Book Title: Jain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Author(s): Manishsagar
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 880
________________ क्र. 273 274 275 ग्रंथकार/संपादक | संपा. खेमका राधेश्याम संपा, छजलानी विनय | संपा. जैन धर्मचंद्र संपा. डागा गौतमचंद संपा. पटवा शुभू संपा. समणी मल्लिप्रज्ञा संपा. महाजन महेन्द्र 8 पत्र एवं पत्रिकाएँ ग्रन्थ/पुस्तक प्रकाशक कल्याण गीताप्रेस, गोरखपुर नईदुनिया जिनवाणी सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडल, जयपुर युवादृष्टि युवालोक, लाडनूं जैनभारती जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा, बीकानेर प्रेक्षाध्यान तुलसी अध्यात्म नीडम्, लाडनूं पर्यावरणविकास पर्यावरण संरक्षण अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, 277 278 279 इंदौर 280 | संपा. माहेश्वरी प्रफुल्ल नवभारत =====4.>===== 10 जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व 770 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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