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३० लाख वर्षके हुए होंगे, कुछ जरायुज जंतुओं से उत्पन्न हुए । (१) इनकी पुरुष शाखाका सबसे नया और पूर्ण कला मनुष्य है जो कई लाख वर्ष हुए कुछ वन मानुषोंसे निकला था । हैकलने इन नियमोंका वर्णन करते हुए रेमोडको जगत्संबन्धी सात x प्रश्नों में से तीनका हल अपने एक द्रव्यवाट् बतलाया है। वे सात प्रश्न ये थे --- (१) द्रव्य और शक्तिका वास्तविक तत्व (२) गतिका मूल कारण (३) जीवनका मूल कारण (४) सृष्टिका इस कौशल के साथ कम विधान (५) संवेदना और चेतनाका मूल कारण । (६) विचार और इससे संबद्ध वाणीकी शक्ति (७) इच्छा का स्वातन्त्र्य । एक द्रव्यवादके उपर्युक्त ७ प्रश्नोंमेंसे ६ का हल उसने (हेक्लने) अपने एक द्रव्य से बतलाते हुए ईश्वर और जीव की स्वतन्त्र सत्ताको इनकार किया है और चेतनाकी उत्पत्ति जड़ प्रकृति से संभव समझी है ।
सारांश - उपरोक्त प्रमाणोंसे यह स्पष्ट सिद्ध हो जाता है कि परमाणुओं में स्वाभाविक गति है, अतः वे प्रति समय क्रिया शील रहते हैं । ऐसा होनेपर जगतके प्रलयका प्रश्न नहीं होता। क्योंकि मलयवादी प्रलय अवस्था में परमाणुको निष्क्रिय मानते हैं। इसी लिये तो परमाणुओं में आद्य क्रिया देनेके लिये ईश्वरकी भावश्यकता है । परन्तु जब यह सिद्ध होगया कि परमाणुओं में गति किसी अन्य द्वारा नहीं आती अपितु गति परमाणुका स्वाभाविक
इमिल डयू, बास, भौंड (Enil Du, Bois Raymond) १८६० ई० वालिन में एक व्याख्यान दिया था उसी में इन ७ प्रभों को उठा था। इनमें से उसने १, २, ५ को हल करने योग्य ठहराया था। शेष में से ३, ४, ६ को समझाया था कि इनका हल होता संभव है पर अत्यन्त कठिनता के साथ ७ वें और अंतिम प्रभको भी हलके अयोग्य ठहराया था ।