author(s): Manishsagar
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 749
________________ सन्दर्भसूची 37 जैनभारती (पत्रिका), मार्च, 2009, पृ. 16 38 अर्थशास्त्र के सिद्धांत, डॉ.रामरतन शर्मा, 2/1, पृ. 7 1 उत्तराध्ययनसूत्र, 19/18 39 वही, पृ. 7 2 उत्तराध्ययनसूत्र वृत्ति 40 आरंभे तापकान् प्राप्तावऽतृप्ति प्रतिपादकान्। (अभिधानराजेन्द्रकोष, 5/1603 से उद्धृत) अन्ते सुदुस्त्यजान् कामान्, काम कः सेवते सुधीः ।। 3 आचारांगसूत्रवृत्ति 1/2/4 (वही, 5/1603 से उद्धृत) - इष्टोपदेश, 17 4 बृहद्रव्यसंग्रह, नेमिचंद्राचार्य, 1/9 41 जैनभारती (पत्रिका), फरवरी, 2006, पृ. 23 5 द्वात्रिंशद्वात्रिंशिका, 24/5 42 वही, पृ. 23-24 6 वाचस्पत्याभिधान कोश 43 वही, पृ. 23-24 (अभिधानराजेन्द्रकोष, 5/1603 से उद्धृत) 44 वही, पृ. 23-24 7 बृहद्रव्यसंग्रह, 1/9 45 साधक सतसई, चाँदमल सिरोहिया ठाकर, 347 8 वही, 1/9 46 जिनवाणी (पत्रिका), अक्टूबर, 2010. पृ. 62-63 9 योगशास्त्र, 3/5 47 आचारांगसूत्र 1/1/3/5 10 व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र, 7/7/9 48 जैनभारती (पत्रिका), फरवरी, 2006, पृ. 24 11 उत्तराध्ययनसूत्र, 32/75 49 वही, पृ. 25 12 वही, 36/19-20 50 तत्त्वार्थसूत्र, 5/21 13 वही, 32/62 51 उत्तराध्ययनसूत्र, 5/5 14 वही, 36/18 52 वही, 10/20 15 वही, 32/49 53 साधकसतसई, चाँदमल सिरोहिया ठाकर, 570 16 वही, 36/17 54 उत्तराध्ययनसूत्र, 14/44 17 वही, 32/23 55 तत्त्वार्थसूत्र, 1/1 18 वही, 36/16 56 प्रवचनसार, 1/55 19 वही, 32/36 57 कर्मोदयापेक्षा भावात्तदपि पारिणामिक 20 पैंतीस बोल, सा.विद्युत्प्रभा, पृ. 51. - तत्त्वार्थराजवार्त्तिक 2/7, पृ. 112 21 उत्तराध्ययनसूत्र, 32/88 58 पद्मनंदीपंचविंशति, 4/64-65 22 अर्थशास्त्र के सिद्धांत, डॉ.रामरतन शर्मा, 2/2, पृ. 19 59 द्रव्यसंग्रह, 9 23 प्रवचनसार, 1/76 60 प्रवचनसार, 158 24 आचारांगसटीक, 1/2/4/2 61 पद्मनंदीपंचविंशिका, 6/7 25 महावीर का अर्थशास्त्र, आ.महाप्रज्ञ, पृ. 102 62 पंचास्तिकाय, 131 26 अर्थशास्त्र के सिद्धांत, एस.पी. दूबे, 1/8, 63 वही, 131 पृ. 107-108 64 धवला, 7/4/2/8/3 27 वही, पृ. 98-99 65 स्वयंभूस्तोत्र, 13 28 आचारांगसूत्र, 1/2/5/7 (सहजसुखसाधन, ब्र.सीतलप्रसाद, पृ. 82 से उद्धृत) 29 महावीर का अर्थशास्त्र, आ.महाप्रज्ञ, पृ. 102 66 श्रीमद्राजचन्द्र, अमूल्यतत्वविचार 1, पृ. 109 30 हमलोग (पत्रिका), 18 जनवरी, 2009, पृ. 1 67 सूत्रकृतांगसूत्र, 2/1/33 31 महावीर का अर्थशास्त्र, आ.महाप्रज्ञ, पृ. 102-103 68 उत्तराध्ययनसूत्र, 9/48-49 32 शपथ, हरिकृष्ण प्रेमी, पृ. 10 (हिंदीसूक्ति-संदर्भकोश, महो. 69 प्रवचनसार, 76 चन्द्रप्रभसागर, पृ. 91 से उद्धृत) 70 श्रीरामचरितमानस, बालकाण्ड 101/5 33 परमात्मप्रकाश, 2/3 (परिवार में रहने की कला, पृ. 125 से उद्धृत) 34 मरणसमाधि, 604 71 श्रीमद्देवचन्द्र, वर्तमान चौबीसी, 4/5 35 उत्तराध्ययनसूत्र, 13/16 72 प्रवचनसार, 76 36 दशवैकालिकनियुक्ति, 263-264 73 सहजसुखसाधन, ब्र.सीतलप्रसाद, पृ. 70-71 651 अध्याय 11 : भोगोपभोग-प्रबन्धन For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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