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(E) करतलके जी त्रिकोणाकृति स्थान है उसमें फूली या क्रास का चिन्ह है।।
(१०) गुरु अथवा बुधके पर्वत पर कोई भी चिन्ह अधिक गहरा या उठावदार हे।।
लोभी (1) मस्तिष्क रखा मूलमेंसे अन्त तक लम्यी चली गई हो, किर्मा किसी समय अन्तःकरण रेखासे मस्तिष्क रखा ही जोरदार व अधिक स्पध्र दाख पड़ती है तथा अनामिका अंगुली चतुष्कोण आकारकी हो तो वह लोभी होता है। . (२) मध्यमा और अनामिकाका तीसरा पर्व लम्बा व कम चौड़ा और चौकीन श्राकारका होना लोभीका मुख्य लक्षण है।
(३) हाथका अंगूठा करतलको ओर झुका हुश्रा हो और सूर्यका पर्व अधिक ऊंचा हो तो भी लोभी होता है।
(४) हाथके ऊपर अन्तःकरणरेखाका बिल्कुल अभाव हो।
(५) एक रेखा अन्तःकरण रेखामेंसे निकलकर बुधकेपर्वत पर जाती है। तथा बुधका पर्वत भी अधिक ऊंचा हो ।
नोट (१) अन्तःकरण रेखा में से निकल कर मंगल के स्थान में से हो कर सूर्य के स्थानमें जाकर मिलती होतो उसको वृद्धअवस्था में जाकर धन लाभ होगा।
(0) मस्तिष्क रेखा में से निकली हुई धन रेखा यदि दोनों हायों पर स्पष्ट हो तो भी यही फल मिलेगा।
(३) जब कुछ छोटी छोटी रेखाएं आयु रेखा में से निकल कर मस्तिष्क रेखाको पार करके आगे जाये तो उसको वृद्ध अवस्था में व अन्य अवस्था में धन प्राप्त होगा परन्तु वह टिकेगा नहीं।