Book Title: Ishwar Mimansa
Author(s): Nijanand Maharaj
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh

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Page 854
________________ पृष्ठ ६ हए ६५ हुथू हुई ६ हद हट हह ££ पंक्ति १५ ५ ५ १२ ६६ हह हह हह १८ १०४ १०५ १०५ 中々弩 the wet १४ १६ عام १०० १६ १०५ १० १०१ २५ १०० ७ १.२ १०३ २० २५ ६ १५ २.१ ( ६ ) अशुद्ध श्रामिनन्नि स्ववं सुर वरुणों त्वां जगतीषु ब्रम वरणो प्रौत मातरिस्वान सत्यं 'तत्वदर्शी गरुत्वभाव पंडित गण मातरिश्वा मुक्त मध्यतो देव ऋदेव स्वास्ति नई है परम यथाथ ताम्र शुद्ध मामनन्ति ਚ ਕੋ सूर्यस्य वरुणो त्वां जगतीषु ब्रह्म वरुणो प्रोत मातरिश्वान सत्यं तत्वदर्शी गरुत्मान् पंडितगण मातरिश्वा अन्तर्भुक्त मध्यतो देखें ऋग्वेद स्वस्ति गई है परम वर्णित यथार्थ ताम्र

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