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जिनकी सृष्टि ग्रह स सागरा धरित्री कही जाती है और जिनकी भुजाएँ ये सारी दिशाएँ है, उन "क" नाम वाले
५.-जिन्होंने इस उन्नत आकाश और पृथिवीको अपने-अपने स्थानों पर सदरूपसे स्थापित किया है, जिन्होंने स्वर्ग और प्रादित्यको रोक रखा है; और जो अन्तरिझमें जलके निर्माता है। उन "क" नाम वाले..
६-जिनके द्वारा गौ और पृथिवी, शब्दायमान होकर; स्तम्भित और उल्लसित हुए थे; और दीप्तिशील छौ और पृथिवीने जिन्हें महिमान्वित समझा था। सथा जिनके पाश्रयसे सूर्य उगते और प्रकाश करते हैं, उन "क" नाम वाले..'
-प्रचुर जल मारे मुवनको आश्छन्न किये हुए था। जलने गर्भ धारण करके अग्नि वा आकाश आदि सबको उत्पन्न किया। इससे वेवोंके प्राण, वायु उत्पन्न हुए । उन "क" माम वाले..'
८-बले धारण करके जिस समय जलने अग्निको उत्पन किया. उस समय जिन्होंने अपनी महिमाले उस जलके ऊपर चारों ओर निरीक्षण किया तथा जो देवोंमें अद्वितीय देवता हुए, इन "क" नाम वाले..
-जो पृथिवीके जन्मदाता है, जिनकी धारण-क्षमता सत्य है, जिन्होंने आकाशको जन्म दिया और जिन्होंने अानन्दवर्धक तथा प्रचुर परिमाणमें जलं उत्पन्न किया, वह हमें नहीं मारें। उन "क" नाम वाले...
१५-प्रजापति तुम्हारे अतिरिक्त और कोई इन समस्त उत्पन्न प्रस्तुओंको अधीन करके नहीं रख सकता। जिस अभि