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Young male reproductive system
Bladder
Prostate
Penis
- Testicle
Ulerus
- Ovary - Reclum -Cervix
Vagina Anus
(छ) प्रजनन तन्त्र (Reproductive System) – यह तन्त्र सन्तानोत्पत्ति की प्रक्रिया से सम्बन्धित है। स्त्री-पुरूष के सम्भोग करने पर यह तन्त्र क्रियाशील होता है। सर्वप्रथम पुरूष के वृषण (Testis) में उत्पन्न शुक्राणु (Sperms) वाहिकाविशेष (Vasdeferensd) के द्वारा मूत्रद्वार नली (Urethra) में पहुंचते हैं। ये शुक्राणु बाद में शिश्न (Penis) अर्थात् छिद्रयुक्त नलाकार अंग के द्वारा स्त्री के प्रजनन अंग तक पहुँचते हैं। स्त्रियों में योनि (Vagina) से होते हुए तथा गर्भाशयिक ग्रीवा (Cervix) से गुजरते हुए गर्भाशयिक नलियों (Fallopian tube) में पहुँचकर वहाँ ठहर जाते हैं। इन शुक्राणुओं की प्रारम्भिक संख्या अनुमानतः तीस |Unary baccer - करोड़ होती है, किन्तु गर्भाशयिक नलियों तक कुछ more ही पहुँच पाते हैं। जब स्त्री की डिम्बग्रन्थि (Ovary) से डिम्ब (Ovum) निःसृत होता है, तब उसका सम्मिश्रण किसी एक शुक्राणु के साथ होता है। सम्मिश्रण के पश्चात् निषेचित डिम्ब (Fertilized Ovum) तैयार हो जाता है, जो अन्ततः गर्भाशय (Uterus) में पहुँचकर जीवन-विकास प्रारम्भ करता है और लगभग नौ माह के पश्चात् शिशु रूप में जन्म लेता है। (ज) आवरण-तन्त्र (Integumentary System) - इस तन्त्र का मुख्य सम्बन्ध त्वचा से है, जो
पूरे शरीर के अवयवों को ढंक कर रखती है। इसके मुख्य अवयव हैं - त्वचा, रोम, नख, पसीना एवं तैल-ग्रन्थियाँ (Sweat Glands)। इस तन्त्र के मुख्य कार्य हैं - शरीर के ताप का नियंत्रण करने (Temperature Control) में सहयोग देना, पसीने के रूप में त्याज्य-पदार्थों का उत्सर्जन करना, विटामिन डी का उत्पादन करना तथा बाह्य स्पर्श, दर्द आदि के प्रति संवेदनशील होना इत्यादि
Eccrine sweat unit
ADOC 0
unit
Sebaceous
gland
Arrector pili muscle
Epidermis
Spiraled duct
Papillary
Meissner nerve ending
Dermis
Straight ducts
Hair shaft
Reticular
Coiled duct
Dermal
vasculature Subcutis
Eccrine gland
Apocrine gland
Pacini nerve ending
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अध्याय 5 : शरीर-प्रबन्धन
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