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(Physique) सम्बन्धी विशेषताओं (गुण-दोषों) पर आधारित कारक। * जैव-रासायनिक कारक (Biochemical factors) – शरीर के हार्मोन्स , अन्य रसायन तथा
खान-पान सम्बन्धी गड़बड़ी वाले कारक। * मस्तिष्कीय क्षति सम्बन्धी कारक (Brain dysfunction factors) – मस्तिष्क चोट , संक्रमण (Infection), मादक पदार्थ सेवन, मस्तिष्क ट्यूमर, बुढ़ापा आदि से सम्बन्धित मस्तिष्कीय
गड़बड़ी वाले कारक। ★ शारीरिक तनाव (Physical Stress) – तापमान, आर्द्रता , वायुदाब , तीव्रध्वनि (कोलाहल) आदि
भौतिक गड़बड़ी तथा निराशा, कुण्ठा, असुरक्षा, भय आदि मनोसामाजिक गड़बड़ी करने वाले
कारक, जो शरीर में तनाव उत्पन्न करते हैं। (2) मनःसामाजिक कारक - यह व्यक्ति और उसके वातावरण के बीच उत्पन्न होने वाले असामंजस्य से सम्बन्धित कारक है। इसके प्रमुख विभाग निम्न हैं - ★ संज्ञानात्मक कारक (Cognitive Factors) - स्वयं का और वातावरण का सही मूल्यांकन
नहीं कर पाने सम्बन्धी कारक। ★ बाल्यावस्था सम्बन्धी समस्याएँ (Childhood Problems) - बचपन में मानसिक-पीड़ा,
जैसे - घर में अति-उपेक्षा, आवासीय स्कूलों अथवा होस्टलों में भर्ती कराया जाना, माता-पिता
की मृत्यु होना, कोई अवांछनीय घटना होना आदि। ★ अपर्याप्त पालन-पोषण (Inadequate Parenting) - बच्चे की अतिसुरक्षा, उस पर
अतिरोक-टोक, उससे अत्यधिक आशा या उस पर दोषपूर्ण अनुशासन लादना आदि
लालन-पालन सम्बन्धी दोष। ★ पारिवारिक समस्याएँ (Family Problems) – परिवार में अस्वस्थ वातावरण का होना
इत्यादि। ★ साथी सम्बन्धी समस्याएँ (Friends & Relatives related Problems) – तालमेलविहीन
साथी/सम्बन्धियों का मिलना इत्यादि। (3) सामाजिक-सांस्कृतिक कारक – यह विविध सामाजिक तथा सांस्कृतिक पहलुओं से जुड़ा हुआ कारक है, इसके मुख्य विभाग निम्न हैं -
★ सामाजिक-आर्थिक स्तर का निम्न होना (Lower Socio-economic status) ★ विशिष्ट सामाजिक भूमिका (Special Social Role), जैसे – सैनिक, नेता, प्रशासक,
न्यायाधीश, वैज्ञानिक आदि होना। * सामाजिक सम्बन्ध (Social Relationship) में कमी अथवा विसंगतियों का होना। ★ आर्थिक समस्याएँ (Economic Problems), जैसे – बेरोजगारी, व्यापार में नुकसान आदि का अध्याय 7 : तनाव एवं मानसिक विकारों का प्रबन्धन
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