Book Title: Ishwar Mimansa
Author(s): Nijanand Maharaj
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh

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Page 867
________________ पंक्ति अश्वद्ध प्रारम्भ शुद्ध भारंभ श्रेष्ठ श्रेष्ठ ३७६ ३७६ ३७६ द्रष्टा भोक्त द्वंदात्मक पृथ्वी की फैलती गई निगुण प्रश्न मानधी ३८१ 营智慧莫莫莫莫莫盘点盘点爱爱爱爱爱着紧紧靠留 ३८२ 1८३ ३८३ ३८६ मुटा भोक्त इंदत्मक पृश्य की फैली गई निगुण प्रश्न मानवा सदृश्य ५ स्वतंत्र सिह निर्भय ह तक १३ विरोधा १७ अथ समथन हा मूत वरान सर्क अमृतं मापः इनमानसीत शल तिष्ठस्थ साप्ताचिषों १३ यचिन्तः सत्र सिंह निर्भय तर्क विरोधी AN समर्थन ही मूर्त ३८५ वर्णन सोऽर्कः अमृत मापः इदमनासीत् ३८७ तिष्ठस्त्र सप्ताषिो यश्चित्तः ३८७

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