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१८७ ३५
१०८
४
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२३
१११
१६
११२
११२
१५२.
११३
११४
११४
११६
११७
११२
११२
११८
१२६
१५
१२
१३२
१३२
१३३
१३३
क
१७
२५
१
१०
५
१५
२६
美
१२८ १७
१३०
१३१
२१
३
१६
२१
अशुद्ध
शिचित
मदभ्यो
नायकों की
मर्पित
वणोत
भाग
ओर
ज्ञा
दिखाई
ओर
विकास
हुये
सूर्यासूक
अनष्टान
क्रियों में
क्रियाबलि
विकिसित
धरियन
दुरितानी
सन्तिः
शर्म
बृहस्पति
वृष्णो
विभषि
सामश्रमी
}
शुद्ध
शिति
महद्भयो
नायकों को
मर्पित
वृणोतु
भर्गो
और
क्ष्मा
दिखाई
और
विकाश
हुबे
सूर्यसूत
अनुष्ठान
क्रियाओं में
कियावली
विकशित
धरियन
दुरितानि
समित
शर्म
बृहस्पतिः
विष्णो
विभर्षि सामाश्रमी