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वर्त्तमान में इन संस्थाओं के संचालन के लिए मुख्यतया दो व्यवस्थाएँ प्रचलित हैं पूंजीवादी एवं समाजवादी। किन्तु दोनों की अपनी-अपनी कमियाँ भी हैं, पहली व्यवस्था में व्यक्ति प्रधान है, तो समाज गौण है और दूसरी में समाज प्रधान है, तो व्यक्ति की योग्यता को महत्त्व नहीं मिलता ।
(ख) राजनीतिक एवं न्यायिक संस्थाएँ प्रत्येक व्यक्ति का जीवन प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सरकार, प्रशासन, पुलिस, न्यायालय आदि संस्थाओं से सम्बद्ध रहता है । वह इनके माध्यम से अपनी, अपने परिवार की एवं अपनी सम्पत्ति की सुरक्षा आदि कार्य करवाता है अथवा स्वयं इन संस्थाओं में कार्यरत रहकर अन्य नागरिकों के जीवनोपयोगी कार्यों में उचित सहयोगी बनता है 1
(ग) शैक्षणिक संस्था प्रत्येक व्यक्ति के लिए शिक्षा एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुकी है। आज व्यक्ति सिर्फ साक्षर बनकर ही सन्तुष्ट नहीं, अपितु उच्च - अध्ययन के लिए भी समर्पित है। इस हेतु वह स्कूल, कॉलेज, ट्रेनिंग सेन्टर, कोचिंग क्लास आदि अनेकानेक शैक्षणिक संस्थाओं से सम्बद्ध रहता है । वह केवल औपचारिक शिक्षा ही नहीं, अपितु मित्र, पड़ोसी आदि के साथ व्यवहार करते हुए अनौपचारिक शिक्षा की प्राप्ति भी करता है। 37
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(घ) सांस्कृतिक संस्था मनुष्य अपने आसपास के वातावरण से सम्बद्ध होता है और सांस्कृतिक संस्था का निर्माण करता है। इस संस्था के द्वारा वह कला, प्रथा, परम्परा, रीति-रिवाज, रहन-सहन, खान-पान, मनोरंजन आदि अनेकानेक सांस्कृतिक पहलुओं का आदान-प्रदान करता है। इस संस्कृति से वह अत्यन्त प्रभावित रहता है । वर्त्तमान में सांस्कृतिक संस्थाओं की कुछ महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ हैं -
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★ वैश्वीकरण (Globalization)
★ निजीकरण (Privatization)
★ उदारीकरण (Liberalisation)
★ भौतिकवादी संस्कृति (Materialism)
★ उधारवादी संस्कृति (Loan Culture)
Culture)
इस प्रकार, व्यक्ति अनेकानेक संस्थाओं से सम्बद्ध रहता हुआ अपना जीवन-यापन करता है । यद्यपि वह समाज के सहयोग से जीवन को विकासोन्मुखी बनाना चाहता है, तथापि वह कुछ ऐसी विसंगतियों से ग्रस्त हो जाता है, जिनसे उसका जीवन न स्वहित में उपयोगी बन पाता है और न ही समाजहित में। इन दोनों के चलते वह अपने पारमार्थिक-हित (आत्म-कल्याण) से भी वंचित रह जाता
है।
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आगे, इन विसंगतियों एवं उनके दुष्परिणामों की चर्चा की जा रही है।
★ उपभोक्तावादी संस्कृति (Consumerism ) ★ शहरीकरण (Urbanization)
★ महानगरीय संस्कृति (Metropolitan Culture)
★ निर्माण संस्कृति (Cement - Concrete Jungle
जीवन- प्रबन्धन के तत्त्व
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