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यझो 2 विष्णु । कोट ४२। ता० ६६।१०
इत्यादि शनशः प्रमाण दिये जा सकते हैं, जिनमें यन्त्रका नाम विष्णु पाया है। यजुर्वेदमें भी यज्ञक लिये विष्णु शब्दका प्रयाग हुआ है।
सूर्य और विष्णु
अग्नि प्रहः सोमो सत्रि रथयादन्तरेण (ब्रह्मो रात्रश्च. योऽन्तरालः कालः) तद्विष्णुः । श० ३।४।४।१५
अर्थात दिनका नाम अनि और रात्रिका नाम सेोम है, तथा .. दिन व सत्रिके मध्य ( सन्ध्या ) समयका नाम विष्णु है। अभिप्राय यह है कि सायंकाल के सूर्यका नाम विष्णु है।
निरुक्त निस्क्तकारने सूचका नाम विष्णु बताया है।
निघर में, सविता भग, सूर्य, पूषा. बि. ये नाम सूर्य के बताये हैं। - इसका निर्वचन करते हुये निमक्तकार लिखते हैं कि
'सविता व्याख्यातः, तस्य कालो यदा यौः अपहत तमस्काकीर्ण रश्मिर्भवति ।
"अधोरामः पावित्रः" इनि पशु समानाये विज्ञायते । कस्मात् समान्यात् , इति अधस्तात् तद्वेलायां तमो भवति एतस्मात् सामान्यात् ।