________________
(vec)
व्यापक नहीं हूँ। पुस्तक पाठकों के हाथमें होगी और मैं कई कोसों पर दूर बैठा हूंगा। इंजनका बनाने वाला इंजनमें कहां व्यापक होता है ? न कुम्हार ही घमें रहता है । परन्तु क्या घड़ा घड़ी. पुस्तक तथा इंजन अपना अपना काम नहीं करते ? यदि अल्पज्ञ कुम्हार का बनाया घड़ा उसको व्यापकता के बिना कई साल काम दे सकता है तो वह ईश्वर जिसकी शक्ति तथा ज्ञान अपार बताया जाता है सृष्टिके भीतर व्यापक रहनेके लिये
अति किया जाय । बहुतसे वेदान्ती लोग इसीलिये ईश्वर को निमित्त कारण न मान कर उपादान कारण मानते हैं ।
इस लिये अनेक विद्वानों का मत है कि जिस प्रकार सूर्य एक विशेष स्थान पर है परन्तु उसका प्रकाश समस्त भूमण्डल पर जाता है, उसी भांति ईश्वर विशेष स्थान पर है, परन्तु उसका प्रकाश समस्त सृष्टि में उपस्थित है। इस प्रकार ईश्वर स्वतः तो व्यापक नहीं हैं किन्तु प्रकाश रूपसे व्यापक है ।
1
1
इस पर आप लिखते हैं कि "सबसे पहले हम इस बात की मीमांसा करते हैं कि निमित्त कारण कार्य में व्यापक होता है. या नहीं। इतनी बात तो शायद सभी को माननीय है कि जहाँ कर्ता नहीं वहाँ वह कोई क्रिया भी नहीं कर सकता । मेरा उसी वस्तु पर श और अधिकार है जो मेरे हाथ में है । जहाँ मेरी पहुंच नहीं, वहाँ मेरे द्वारा कोई क्रिया भी नहीं हो सकती। कभी कभी ऐसा होता है कि एक क्रिया में कई छोटी बड़ी कियायें सम्मिलित होती हैं, उनमें से एक क्रिया एक पुरुष करता है । और शेष अन्य पुरुष । परन्तु कथन मात्र के लिये नाम एक का ही होता है । यह केवल कहने की शैली है। Taas F नही, जैसे कहते हैं कि ताजमहल का निर्माता शाहजहाँ था । ताजमहल का निर्माण एक क्रिया नहीं है किन्तु सहस्रों या लाखों