Book Title: Ishwar Mimansa
Author(s): Nijanand Maharaj
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh
View full book text
________________
पृष्ठ ३५६
पंक्ति २२
शुद्ध वाणी
वाचा अष्टश्च
श्रेष्ठश्च
श्रेष्ठ
३५६८
प्रणिति प्राणीयते साहस महत्पमा भत्वा औषषि समभरन प्राणच्छष्ट उन्नं मनाद् तस्मिनेतदात
श्रेष्ठ प्राणिति प्रणीयते साश्य महतमा भत्वा
औषधि समाभरम् प्राणासष्टी उन्न मन्त्राद सस्मिन्नेरवातसम् प्रजा. प्रेमेनमप्राविशत् तुच्छेनाम्ब
प्रेजों
Mmmmmmmmmmmmm.
rrm
प्रमणान पाविशत् तुमछपेनाम्व गूल्ह बाल आमदन
यपान आच्छादन व्य
पदों
अर्थ
२०
पदा अथ स्वे महनि परया वान
स्वेमहिनि परना
३७६
वर्णन

Page Navigation
1 ... 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884