Book Title: Ishwar Mimansa
Author(s): Nijanand Maharaj
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 876
________________ पृष्ठ पंक्ति धर्माधर्म xxx ५.२५ १५ ५२८ १६ अशुद्ध धर्माधर्म सेवामल्पा तेषामल्पा सकले सकता योगीभ्यास योगाभ्यास मष्फल निष्फल अविद्यास बिमा अविद्याके पिना विशिष्ट संपसे विशिष्ट रूपके कहा जाय तो कि कहा जाय कि वह इसलिये तो यह इसलिये पृषक विम्वस्थानाय विम्बस्थानीय मलिनादि मलिस्वादि प्रा? विशंभनु विशमनु पत्ताञ्जलि पतञ्जलि दर्शनामेक दर्शनानामेक सामानतय समानतया प्रथक प्राहु ५३२ २४ ५३३८ ५३४ ५३६ २२ २३ यद्यारित मत था योगीमत युधिष्ठर यस्ति मसका था योगमत युधिष्ठिर षष्टश्न ५३६ ५३९ १० २४ ख्यक्त बासकी पास ही

Loading...

Page Navigation
1 ... 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884