________________ सेठियाजनप्रन्यमाला 66 अगर कोई तुम्हें गाली देरहा हो तो तुम भी उमे गाली म देने लगो / क्योंकि गालिया देनेवाला आदमी सभ्य समाज में नीच व्यक्ति गिना जाता है। 17 ऐसे शब्द अथवा वाक्यों का प्रयोग न करो जिनसे सुननेवालों को लज्जा उत्पन्न हो। 68 बिना आज्ञा प्राप्त किये किसी की सवारी, पलङ्ग और आसन पर मत बैठो। . 66 पाठशाला में कई विनौने बालक अग्नी स्लेट (पट्टी) को थूक से साफ करते हैं, यह आदत बहुत ही भद्दी है। 70 चलते समय कंकर मिट्टी लकड़ी या अन्य किसी प्रकार की वस्तुओं को पैर से ठुकराते हुए चलने का स्वभाव मत डालो। यह आदत प्रायः फुटबाल के खिलाड़ियों में होती है, . अतएव फुटबालप्रेमी विशेष ध्यान रखें। 71 यदि कोई सत्कार के लिये पान, सुपारी, लौंग, इलायची, इन वगैरः दे तो उसे धन्यवादपूर्वक स्वीकार करो / ले चुकने पर या लेने के पूर्व दाता को हाथ जोड़कर प्रणाम करो। . 72 व्याख्यान देते समय अपने हाथ पैरों और मुख भादि अंगों को अकारण ही अधिक मत हिलायो। जल्दी जल्दी सपाटे से भाषण मत करो। अपने हाथों को बारम्बार टेबल पर मत पटको और खूब फैली हागे करके मत खड़े हो / अपने खड़े रहने का दहा स्वाभाविक ही हो, इस बात का ध्यान रखो।