Book Title: Ishwar Mimansa
Author(s): Nijanand Maharaj
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 851
________________ - - -. -.. -.. पृष्टव पंक्ति ४२११ अशुद्ध उयह सर्वाणुक्रमणी तस्थुषचेति सूर्यमण्डलास्थित सारगुत्राभरणी शुद्ध सबट सर्वानुक्रमणी तस्थुषश्चेति सूर्यमण्डल स्थिन सानुक्रमणी कृत्तिका कृतिका पुष्पा अश्लेषों घनिष्ठा जातिवेदम फलदानिता স্থান पांगमय उषाग्च भक्षोत्र क्षेत्रस्यपति अश्व एवं वहन्त्यग्नि माहाभाग्याद् क्षात्रा शाक्ल्य नित्रद मनिनमाहु करता अश्लेषा धनिष्ठा जातवेवस फलदातृता अधीन वाङमय ऽवाय মাস্ক क्षेत्रस्पति अश्व इव बहन्त्यग्नि महाभाग्याद् मात्र शाकल्य निविद् मनिमाड की

Loading...

Page Navigation
1 ... 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884