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निःशेष निःश्रेयस निकृष्ट निक्षेप निजीकरण नियत नियामक नियोक्ता निरत निरपेक्ष निरा निराकुल | निरूपक निरोध निर्ग्रन्थ निर्जरा निर्ममत्व निर्लिप्तता निर्वाण
जिसमें कुछ बचे नहीं, समस्त, समुचा मोक्ष, कल्याण जघन्य, निम्नतम, अधम, नीच पदार्थ को युक्तिपूर्वक जानने/जताने का उपाय अथवा लोक-व्यवहार सरकारी कम्पनियों को गैर-सरकारी बनाना (Privatisation) तय या निश्चित किया हुआ। नियम बताने वाला, अनुशासन में रखने वाला, व्यवस्था रखने वाला नियुक्त करने वाला (Employer) काम में लगा हुआ, मग्न, लीन दूसरे की अपेक्षा नहीं रखने वाला (Absolute) सिफे, केवल, मात्र, कोरा स्थिर, शांत, निर्भय, विकल्परहित, समाधि निरूपण करने वाला, विवेचन करने वाला रूकावट, रोध, नियन्त्रण ग्रन्थि रहित (परिग्रह रहित) साधु कर्मों का आंशिक क्षय होना ममता भाव न रखना लिप्त न होना, लगाव नहीं रखना, सांसारिक माया-मोह से दूर रहना मोक्ष, दुःख-निवृत्ति, कर्म-निवृत्ति, शारीरिक संयोगों से मुक्ति, जन्म-जरा-मरण से मुक्ति त्यागप्रधान, आत्मसाधना परक मोक्षमार्गी, संयमी, निवृत्ति मार्ग का समर्थक/ साधक कम्पनी आदि में लाभ हेतु रकम लगाना (Investment) मिथ्यात्वी का एक प्रकार, जो व्यवहार (साधन) की उपेक्षा कर एकान्त से निश्चय (साध्य) का आग्रह करने वाला हो, जिसे मात्र शब्दिक ज्ञान हो, भावात्मक नहीं | नकारात्मक, निषेध करने योग्य, अनुचित सारभूत अर्थ, नतीजा, परिणाम, निचोड़ (Conclusion) आज्ञाकारी, आस्थावान्, श्रद्धावान् सम्पन्न, भली-भाँति पूरा किया हुआ, उत्पन्न बनाना, पूरा करना, निष्पन्न करना लोकाचार की वह पद्धति, जिससे अपना कल्याण हो और दूसरे का अहित भी न हो सहायक कषाय – हास्य, रति, अरति, शोक, भय, जुगुप्सा, स्त्रीवेद, पुरूषवेद, नपुंसकवेद कम करना साधुओं द्वारा पूर्णतया स्वीकृत व्रत या नियम - अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह साधु-साध्वी जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व
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निवृत्तिपरक | निवृत्तिमार्गी निवेश निश्चयाभासी
निषेधात्मक निष्कर्ष निष्ठावान निष्पन्न निष्पादन | नीतियुक्त
नोकषाय
| न्यूनीकरण | पचमहाव्रत
प
पंचमहाव्रतधारी
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