Book Title: Ishwar Mimansa
Author(s): Nijanand Maharaj
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 861
________________ - - | प्रया पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध २६३६ २६३ विराद जायस अथवाव रिस चाप्पजः मसिविष्णु · जाचक तिष्टन्तीं . प्रारण सम्बतसर दिन के है धानाधिपति किरोड़ों मात्मन बत्त विराद्ध जात्रत अर्थवाद रिति चाप्यजः मतिर्विष्णुः वाचकैः निष्ठन्ती प्रारणेन सम्वत्सर २२ २६०८ धनाधिपति करोड़ों मात्मन्धत स्तद् लोम न्ये व अर्जुन तिष्ठति तद्वेदान्तेषु २७३१६ लेम नयेव ऽर्जु निष्ठति वेवान्तेषु दह देह " दह थिषी २७६२ --" पृथिवी जीवः पतास्तत्व पादोऽस्य द्विराजायत जीवा उत्तमृतत्व पादोऽस्य दिग्खाजायत .-1 "--- ...

Loading...

Page Navigation
1 ... 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884