________________
दुस्तर
दृष्टा
टीका
व्याख्या, टिप्पणी (Commentary) त | तथ्य
| यथार्थ, वास्तविक घटना, सार, सच्चाई | तद्हेतु अनुष्ठान | हेतु या उद्देश्य के अनुसार किया गया अर्थात् धर्मानुराग से किया गया
अनुष्ठान | तरतमता
| कम-ज्यादापना, न्यूनाधिकता तरल
| बहने वाला पदार्थ (Liquid); लचीला (Flexible) तात्त्विक
| तत्त्व सम्बन्धी, वस्तु के स्वरूप सम्बन्धी तादात्म्य
अभिन्न, अनन्य, एकरूप, समरूप तुच्छफल
एक अभक्ष्य, जिसमें खाने का अंश कम और फेंकने के ज्यादा हो, जैसे -1
बेर आदि तुनकमिजाजी क्रोधी या चिड़चिड़ा (Short-tempered) त्वरित
जल्दी, तुरन्त, शीघ्र दिग्मूढ़ता
जीवन की सही दिशा का ज्ञान न होना, दिग्भ्रम | दीघनिकाय बौद्ध धर्म का ग्रन्थविशेष | दुर्व्यवस्था
खराब व्यवस्था
जिसे पार करना कठिन हो दुस्त्याज्य | जिसका त्याग बहुत मुश्किल से हो सके
राग किए बिना केवल देखने वाला, दर्शकमात्र दृष्टिवाद
आगम साहित्य का बारहवाँ यानि अन्तिम अंग | देहात्मबुद्धि | शरीर को ही 'मैं' मानने वाली बुद्धि दैहिक
शारीरिक दोहन !
उपयोग करना, दुहना द्योतित
प्रकाशित, व्यक्त किया हआ | द्रव्यानुयोग चार अनुयोगों में से एक, षड्द्रव्य, नवतत्त्व आदि वस्तु स्वरूप को प्रतिपादित
करने वाले शास्त्र द्वद्व
| संघर्ष, कलह, झगड़ा, जोड़ा द्वादशांगी | बारह अंग (जैन दर्शन के मूल बारह आगम) द्विदल
जिसके दो भाग होते हों, ऐसे कठोल, दाल, द्विदल कहलाते हैं। द्विदल के
साथ कच्चे दूध, दही या छाछ का मिश्रण अभक्ष्य बन जाता हैं द्विपद
दो पैरों वाले जीव | धर्मकथा
| जीवन-उपयोगी विषयों पर चर्चा करना या उपदेश देना |धर्मकथानुयोग प्रथमानुयोग, चार अनुयोगों में से एक, महापुरूषों की कथा का प्रतिपादक
शास्त्र धार्मिक आतंकवाद |धर्म के नाम पर आतंक फैलाना धार्मिक उन्माद | धर्म के नाम पर पागलपन की हद तक पहुंचना
अक्ष (Axis), श्रेष्ठ, दृढ़ नकारात्मक
अस्वीकार करने योग्य, अनुचित, अहितकारी नय
वस्तू के एक अंश को ग्रहण करने वाला ज्ञान नवाचार
नवीन आचार का विधान करना (Innovation) 777
संक्षिप्त शब्दकोष
धुर
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org