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आध्यात्मिक विकास | | आत्मा का विकास आप्तपुरूष
अधिकृत व्यक्ति; राग, द्वेष और मोह से रहित सर्वज्ञ पुरूष आभ्यन्तर
आंतरिक, अंतरंग, भीतरी आमूलचूल
सम्पूर्ण, ऊपर से नीचे तक आयाम
विस्तार, फैलाव (Dimension) आरम्भ
हिंसा आदि की प्रवृत्ति करना आरा
काल-चक्र का एक विभाग, छह आरे मिलकर एक उत्सर्पिणी या अवसर्पिणी
काल होते हैं आरूढ
| सवार, आसीन, दृढ़, तत्पर आतध्यान
प्राप्त परिस्थितियों में दःखी या पीडित होना आर्द्रता
नमी आलोचना
गरू के सम्मुख अपने दोषों का निवेदन करना आसक्ति
लगाव, प्रेम, लिप्तता आसेवनात्मक शिक्षा | प्रायोगिक शिक्षा आस्रव
कर्मों का आना इ इन्द्रिय-व्यापार इन्द्रियों का उपयोग
इन्द्रियाश्रित इन्द्रियों पर आश्रित ईर्यापथिक
गमनागमन की क्रिया उत्तुंग
चोटी, शिखर उच्छंखल | निरंकुश, स्वेच्छाचारी, अनुशासन को नहीं मानने वाला, क्रमरहित उच्छेद
| काटना, नष्ट करना, जड़ से उखाड़ना उत्कर्ष
उन्नति, बढ़ाई, श्रेष्ठ उत्प्रेरित
| उत्साहित, उत्तेजित उत्सर्ग
| सामान्य (मूल) रूप से निर्दिष्ट नियम, विधि आदि; त्याग या विसर्जन उदय
| उगना, प्रकट होना, कर्म का फल या विपाक उदरपर्ति
पेट भरना उदात्तीकरण श्रेष्ठ होना, उत्कृष्ट होना, उच्च होना, वृद्धिशील होना उदारीकरण
आयात-निर्यात की व्यवस्था को आसान करना (Liberalisation) उन्मत्त
| पागल, शराबी, सनकी उन्मान
तगर आदि द्रव्यों को ऊपर उठाकर जिनसे तौला जाता है, वे तराजू आदि । उन्मार्गगामी विपरीत मार्ग की ओर प्रवृत्त होने वाला उन्मुक्त
स्वच्छन्द, बिना नियंत्रण के उपचय
| वृद्धि, उन्नति, इकट्ठा होना, जीवों में रासायनिक परिवर्तनों की प्रक्रिया । उपधान
तकिया, विशिष्ट तप आदि साधना के साथ ज्ञानार्जन करना उपलक्षण | गौणलक्षण, जैसे - संस्कार-संरक्षण के लिए टी.वी. का निषेध हो, तो
उपलक्षण से सिनेमा का निषेध स्वतः हो जाता है उपशम
| शांत होना, शमन होना, आत्मा के परिणामों की विशुद्धि से कर्मों की शक्ति
का प्रकट न होना उपादेय
ग्रहण करने योग्य
जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व
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